बकायादारों के 70% बिजली बिल माफ होंगे: चीफ इंजीनियर

भिंड। बिजली कंपनी जल्द ही उपभोक्ताओं को बड़ी राहत देने जा रही है। शनिवार को प्रदेश के ऊर्जा मंत्री पारस जैन के प्रवास के दौरान भिंड आए चीफ इंजीनियर एसके सचदेवा ने बड़ा ऐलान किया। चीफ इंजीनियर ने कहा योजना तैयार कर रहे हैं, जल्द ही बकायादार लोगों के 70 फीसदी बिजली के बिल माफ किए जाएंगे। 

उन्होंने कहा कि बीपीएल और अनाधिकृत बसाहटों में रहने वाले लोगों के लिए यह स्कीम है, लेकिन भिंड में भी ज्यादातर कॉलोनियां अनाधिकृत हैं। ऐसे में इन कॉलोनियों में रहने वाले उपभोक्ताओं को भी हम यह लाभ देने जा रहे हैं। चीफ इंजीनियर ने कहा कि वे खुद मौजूद रहकर भिंड में बकायादार उपभोक्ताओं के बिल माफी के कैंप शुरू कराएंगे।

ऐसे माफ होगा 70 फीसदी बिलः
बिजली कंपनी के चीफ इंजीनियर एसके सचदेवा का कहना है बकायादारों के कुल बिल पर सरचार्ज माफ किया जाता है। सरचार्ज माफ कर हम 35 फीसदी बिल कम करते हैं। ऐसे में बिल की जो 70 फीसदी राशि बचेगी उसे आधा कम किया जाएगा। इस तरह बकायादार उपभोक्ता का 70 फीसदी बिजली का बिल माफ किया जाएगा। चीफ इंजीनियर ने कहा इस तरह से कंपनी को उपभोक्ताओं से बकाया रकम भी मिल सकेगी। चीफ इंजीनियर सचदेवा का कहना है, जल्द ही भिंड में ऐसे कैंप शुरू किए जाएंगे। हालांकि उन्होंने बाद में यह भी कहा कि अभी इसके लिए प्लानिंग कर रहे हैं। यानी अब अगर सबकुछ ठीक-ठाक रहा तो उपभोक्ताओं को नई साल में बिजली कंपनी से यह सौगात मिलेगी। चंबल का पानी है। यहां के लोगों को तो मालवा के पानी की जरूरत है।

7 साल और महंगी बिजली का करंटः
सर्किट हाउस पर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री पारस जैन से मीडियाकर्मियों ने सवाल किया कि दिल्ली में बिजली सस्ती है तो प्रदेश में बिजली इतनी महंगी क्यों है। इस पर ऊर्जा मंत्री ने कहा हमने प्रदेश के लोगों को बिजली देने के लिए टेंडर बुलाकर एग्रीमेंट किए थे तब 20-25 साल के लिए महंगी दरों पर एग्रीमेंट हुए। उस समय प्रदेश में बिजली उन्पादन 4 हजार मेगावाट था। इसलिए लोगों को बिजली प्रदाय करने के लिए एग्रीमेंट करने पड़े। ऊर्जा मंत्री की बात से साफ हुआ कि प्रदेश में अभी लोगों को सस्ती बिजली के लिए करीब 7 साल और इंतजार करना होगा। ऊर्जा मंत्री ने यह भी साफ किया कि प्रदेश में अब बिजली उन्पादन बढ़कर 17 हजार मेगावाट तक पहुंचा है। जबकि हमारे पास खपत रबी की फेसल के मुताबिक 11 हजार मेगावाट ही है। यानी सस्ती बिजली में अब शुरुआत की वर्षों में किए गए एग्रीमेंट आड़े आ रहे हैं। इस दौरान सांसद डॉ भागीरथ प्रसाद, विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाह, भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ अरविंद भदौरिया, भाजपा जिलाध्यक्ष संजीव कांकर मौजूद रहे।

पहले के मुख्यमंत्री ने कहा था 8 बजे व्यापार करो बंदः
ऊर्जा मंत्री जैन ने प्रदेश में कांग्रेस सरकार में मुख्यमंत्री रहे दिग्विजय सिंह का नाम लिए बिना ही उन पर भी निशाना साधा। श्री जैन ने कहा आज से 13 साल पहले मुख्यमंत्री हुए थे उन्होंने आदेश निकाला था 8 बजे बाद व्यापार बंद कर लो और एक लट्टू जलाओ। शिवराज सिंह मुख्यमंत्री बने तो अब यह नौबत नहीं रही। किसानों को बराबर बिजली मिल रही है। दीवाली पर यदि आपके घर में बिजली जली तो गरीब के घर में भी बिजली जली है। मंत्री ने कहा मैंने तो आकर सांसद से कहा आपके यहां तो सरसों खूब लहलहा रही है। हमारे यहां सोयाबीन हो रहा है। बिजली भरपूर मिलने से किसान भी फेसल का उन्पादन बढ़ा रहे हैं। ऊर्जा मंत्री पारस जैन ने कहा कुछ ठेकेदारों ने भिंड जिले में फेीडर सेपरेशन का काम पूरा नहीं किया। उन्होंने कहा कि मैंने रिपोर्ट ली है। अब जल्द ही फेीडर सेपरेशन का काम पूरा कराया जाएगा।

प्रदेश में 2018 तक सभी को कनेक्शनः
ऊर्जा मंत्री ने कहा सरकार की पूरी तैयारी है कि 2018 तक सभी को स्थायी कनेक्शन दिए जाएंगे। मंत्री ने कहा अभी जिन्हें अस्थायी कनेक्शन दिए हैं, उन्हें भी स्थायी कनेक्शन देंगे। बिजली के मामले में प्रदेश आत्मनिर्भर बन रहा है।

बिजली चोर गलत, बिजली लॉस हैः
प्रभारी मंत्री ने उस बात से भी साफ इनकार किया जो पिछले दिनों उनके दौरे के दौरान कही गई थी। प्रभारी मंत्री से जब पूछा गया कि आपने भिंड और मुरैना के लोगों को बिजली चोर बताया तो उन्होंने स्पष्ट कहा कि बिजली चोर गलत, बिजली लॉस है। मैंने तो बिजली लॉस बताया था। बिजली लॉस रोकना सरकार के साथ सभी का काम है।

अधिकारी कार्यकर्ताओं की सुनते नहीं :
सर्किट हाउस पर प्रभारी मंत्री ने भाजपा कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। बातचीत के दौरान भाजपा कार्यकर्ता ने कहा कि कोई भी कार्यकर्ता जाता है तो बिजली कंपनी के अफसर सुनते नहीं हैं। हम कार्यकर्ता ही मेहनत करते हैं, लेकिन अफसर सुनते नहीं हैं। इसके बाद मंत्री श्री जैन और सांसद डॉ भागीरथ प्रसाद ने अधिकारियों को ताकीद कर कहा कि वे कार्यकर्ता और सभी लोगों की बात को पूरी तवज्जो के साथ सुनें और उनका निराकरण करें।

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