टीकमगढ़ SDM की फटकार से नाराज BRC ने इस्तीफा दिया

टीकमगढ। टीकमगढ़ जिले के जनपद शिक्षा केन्द्र जतारा अन्तर्गत ग्राम मडखेरा की प्राथमिक शाला में जांच के दौरान एसडीएम ने बीआरसी जेपी शर्मा को सबके सामने फटकार लगाई। इससे आहत बीआरसी ने इस्तीफा दे दिया। बीआरसी का कहना है कि एसडीएम ने उन्हे सबके सामने अपमानित किया है। 

मामला मध्याह्न भोजन में जातिवाद का है। इस स्कूल में पिछले कई दिनों से सवर्ण समाज के बच्चे माध्याह्न भोजन नहीं कर रहे थे क्योंकि, भोजन एक दलित महिला द्वारा पकाया जाता है। जांच में पता चला कि दलित महिला ​व्यवस्था के खिलाफ जाकर अपने घर से पका पकाया भोजन लाकर सवर्ण बच्चों को चिढ़ाते हुए वितरित करती है। संस्था में कुल दर्ज बच्चे 89 के करीब बताये जा रहे है। इन दर्ज बच्चो में नाममात्र बच्चे मध्याह्न भोजन ले रहे थे जबकि संस्था प्रमुख द्वारा दैनिक उपस्थिति में दर्ज बच्चों को खाद्यान वितरण पंजी में दर्शा रहे थे। 

जब यह मामला मीडिया की सुर्खियां बना तो जतारा एसडीएम आदित्य सिंह ने शाला का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान अनुबिभागीय अधिकारी को मिली खामियो में समूह संचालन द्वारा माध्याह्न भोजन घर से बनाकर लाया जा रहा था। जिससे छात्र/छात्राएॅ असंतुष्ट थे। नियमानुसार मध्याह्न भोजन स्कूल के किचिन शेड में ही बनना चाहिए। जांच में तथ्यों का खुलासा होने के बाद एसडीएम ने व्यवस्था बनाई एवं आवश्यक निर्देश दिए। इसी दौरान यह विवादित प्रसंग हुआ। 

बीआरसी जेपी शर्मा का कहना है कि जतारा एसडीएम ने मुझे अपने अधीनस्थ कर्मचारियों के सामने अपमानित किया है। जबकि मेरे द्वारा दिनॉक 5/11/16 को शाला का निरीक्षण किया गया था। और समूह, व संस्था प्रमुख को निरीक्षण पंजी में उल्लेखित किया गया था कि मध्याह्न भोजन किचिन शेड में बनाएं। जतारा एसडीएम ने मुझे अपमानित किया है। जिससे मैने अपने पद से त्याग पत्र दे दिया है। राज्यशिक्षा केन्द्र व जिला कलेक्टर को पत्र लिखा गया है।

इस संबंध में जतारा एसडीएम श्री आदित्य सिंह का कहना है। कि मेरे द्वारा बीआरसी को अपमानित नही किया गया है। जो वह आरोप लगा रहे है। मनगढंत है, मैने बीआरसी को  व्यवस्थाओं में सुधार लाने शाला का निरीक्षण करने हेतु कहा गया था। मेरे द्वारा निरीक्षण किया गया। मध्याह्न भोजन किचिन शेड में बनने लगा है। संस्था में दर्ज बच्चो के साथ मैने भी भोजन ग्रहण किया है। एक सबाल के जबाव में एसडीएम ने कहा छुआछूत जैसी कोई समास्या नही थी। बच्चे किचिन शेड में ही भोजन बनाने की मांग कर रहे थे। अब भोजन किचिन शेड में बनाया जा रहा है। 
भोपाल समाचार से जुड़िए
कृपया गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें यहां क्लिक करें
टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें
व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए  यहां क्लिक करें
X-ट्विटर पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
फेसबुक पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
समाचार भेजें editorbhopalsamachar@gmail.com
जिलों में ब्यूरो/संवाददाता के लिए व्हाट्सएप करें 91652 24289

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!