भोपाल। राधौगढ़ नगरपालिका चुनाव में जिन परिणामों की उम्मीद थी वही सामने आ रहे हैं। दिग्विजय सिंह के भतीजे और लक्ष्मण सिंह के चिरंजीव आदित्य सिंह रिकार्ड मतों से जीत गए हैं। खबर मात्र इतनी है कि जीत का अंतर 8158 वोट का रहा और भाजपा 24 में से 23 वार्डों में हार गई।
इस चुनाव में दिग्विजय सिंह ने जिस दिन प्रत्याशी का नाम घोषित किया, उसी दिन तय हो गया था कि चुनाव एकतरफा है और जीत आदित्य सिंह की ही होगी। गोपाल पटवा के पक्ष में इतनी शक्तियां काम कर ही नहीं रहीं थीं जो दिग्विजय सिंह को चुनौती दे पातीं।
राधौगढ़ में लक्ष्मण सिंह का निजी नेटवर्क भी कम मजबूत नहीं है और जब दोनों भाई सहित पूरा परिवार जुटा हो तो इससे कम क्या परिणाम आ सकते थे। बस इतनी सी कमी रही कि 24 में से 1 वार्ड में कांग्रेस जीत नहीं पाई।
इंदौर। ओंकारेश्वर नगर पालिका चुनाव में कांग्रेस को खासी सफलता मिली है। कुछ दिन पूर्व पीथमपुर नगर पालिका चुनाव में भी कांग्रेस प्रत्याशी की जीत हुई थी। पिछले एक साल से लगातार उपचुनावों में जीत की ओर बढ़ रही भाजपा के विजयी अभियान पर एकाएक रोक लग गई है। राघौगढ़ के २४ में से 23 वार्डों पर कांग्रेस प्रत्याशी जीते हैं, जबकि ओंकारेश्वर में कांग्रेस-भाजपा बराबरी पर रहे हैं और एक भाजपा का बागी प्रत्याशी विजयी रहा। राघौगढ़ में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह के भतीजे और पूर्व सांसद लक्ष्मणसिंह के पुत्र आदित्य विक्रम सिंह भारी मतों से अध्यक्ष चुने गए हैं। मध्यप्रदेश में भाजपा संगठन में परिवर्तन के बाद यह लगातार तीसरी हार है।
ओंकारेश्वर में कांग्रेस जीती
इंदौर। ओंकारेश्वर नगर पालिका चुनाव में कांग्रेस को खासी सफलता मिली है। कुछ दिन पूर्व पीथमपुर नगर पालिका चुनाव में भी कांग्रेस प्रत्याशी की जीत हुई थी। पिछले एक साल से लगातार उपचुनावों में जीत की ओर बढ़ रही भाजपा के विजयी अभियान पर एकाएक रोक लग गई है। राघौगढ़ के २४ में से 23 वार्डों पर कांग्रेस प्रत्याशी जीते हैं, जबकि ओंकारेश्वर में कांग्रेस-भाजपा बराबरी पर रहे हैं और एक भाजपा का बागी प्रत्याशी विजयी रहा। राघौगढ़ में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह के भतीजे और पूर्व सांसद लक्ष्मणसिंह के पुत्र आदित्य विक्रम सिंह भारी मतों से अध्यक्ष चुने गए हैं। मध्यप्रदेश में भाजपा संगठन में परिवर्तन के बाद यह लगातार तीसरी हार है।