भोपाल। मप्र रेशम संचालनालय में अफसरों की लड़ाई अब खतरनाक मोड़ पर आ गई है। संयुक्त संचालक ने अपने अधिकारी पर आरोप लगाया है कि उनका साढू भाई लोकायुक्त में डीजी है इसलिए वो बार बार छापा पड़वाने की धमकी देते हैं और उनके खिलाफ षडयंत्र कर रहे हैं।
- आरोपी: एसडी पटेरिया संचालक मप्र रेशम संचालनालय
- पीड़ित: डॉ. एचके चतुर्वेदी संयुक्त संचालक रेशम संचालनालय
- हथियार: अजय शर्मा डीजी लोकायुक्त
- अदालत: राकेश अग्रवाल, अपर मुख्य सचिव कुटीर एवं ग्रामोद्योग
चतुर्वेदी ने आरोप लगाया है कि पहले भी पटेरिया अपने साढ़ू तत्कालीन आईजी ईओडब्ल्यू के अधिकारों का दुरूपयोग कर सरकार की अनुमति लिए बिना मंडला कार्यालय के जिला अधिकारी एके पटेल पर छापा पड़वा चुके हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पटेरिया संचालनालय में सरकार के निर्देशों की धज्जियां उड़ाकर काम कर रहे हैं।
इन्होंने संभागीय व्यवस्था समाप्त होने के बावजूद उन्होंने होशंगाबाद और राजगढ़ के जिला अधिकारियों को संभागीय प्रभार दिए हैं। इतना ही नहीं 50 करोड़ की राशि ऐसी योजनाओं में खर्च कर दी, जिससे सरकार को कोई लाभ नहीं हुआ। यदि इनके कार्यकाल की किसी स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराई जाए तो करोड़ों का गोलमाल सामने आएगा।
जहांगीराबाद थाने में कराई शिकायत
संयुक्त संचालक चतुर्वेदी ने कहा कि कर्मचारियों के नाम से मेरे खिलाफ जहांगीराबाद थाने में शिकायत करवा दी गई, जबकि कर्मचारियों ने मुख्य सचिव को ज्ञापन देकर कहा है कि उन्होंने केवल चतुर्वेदी के खिलाफ कार्यालय में सार्वजनिक रूप से असंसदीय शब्दों का उपयोग करने का ज्ञापन दिया था, जिसे आधार बनाकर संचालक ने पुलिस में शिकायत दर्ज करा दी, जो गलत है। रेशम संचालनालय के कर्मचारी संघ ने उक्त कार्रवाई को शून्य करने की मांग भी की है।
हमने मांगी है जानकारी
मंडला में ईओडब्ल्यू द्वारा मारे गए छापे के संबंध में हमने पटेरिया ने पूछा है कि उन्होंने सरकार से अनुमति लिए बगैर किस हैसियत से मंडला कार्यालय पर कार्रवाई कराई है। रेशम संचालनालय के मामलों की जांच भी कराई जा रही है।
राकेश अग्रवाल
अपर मुख्य सचिव कुटीर एवं ग्रामोद्योग