भोपाल। भारतीय स्टेट बैंक ने अपने रिकवरी ऐजेंटों के लिए सुरक्षागार्ड की मांग की है। उनकी दलील है कि जब राजस्व विभाग के अधिकारियों को सुरक्षा दी जाती है तो हमें भी दीजिए, हम भी शासन की योजनाओं में मददगार है। हालांकि इस मांग के साथ बैंक ने यह नहीं बताया कि पिछले वित्तीयवर्ष में उनके कितने रिकवरी ऐजेंट कार्य के दौरान हमलों का शिकार हुए जो उन्हें सुरक्षा चाहिए।
भारतीय स्टेट बैंक अधिकारी संघ के आंचलिक अधिवेशन में संघ के पदाधिकारियों ने प्रदेश के वित्त मंत्री राघव जी से ग्रामीण क्षेत्रों के लिए रिकवरी पर जाने वाले बैंक अधिकारी व कर्मचारियों को सुरक्षा देने की मांग की। संघ के महासचिव संजीव मिश्र ने कहा कि शासन के कर्मचारी जब रिकवरी करते हैं, तो उन्हें पुलिस प्रोटेक्शन मिलता है। बैंक शासन की योजनाओं के लिए मददगार है, ऐसी स्थिति में लोन की रिकवरी पर जाने वाले अधिकारियों को पुलिस प्रोटेक्शन मिलना चाहिए।
इस पर वित्त मंत्री ने कहा कि बैंक एक कमर्शियल आर्गेनाइजेशन है, ऐसी स्थिति में पेमेंट करने पर यह संभव हो सकता है। उन्होंने बैंक अधिकारियों को इस संबंध में एक मांग पत्र पेश करने को कहा ताकि इस संदर्भ में कार्यवाही की जा सके। रवीन्द्र भवन में आयोजित इस सम्मेलन में आल इंडिया स्टेट बैंक आफिसर्स फेडरेशन के महासचिव ऋषभदास सहित बैंक के 14 सर्किल के अध्यक्ष तथा महासचिव भी मौजूद थे। इस अवसर पर वित्त मंत्री ने एसबीआई के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि स्टेट बैंक काफी सराहनीय कार्य कर रहा है। इसके कर्मचारियों समर्पण, काम में फुर्ती, पैनी नजर जैसे गुण हैं जिसके चलते उसकी साख बनी हुई है। हालांकि बैंक के कर्मचारियों के कार्यों में बढ़ोतरी हुई है।