भोपाल। मध्यप्रदेश की गरीबी
रेखा भी अजीब है। कब कौन इसके नीचे आ जाए कहा ही नहीं जा सकता। देवास में
इस प्राइवेट कॉलेज के संचालक, एकाध नहीं पूरी 4 क्रेन मशीनों के मालिक, नगर
निगम देवास के कर्मचारी और न जाने कितने करोड़पति मध्यप्रदेश में गरीबी
रेखा की सूची के नीचे दर्ज हैं। अब 5000 रुपए महीना से कम कमाने वालों के
लिए कौन सी सूची बनाई जाए यह बहस का विषय हो सकता है।
देवास ब्यूरो से खबर आ रही है कि केन्द्र सरकार द्वारा गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले .बीपीएल. लोगों की सुविधा और कल्याणकारी योजनाओं का लाभ देने के उद्देश्य से लागू बीपीएल कार्ड मध्यप्रदेश के देवास शहर में रहने वाले व्यापारियों कॉलेज के संचालक और नगर निगम के कर्मचारियों द्वारा फर्जी तरीके से बनाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है1
बागड ही खेत खा रही कहावत को चरितार्थ करते हुए देवास नगर निगम के कई कर्मचारियो ने गरीबी रेखा से नीचे वाले लोगों की योजनाओं और सुविधाओं का लाभ उठाने के लिए फर्जी तरीके से बीपीएल कार्ड बनवा लिए1 इसी प्रकार एक निजी कॉलेज के संचालक कमलेश चार क्रेन के मालिक नरेश पटोले व्यापारी जय मंगरोलिया और अन्य रसूखदार लोगों के पात्रता नही होने के बावजूद बीपीएल कार्ड बना दिए गए1
इस संबंध में शिकायतें मिलने पर जब कलेक्टर एम.के.अग्रवाल ने कडा रूख अपनाया तो नगर निगम आयुक्त देवेन्द्र सिंह ने पात्रता नही होने के बावजूद बीपीएल कार्ड बनवाने वाले 25 ऐसे लोगों के नाम दिए जो करोडपति है1 अनुविभागीय अधिकारी ने आज इन 25 बीपीएल कार्ड को निरस्त कर दिया1
सामाजिक संगठनों ने कलेक्टर से फर्जी बीपीएल कार्ड बनाने वाले नगर निगम के सभी ऐसे अधिकारियों और कर्मचारियों की अलग विभाग के वरिष्ठ अधिकारी से जांच करने तथा दोषियों के खिलाफ आपराधिक प्रकरण करने की मांग की है1
उल्लेखनीय है कि देवास नगर निगम क्षेत्र में करीब 53 हजार मकान है1 जबकि इसमें से लगभग 39 हजार परिवारों ने पात्रता नही होने के बावजूद बीपीएल कार्ड बनवा लिए है1 इस मामले में सत्तारूढ भारतीय जनता पार्टी .भाजपा. और कांग्रेस के नेताओं ने कुछ भी टिप्पणी करने की बजाय चुप्पी साध ली है1