Upcoming IPO: सिर्फ 15000 में 100% रिस्क वाला बिजनेस, 5 साल में या तो मालामाल या फिर खेल खल्लास

बिजनेस डेस्क, 1 दिसंबर 2025
: यदि आप कमर्शियल एयरक्राफ्ट और अंतरिक्ष यान के बिजनेस के बारे में जानते हैं, तो यह न्यूज़ आपके लिए काम की है। बेंगलुरु की एक ऐसी कंपनी का आईपीओ ओपन हुआ है, जिसमें भारतीय मूल के एक अमेरिकी नागरिक ने अपने 25 साल के एक्सपीरियंस और लाइफ को दाव पर लगा दिया है। सिर्फ ₹15000 में आप इस कंपनी के कारोबार में साझेदार बन सकते हैं। पिछले और अगले 3 साल की बात नहीं करेंगे, लेकिन एक बात 100% दावे के साथ कही जा सकती है कि यह कंपनी सामान्य नहीं है। या तो रॉकेट की तरह ऊपर जाएगी या फिर एयरक्राफ्ट की तरह क्रश हो जाएगी।

1. Aequs Limited की स्थापना की कहानी और संस्थापक का नाम

इस कंपनी की कहानी भी एकदम फ़िल्मी है। नाम बदलता रहा, लेकिन काम चलता रहा। इसकी शुरुआत एक एकेडमी (academy) के तौर पर हुई थी।
• कंपनी का Original Name था "Mechanical Training Acadamy Private Limited"
• इसकी स्थापना March 27, 2000 को बैंगलोर (Bengaluru), कर्नाटक में हुई थी।
• संस्थापक (Founder) और Individual Promoter का नाम है Aravind Shivaputrappa Melligeri.
• बाद में, कंपनी का नाम 2006 में बदलकर "QuEST Machining & Manufacturing Private Limited" कर दिया गया। फिर 2014 में यह "Aequs Private Limited" बनी, और मई 2025 में एक पब्लिक लिमिटेड कंपनी बनकर Aequs Limited कहलाई।

2. Aequs Limited के प्रमोटर्स की क्वालिफिकेशन और एक्सपीरियंस

Aequs Limited के प्रमोटर्स एकदम अनुभवी और पढ़े-लिखे लोग हैं। कंपनी के प्रमुख प्रमोटर्स में Aravind Shivaputrappa Melligeri (जो Executive Chairman और CEO भी हैं), Aequs Manufacturing Investments Private Limited, Melligeri Private Family Foundation और The Melligeri Foundation शामिल हैं।

Aravind Shivaputrappa Melligeri:

इनकी उम्र 57 साल है और ये USA के नागरिक (citizen) होने के साथ-साथ Overseas Citizen of India (OCI) भी हैं। इन्हें एयरोस्पेस सेगमेंट (Aerospace Segment) में 25 साल से ज़्यादा का Experience है। इन्होंने ही Belagavi Manufacturing Cluster (जो इंडिया का पहला प्रेसिजन मैन्युफैक्चरिंग SEZ है) को स्थापित करने में लीड किया था।

Management Team:
Rajeev Kaul (Managing Director): इनके पास दिल्ली यूनिवर्सिटी से मैथमेटिक्स में बैचलर डिग्री है और ये इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (ICAI) के मेंबर हैं। इन्हें फाइनेंस और एयरोस्पेस सेक्टर में 22 साल से ज़्यादा का अनुभव है।
Ravi Mallikarjun Hugar (Company Secretary): इनके पास कॉमर्स में डिग्री है और ये इंस्टीट्यूट ऑफ कंपनी सेक्रेटरीज ऑफ इंडिया (ICSI) के एसोसिएट मेंबर हैं। इन्हें सेक्रेटेरियल और रेगुलेटरी फंक्शन में 17 साल से ज़्यादा का अनुभव है।

3. Aequs Limited की सफलता की कहानी 

यह कंपनी अपने मैन्युफैक्चरिंग (manufacturing) के स्टाइल की वजह से बाकियों से अलग खड़ी है:
Vertical Integration में बादशाहत: सोर्सेज के मुताबिक, Aequs Limited भारत में अकेली ऐसी Precision Component Manufacturer है जो एक ही Special Economic Zone (SEZ) में एयरोस्पेस सेगमेंट के लिए पूरी तरह से वर्टिकली इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग कैपेबिलिटीज (machining, forging, surface treatment और assembly) ऑफर करती है। मतलब, सारा काम एक ही छत के नीचे।
ग्लोबल प्रेजेंस: कंपनी की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स तीन महाद्वीपों (three continents) में हैं, जो इन्हें ग्राहकों के पास रहने में मदद करती है।
तगड़े ग्राहक (Customers): कंपनी के हाई एंट्री बैरियर ग्लोबल कस्टमर्स के साथ लंबे समय से संबंध हैं।

