मौत का महाविद्यालय

भोपाल। महाविद्यालयों को शिक्षा का मंदिर कहा जाता है और चिकित्सा महाविद्यालयों को जीवनदाता। लोग डॉक्टरों को भगवान के समतुल्य केवल इसलिए मानते हैं कि जब शैतान कष्ट देते हैं तो डॉक्टर ही लोगों को कष्टों से बचाते हैं, लेकिन मध्यप्रदेश का एक चिकित्सा महाविद्यालय मौत का ​महाविद्यालय बन गया है। यहां पांच साल में 10650 मौतें हुईं हैं।

मौत का यह महाविद्यालय मध्यप्रदेश के रीवा जिले में स्थित है। रीवा जिले के चिकित्सा महाविद्यालय के अस्पताल में बीते पांच वर्ष में 10650 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें 10000 मरीज और 650 नवजात शिशुओं की मौत शामिल है। रीवा निवासी श्यामनंद मिश्रा ने यह जानकारी सूचना के अधिकार के तहत हासिल की है।

सूचना के अधिकार से मिली मरीजों की मौत के ब्योरे को लेकर मिश्रा ने उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की। इस याचिका पर मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबडे व मूलचंद्र गर्ग की युगल खंडपीठ ने शुक्रवार को नोटिस जारी कर दो सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है।

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