भोपाल। राजधानी के इंदिरा गांधी गैस राहत अस्पताल में एक बार फिर भटकती आत्माओं का मामला उस समय गर्मा गया जब एक किशोरी लिफ्ट में पांचवीं मंजिल पर जा फंसी। घंटों मशक्कत के बाद उसे निकाला जा सका।
मामला इंदिरा गांधी गैस राहत अस्पताल में भटकती आत्माओं का है। इस अस्पताल की पांचवी मंजिल काफी समय से बंद है। कहा जाता है कि यहां गैस पीड़ितों की आत्माएं भटकतीं हैं और वो न्याय मांग रहीं हैं। इसी दहशत के चलते अस्पताल प्रबंधन ने पांचवी मंजिल बंद कर रखी है।
आज सुबह करीब 7 बजे एक किशोरी चौथी मंजिल पर बुधवारा निवासी मोहम्मद रिजवान का 3 साल का लड़का चांद अंसारी भर्ती है। उसे देखने सुबह उसकी खाला (मौसी) जिबा खान अस्पताल पहुंची थी।
वह दूसरी मंजिल से चौथी मंजिल पर जाने लिफ्ट में सवार हुई। लिफ्ट चौथी मंजिल पर न रुककर पांचवीं मंजिल पर चली गई।
पांचवीं मंजिल पर भी लिफ्ट का दरवाजा नहीं खुलने पर उसमें फंसी किशोरी ने अर्लाम स्विच दबाया। इस पर ड्यूटी कर रहे सुरक्षा गार्ड ने लिफ्ट खोलने की असफल कोशिश करने के बाद इंजीनियरों को बुलवाकर उसके गेट खुलवाए। तब कहीं जाकर किशोरी को बाहर निकाला जा सका।
वहां आत्माएं हैं या तकनीकी खराबी। कुल मिलाकर एक किशोरी दो घंटे तक लिफ्ट में फंसी रही और उसे बार बार मौत आती हुई दिखाई दी।
