भोपाल। जन न्याय दल ने मध्यप्रदेश के युवाओं को 3000 रुपए मासिक बेरोजगारी भत्ता देने के अपने संकल्प को एक बार फिर दोहराया है। प्रदेश में कल होने जा रही युवा पंचायत 2013 के संदर्भ में जन न्याय दल ने सरकार से मांग की है कि वह थोथे वादों से आगे बढ़कर बेरोजगार युवाओं को तीन हजार रुपए मासिक बेरोजगारी भत्ता देने की घोषणा करे। जन न्याय दल के प्रदेश प्रवक्ता आलोक सिंघई ने राजधानी में जारी एक बयान में सरकार से आग्रह किया है कि वह युवाओं को उत्पादकता से जुड़े कार्यों में शामिल करे ताकि प्रदेश को विकसित राज्यों की पंक्ति में सबसे आगे खड़ा किया जा सके।
जन न्याय दल ने छह जनवरी को सागर में पार्टी की ओर से शुरु किए गए परिवार सर्वेक्षण अभियान का हवाला देते हुए कहा कि असफल उदारीकरण और सरकारों की नीतियों की नाकामी के कारण बेरोजगारी तेजी से बढ़ती जा रही है।मध्यप्रदेश सरकार ने अपने संसाधनों से और विदेशी कर्ज लेकर प्रदेश के आधारभूत ढांचे के विकास को गति देने का काम किया है। इसके बावजूद मानव संसाधन को संजोने के पैमाने पर ये सरकार भी बुरी तरह असफल साबित हुई है।
युवा शक्ति के संभावित विद्रोह से घबराकर राज्य सरकार ने युवा पंचायत 2013 जैसा आयोजन किया है। इस आयोजन में सरकार युवाओं को गुमराह करने के लिए तरह तरह के वादे और घोषणाएं करने जा रही है। जन न्याय दल का मानना है कि इन घोषणाओं का लाभ न तो युवाओं को मिलेगा और न ही इन खोखली घोषणाओं से समाज लाभान्वित होगा। अब समय आ गया है कि जब हम युवाओं को उत्पादकता का लाभ सीधे तौर पर दें।
जन न्याय दल ने आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर अपने वादे को एक बार फिर दुहराया है कि वह अपनी नीतियों पर काम करने वाली भावी सरकार से युवाओं को तीन हजार रुपए मासिक भत्ता दिलवाने की व्यवस्था करेगी। हर साठ साल से अधिक उम्र वाले पात्र वृद्ध नागरिक को भी तीन हजार रुपए मासिक वृद्धावस्था पेंशन दिलाई जाएगी। हर पात्र भूमिहीन कृषक परिवार को जीवन निर्वाह के लिए पांच एकड़ भूमि लाईसेंस के आधार पर दिलाई जाएगी। अपने महत्वाकांक्षी परिवार सर्वे अभियान को लेकर जन न्याय दल ने प्रत्येक चिन्हित परिवार को गरीबी रेखा कार्ड दिलाने का भी फैसला लिया है जिसे वह अगली सरकार से अवश्य लागू कराएगा।