भोपाल। भाजपा नेता एवं राज्यसभा सदस्य अनिल माधव दवे ने नवगठित पालिटिकल पार्टी 000 चीफ अरविंद केजरीवाल को एक पत्र में लिखा है कि उन्होंने कुछ त्रुटियां कर दीं हैं, कृपया सुधार लें। हालांकि उन्होंने यह नहीं लिखा 'ताकि मजाक के पात्र न बनें'।
श्री दवे ने अरविंद केजरीवाल को लिखे पत्र में केवल 'स्वराज्य' शब्द पर आपत्ति जताते हुए लिखा है कि श्री केजरीवाल ने अपनी पार्टी का लक्ष्य 'स्वराज्य' निर्धारित किया है, जबकि यह तो 1947 में ही प्राप्त हो चुका है।
शासन किसी का भी रहा हो, परंतु वो सभी भारतीय थे। विदेशी कोई नहीं था। अत: लक्ष्य प्राप्त हो चुका है। श्री दवे ने सलाह दी कि वे इसे 'सुराज' कर लें।
इस पत्र में उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि उनका केजरीवाल की तरफ झुकाव नहीं है। वे तो केवल एक राजनैतिक समाज के सदस्य की त्रुटि सुधार कर रहे हैं।
अब राजनैतिक गलियारों में इस पत्र के मायने कुछ भी निकाले जाएं। हमारे कुछ अनभिज्ञ पाठकों के लिए कम से कम यह उपलब्ध तो हो गया कि 'स्वराज्य' का अर्थ क्या होता है।
धन्यवाद दवे जी
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