भोपाल। मध्यप्रदेश में छुआछूत आज भी जिंदा है। बडवानी जिले में गांव के ठाकुरों ने दलितों को सरकारी हैण्डपंप से पानी भरने पर पाबंदी लगा दी और जब दलित इसकी शिकायत करने थाने गए तो पुलिस ने उन्हें ही बंद कर दिया। यह घटना यह संदेह पुख्ता करती है कि आज भी सरकारी मशीनरी दबंगों के साथ है।
बड़वानी जिले के सेंधवा अनुविभाग के छोटा जुलवानिया ग्राम में एक दलित परिवार को कथित तौर पर शासकीय हैडपंप से पेयजल नहीं भरने देने के उपरान्त मारपीट करने के मामले में पुलिस ने कल रात्रि ग्राम पटेल के पुत्र समेत पांच लोगों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया है।
पुलिस के मुताबिक कमल बाई के शिकायत आवेदन पर ग्राम पटेल के पुत्र लक्ष्मण दो भाइयो रवींद्र तथा प्रकाश पाटिल और सुनील व भूरिया के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर विवेचना अजाक थाना बडवानी को सौंप दी गयी है। रिपोर्ट के मुताबिक कमल बाई व उसके परिवार को 26 नवम्बर की सायं आरोपियों ने कथित तौर पर दलित होने के चलते शासकीय हैण्डपम्प से पानी नहीं भरने दिया था।
जब कमल बाई का परिवार घटना की रिपोर्ट करने सेंधवा आ रहा था तब आरोपियों ने उसके दो पुत्रों कैलाश व सुरेश और पुत्री भारती के साथ मारपीट भी की। उधर कमल बाई के पुत्र कैलाश ने पृथक से पुलिस को दिए अपने आवेदन में आरोप लगाया कि जब वह सेंधवा ग्रामीण थाने में घटना की शिकायत करने पहुंचा तो उसकी बात सुनने की बजाये पुलिसकर्मियों ने उसे ही लॉकअप में बंद कर दिया।
पुलिस सूत्रों के अनुसार 26 नवम्बर को दोनों पक्षों की शिकायत पर मामले को पुलिस हस्तक्षेप योग्य न मानते हुए उन्हें न्यायालय की शरण लेने की सलाह दी गयी थी तथा कैलाश तथा विरोधी पक्ष के रवींद्र पाटिल के विरुध्द प्रतिबंधात्मक कार्यवाही कर दोनों को गिरफ्तार कर लिया था। कल एस डी एम न्यायालय से कैलाश को जमानत मिल गयी जबकि रवींद्र को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। इस मामले में पुलिस अधीक्षक आर सी बुर्रा ने बताया कि मामले में यदि पुलिस की कोई त्रुटि पायी जाती है तो संबंधितों के खिलाफ नियमानुसार कारवाई की जायेगी।