भोपाल। बिजली चोरी के नाम पर धड़ाधड़ प्रकरण दर्ज कराने वाली बिजली कंपनियों की हालत अब न्यायालयों में लंबित मामलों ने बिगाड़कर रख दी है। हालात यह हो गए हैं कि विशेष न्यायालयों में चल रहे मामलों को निपटाने के लिए कंपनी ने पहले से ही तैयारी शुरू कर दी है और वह आफर कर रही है कि 30 प्रतिशत डिस्काउंट ले लो, लेकिन भुगतान अभी कर दो।
अपनी इस मजबूरी को छिपाते हुए कंपनी की ओर से जारी प्रेसनोट में लिखा गया है कि:—
मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी द्वारा 15 दिसम्बर को जिला-स्तर/विशेष न्यायालयों में होने वाली वृहद् लोक अदालतों में न्यायालीन प्रकरणों के निराकरण के लिये अभी से तैयारियाँ शुरू कर दी गई हैं। कम्पनी ने निर्णय लिया है कि न्यायालयों में लम्बित प्रकरणों में आरोपी उपभोक्ता/उपयोगकर्ता को सिविल दायित्व में 30 प्रतिशत की छूट मिलेगी। इस निर्णय से जहाँ आरोपी उपभोक्ताओं को लाभ होगा, वहीं कम्पनी को सही समय पर राजस्व भी मिलेगा। इसमें घरेलू, कृषि, ग्रामीण क्षेत्र के 5 किलोवॉट तक के गैर-घरेलू तथा ग्रामीण क्षेत्र के 10 अश्व-शक्ति भार तक के औद्योगिक उपभोक्ता इस छूट का लाभ उठा सकते हैं।
कम्पनी के अनुसार धारा 135 तथा 138 के अंतर्गत न्यायालय में लम्बित प्रकरणों में समस्त घरेलू, कृषि, ग्रामीण क्षेत्र के 5 किलोवॉट भार तक के गैर-घरेलू उपभोक्ता तथा ग्रामीण क्षेत्र के 10 अश्व-शक्ति भार तक के औद्योगिक उपभोक्ताओं को कम्पनी द्वारा आंकलित सिविल दायित्व में 30 प्रतिशत की छूट प्रदान की जायेगी। इसके लिये यह शर्त रखी गई है कि आरोपी उपयोगकर्ता अथवा आरोपी बिजली उपभोक्ता सिविल दायित्व की राशि का एकमुश्त भुगतान करे।
कम्पनी ने उन आरोपी उपयोगकर्ताओं अथवा उपभोक्ताओं से इसका लाभ उठाने की अपील की है, जिनके परिसर के बिजली चोरी अथवा अवैध विद्युत उपयोग के प्रकरण विभिन्न न्यायालयों में लम्बित हैं।