भोपाल। लोकायुक्त की कार्रवाई में धरे गए DIG उमेश गांधी पूरे मध्यप्रदेश की जेलों में फूड सप्लाई का ठेका लेने की जुगत में थे। यहां पूरा एक गांधी गिरोह संचालित किया जा रहा था एवं उमेश गांधी के भाई रामगोपाल गांधी भी इसमें पूरी तरह से शामिल थे। यह खुलासा लोकायुक्त पुलिस की जांच में हुआ है।
बताया गया है कि रामगोपाल गांधी पिछले 12 सालों से सागर जेल में फूड सप्लाई का ठेका संचालित कर रहे थे और इस दौरान उन्हें कोई परेशानी नहीं आई। वे निरंतर अपना ठेका संचालित करते रहे। इतना ही नहीं सागर संभाग के तमाम जेलों में उन्हें पूरा सहयोग दिया गया। गांधी गिरोह इस कारोबार को पूरे मध्यप्रदेश में फैलाने की तैयारी कर रहा था और इसी के चलते उमेश गांधी ने अपनी पहुंच का उपयोग करते हुए रामगोपाल गांधी को भोपाल जेल का ठेका भी दिलवा दिया था।
बताया गया है कि रामगोपाल गांधी पिछले 12 सालों से सागर जेल में फूड सप्लाई का ठेका संचालित कर रहे थे और इस दौरान उन्हें कोई परेशानी नहीं आई। वे निरंतर अपना ठेका संचालित करते रहे। इतना ही नहीं सागर संभाग के तमाम जेलों में उन्हें पूरा सहयोग दिया गया। गांधी गिरोह इस कारोबार को पूरे मध्यप्रदेश में फैलाने की तैयारी कर रहा था और इसी के चलते उमेश गांधी ने अपनी पहुंच का उपयोग करते हुए रामगोपाल गांधी को भोपाल जेल का ठेका भी दिलवा दिया था।
मजेदार तो यह है कि उमेश गांधी की दहशत ठेकेदारों के बीच भी कम नहीं थी और इसी के चलते कोई भी ठेकेदार गांधी गिरोह के खिलाफ कोई टेंडर नहीं डालता था औपचारिकता के लिए यदि भरा भी जाता तो हमेशा गांधी से ज्यादा कीमत पर ताकि वो निरस्त हो जाए।