शिवपुरी, 11 दिसंबर 2025: मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में लोकायुक्त पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (ADM) कार्यालय में तैनात निजी सहायक (स्टेनो) मोनू शर्मा को 5 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया। फरियादी ने आरोप लगाया है कि नाम दुरुस्ती की फाइल आगे बढ़ाने के लिए स्टेनो ने कुल 20 हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी, जिसमें से 15 हजार रुपये पहले ही दे दिए गए थे।
कोलारस तहसील के श्रीपुर चक्क गांव के रहने वाले ध्यानेन्द्र सिंह पडरया ने बताया कि उनकी करीब 50 बीघा जमीन पर उनके पिता मोहन सिंह का नाम गलती से ज्ञान सिंह हो गया था। इस गलती को सुधारने के लिए नाम दुरुस्ती का मामला पहले कोलारस तहसील में था, जो बाद में शिवपुरी ADM कोर्ट में ट्रांसफर हो गया।
ध्यानेन्द्र के मुताबिक, पिता के नाम का सत्यापन करवाने के लिए ADM के स्टेनो मोनू शर्मा ने उनसे 20 हजार रुपये की डिमांड की। पहले 5 हजार रुपये दिए गए, फिर 10 हजार रुपये 10 दिसंबर को दिए गए, जिनकी ऑडियो रिकॉर्डिंग भी फरियादी ने कर ली थी। इसी रिकॉर्डिंग के आधार पर 9 दिसंबर को ग्वालियर लोकायुक्त में शिकायत दर्ज की गई थी।
आज यानी 11 दिसंबर को बाकी बचे 5 हजार रुपये देने का प्लान था। ध्यानेन्द्र ने ADM ऑफिस में ही 500-500 के 10 नोटों में कुल 5 हजार रुपये मोनू शर्मा को दिए। जैसे ही मोनू ने पैसे अपनी जेब में रखे, फरियादी ने लोकायुक्त टीम को इशारा किया और पुलिस ने मौके पर ही स्टेनो को रंगे हाथों धर दबोचा।
खबर लिखे जाने तक ग्वालियर लोकायुक्त पुलिस पूछताछ और कागजी कार्रवाई में जुटी हुई थी। मामले में आगे की जांच जारी है।
पिछले कुछ महीनों में मध्य प्रदेश में रिश्वतखोरी के कई मामले सामने आए हैं। हाल ही में भोपाल, इंदौर और ग्वालियर संभाग में भी तहसील और कलेक्टर कार्यालय के कर्मचारियों-अधिकारियों पर लोकायुक्त की कार्रवाई हुई है, जिससे साफ है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार और लोकायुक्त की सख्ती लगातार बढ़ रही है।
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