कांग्रेस के कैश सब्सिडी इन अकाउंट प्लान से घबराई भाजपा

भोपाल। कांग्रेस के कैश सब्सिडी इन अकाउंट प्लान से घबराई भाजपा अब वोटर्स को इस योजना के डीटेल्स पहुंचने से पहले ही मिसगाइड करने की कोशिश कर रही है। 'आइदर डू डन और कन्फ्यूज हिम' यह सिद्धांत सेल्स में ग्राहकों के लिए आजमाया जाता था, परंतु अब शायद भाजपा की वर्कशॉप में भी सिखाया जाने लगा है। इसीलिए तो इस मामले पर भाजपा ने इस मामले पर भी रिलीज जारी कर दिया। 


आप खुद पढ़िए क्या कुछ लिखा है इस प्रेसरिलीज में:-

भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश महामंत्री, प्रवक्ता एवं सांसद माया सिंह ने केन्द्र सरकार के कैश प्लान (सब्सीडी के खातें में जमा करने) को चुनावी हथकंडा बताते हुए कहा कि बिना आधारभूत सरंचना के चुनाव की हड़बड़ी में जिस तरह केन्द्र सरकार की योजना की कांग्रेस कार्यालय में यूपीए सरकार के मंत्रियों ने घोषणा की उससे कांगे्रस की नीति और नीयत पर शक उत्पन्न होता है। पहले तो इस योजना की घोषणा संसद के चलते हुए सत्र में न करके पार्टी स्तर पर कांग्रेस कार्यालय में करना कांग्रेस की मंशा पर सवालिया निशान लगाता है। दूसरे जब केन्द्र सरकार को पता है कि आधार कार्ड को न तो बैंको ने मान्यता दी है और न चुनाव आयोग ने स्वीकार किया है तो आधार कार्ड पर आधारित कैश प्लान योजना की अहमियत ही कहां बचती है।

उन्होनें कहा देश में व्याप्त मंहगाई और भ्रष्टाचार का समाधान निकालने के बजाय कांगे्रस जनता को भ्रमित करने और असल समस्याओं से उनका ध्यान हटाने के लिए शगूफाबाजी कर रही है। कांग्रेस ने पहले भी ’’कांग्रेस का हाथ आम आदमी के साथ’’ नारा देकर चुनाव वैतरणी पार करने मं सफलता हासिल कर आम आदमी को मंहगायी के भंवर में धकेल कर कारपोरेट का साथ दिया। अब ‘‘जनता का पैसा जनता के हाथ’’ नारा देकर कांग्रेस जनता को मूर्ख नहीं बना पायेगी।

माया सिंह ने कहा कि सवा अरब आबादी के देश में विदेशी नकल की योजना थोपना सही काम नहीं है। देश की इतनी बड़ी आबादी के आधार कार्ड बना पाना भी आसान नहीं है। फिर हर आम आदमी का बैंको मं न तो खाता है और न गांवो के आसपास बैंको की शाखाएं है, फिर सिवाए नारे बाजी, कोरी घोषणाओं के जनता तक सब्सीडी का पैसा कैंसे पहुंचेगा।

उन्होनें कहा कि बैंक के खाते में सब्सीडी का पैसा जमा करने के पीछे कांग्रेस का असल मकसद जनता के टैक्स से जमा पैसे की मुनीमी करते हुए राहुल गांधी को पेश करना है। क्योंकि कांगे्रस ने यह भी ताकीद कर दी है कि राज्यों में इस योजना की शुरूआत और मानीटरिंग की देख-रेख राहुल गांधी करेंगे। सरकारी कोष को बांटते हुए कांग्रेस राहुल गांधी का जनहितैषी चेहरा दिखाना चाहती है।

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