दतिया। भारतीय जनता पार्टी में चल रहे संगठन चुनावों में गुटबाजी खुलकर सामने आ गई है और तमाम तरह के हंगामे दिखाई देने लगे हैं। अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों को देखते हुए जिलाध्यक्ष का पद महत्वपूर्ण है और इसे अपने पास बनाए रखने की पूरी कोशिशें हो रहीं हैं।
इसी के चलते दतिया के जिलाध्यक्ष पद को लेकर विवाद गहरा गया और अंतत: अंतिम निर्णय के लिए फाइल भोपाल की ओर रवाना कर दी गई। सनद रहे कि भाजपा पूरे प्रदेश में बिना वोटिंग के चुनाव कराने की कवायद में लगी हुई है और इसी के चलते हर जिले में रायशुमारियां की जा रहीं हैं।
दतिया निर्वाचन अधिकारी सदानंद गोडबोले ने रविवार को भाजपा कार्यकर्ताओं से रायशुमारी की। उनाव रोड पिंक मैरिज हाउस में आयोजित रायशुमारी में 64 लोगों को आमंत्रित किया गया था। इनमें से 60 लोगों ने हिस्सा लिया। जिलाध्यक्ष की दौड़ में जिनके नाम प्राथमिकता से चल रहे है। रविवार को ही घोषणा होने की संभावना के चलते अपने समर्थकों के साथ पहुंचे। लेकिन अंत में निराशा हाथ लगी। निर्वाचन अधिकारी रायशुमारी में आए नामों को लेकर छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस से भोपाल रवाना हो गए।
कौन-कौन शामिल रहे रायशुमारी में : जिलाध्यक्ष पद के लिए रायशुमारी में नव निर्वाचित मण्डल अध्यक्ष, जिला प्रतिनिधियों, जिला पदाधिकारियों, विधायक, पूर्व विधायक, नपं अध्यक्ष, नपा अध्यक्ष, कोर कमेटी के सदस्य, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य तथा प्रकोष्ठों के प्रदेश पदाधिकारियों को शामिल किया गया।
कैसे हुई रायशुमारी: निर्वाचन अधिकारी ने रायशुमारी में शामिल सभी कार्यकर्ताओं से दो- दो नाम एक पर्ची पर लिए। सदस्यों ने अपने पसंदीदा नामों को लिख कर दिया।
किनके नाम चले प्राथमिकता से : रायशुमारी में माधवेंद्र सिंह परिहार, मेघसिंह गुर्जर, जगदीश सिंह यादव, गुरुदेव शरण गुप्ता, सावित्री सिंह, डॉ. रामजी खरे के नाम सामने आए।
तो 15 के बाद घोषणा : जिलाध्यक्ष पद की घोषणा 15 नवंबर तक होनी है। निर्वाचन अधिकारी गोडबोले, प्रदेश संगठन महामंत्री अरविंद मेनन, प्रदेशाध्यक्ष प्रभात झा, संभागीय संगठन मंत्री अंबाराम कराड़ा के बीच रविवार की रात भोपाल में बैठक होगी। अगर बैठक में किसी नाम पर सभी के बीच सहमति बनती है तो दतिया जिलाध्यक्ष की घोषणा सोमवार 12 नवंबर को हो सकती है। लेकिन अगर नाम को लेकर किसी प्रकार के मतभेद सामने आते हैं तो 15 नवंबर के बाद घोषणा की जाएगी।