4. Aequs Limited के कारोबार की समीक्षा 

अब आते हैं मेन बात पर - कंपनी ने कितना कमाया और कितना गँवाया (नुकसान उठाया)। 
Particulars
FY 2025 (31 मार्च को समाप्त)
FY 2024 (31 मार्च को समाप्त)
FY 2023 (31 मार्च को समाप्त)
राजस्व (Revenue from Operations)
9,246 करोड़ (₹9,246.06 मिलियन)
9,651 करोड़ (₹9,650.74 मिलियन)
8,121 करोड़ (₹8,121.32 मिलियन)
EBITDA (ऑपरेशनल प्रॉफिट)
107.97 करोड़ (₹1,079.69 मिलियन)
145.51 करोड़ (₹1,455.10 मिलियन)
63.06 करोड़ (₹630.56 मिलियन)
वर्ष के लिए हानि (Loss for the Year)
102.35 करोड़ घाटा (₹(1,023.46) मिलियन)
14.24 करोड़ घाटा (₹(142.44) मिलियन)
109.50 करोड़ घाटा (₹(1,094.95) मिलियन)

6 महीने का हाल (September 30, 2025 तक):

• इस 6 महीने की अवधि में राजस्व 5,372 करोड़ (₹5,371.59 मिलियन) रहा।
• कंपनी को 16.98 करोड़ का घाटा (₹(169.77) मिलियन) हुआ।

Overall Take: कंपनी का राजस्व तो अच्छा है, लेकिन पिछले तीन सालों से लगातार घाटे (Loss) में चल रही है। EBITDA 2024 में 145 करोड़ था, लेकिन 2025 में गिरकर लगभग 108 करोड़ हो गया। यह IPO Regulation 6(1)(b) की योग्यता पूरी नहीं करती क्योंकि पिछले तीन सालों में इसका औसत ऑपरेटिंग प्रॉफिट (operating profit) ₹150 मिलियन (15 करोड़) नहीं था।

5. Aequs Limited और प्रमोटर्स के विवाद एवं शिकायतें

हाँ, थोड़ी कानूनी पचड़ेबाजी (legal hassles) है, जो ध्यान देने लायक है:
Tax Disputes (कंपनी के खिलाफ): कंपनी के खिलाफ 3 टैक्स मुकदमे पेंडिंग हैं, जिसमें कुल 80.53 करोड़ (₹805.34 मिलियन) का Aggregated Amount Involved है।
लेबर मामले (Labour Matters): 30 सितंबर, 2025 तक, कंपनी के खिलाफ लेबर कोर्ट में कुछ मामले लंबित हैं। अगर कंपनी केस हारती है, तो संभावित मुआवजा 7.31 करोड़ (₹73.10 मिलियन) तक हो सकता है।
सब्सिडियरीज के खिलाफ कानूनी मामले: सब्सिडियरीज के खिलाफ 1 आपराधिक (Criminal) और 5 टैक्स मुकदमे भी हैं, जिनमें कुल 2.86 करोड़ (₹28.55 मिलियन) शामिल हैं।
गुम हुए कॉर्पोरेट रिकॉर्ड (Missing Corporate Records): कंपनी ने खुद बताया है कि वह अपने कुछ पुराने कॉर्पोरेट और सेक्रेटेरियल रिकॉर्ड्स जैसे कि RoC में फाइल किए गए फॉर्म्स का पता नहीं लगा पा रही है। कंपनी आश्वस्त नहीं कर सकती कि इसके लिए भविष्य में कोई कानूनी कार्रवाई (regulatory actions) नहीं होगी।
प्रमोटर की गारंटी (Promoter Guarantees): कंपनी और Individual Promoter (Aravind Shivaputrappa Melligeri) ने सब्सिडियरीज और जॉइंट वेंचर्स के लोन के लिए गारंटी दी हुई है। कंपनी की तरफ से लगभग 547.37 करोड़ और Individual Promoter की तरफ से लगभग 542.27 करोड़ की गारंटी है। अगर वे डिफॉल्ट करते हैं तो यह एक बड़ा Financial Risk है।
प्रमोटर्स के खिलाफ कोई बड़ी शिकायत नहीं: अच्छी बात यह है कि प्रमोटर्स या प्रमोटर ग्रुप के सदस्यों के खिलाफ किसी भी तरह के आपराधिक मामले (Criminal Proceedings) या SEBI/स्टॉक एक्सचेंज द्वारा अनुशासनात्मक कार्रवाई (Disciplinary Actions) की जानकारी नहीं है।

डिस्क्लेमर (Disclaimer)
निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे जोखिम कारकों (Risk Factors) को ध्यान से पढ़ें और निवेश का निर्णय लेने से पहले कंपनी की अपनी जाँच (Own Examination) पर भरोसा करें। इस डॉक्यूमेंट में दिए गए आंकड़े और जानकारी, जैसे कि Frost & Sullivan (F&S) की रिपोर्ट, कंपनी द्वारा कमीशन और पेड (commissioned and paid for) हैं, और इन्हें किसी भी तरह से निवेश की सलाह (Investment Advice) नहीं माना जाना चाहिए।

सरल शब्दों में निष्कर्ष: यह कंपनी एयरोस्पेस और मैन्युफैक्चरिंग जैसे हाई-वैल्यू सेगमेंट में एक दबंग खिलाड़ी है, खासकर अपने इंटीग्रेटेड SEZ मॉडल के कारण। लेकिन भाई, लॉस (loss) भी तगड़ा उठाया है, और पुराने रिकॉर्ड्स की गुमशुदगी (missing records) एक छोटी सी चिंता का विषय है! निवेश करने से पहले, लॉस की फिगर और प्रमोटर की गारंटी वाले मामले को अच्छी तरह समझ लेना।
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