भोपाल, 3 दिसंबर 2025: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज महिला एवं बाल विकास विभाग की हाई लेवल रिव्यू मीटिंग ली। मीटिंग में विभाग की कई उपलब्धियों पर मुहर लगी तो कई नए टारगेट भी सेट हुए। सबसे खास बात यह है कि, 9948 वैकेंसी ओपन होने वाली है और लाडली लक्ष्मी योजना के प्रदर्शन से मुख्यमंत्री असंतुष्ट हैं।
Food Security Response में मध्य प्रदेश नंबर-1
विभाग ने बताया कि 19,500 रिक्त पदों के खिलाफ अब तक 9,948 नियुक्ति आदेश जारी हो चुके हैं, बाकी प्रक्रिया अंतिम चरण में है। सीएम ने इस पारदर्शी सिस्टम की तारीफ की और इसे पूरे देश के लिए मॉडल बताया। टेक होम राशन की FRS (Food Security Response) प्रक्रिया में भी मध्य प्रदेश ने नंबर-1 पोजीशन हासिल की है और केंद्र सरकार से खास सराहना मिली है।
मध्यप्रदेश महिला बाल विकास विभाग की सफलताएं
स्पॉन्सरशिप स्कीम में 20,243 बच्चों को फायदा पहुंचाकर प्रदेश ने देश में दूसरा स्थान हासिल किया है। झाबुआ के ‘मोटी आई’ इनोवेशन को तो प्रधानमंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार ही मिल चुका है। PM JANMAN आवास योजना की डिजाइन और रियल-टाइम मॉनिटरिंग मॉड्यूल को भी भारत सरकार ने सराहा है। आंगनवाड़ी वर्कर्स की अटेंडेंस के लिए 20 मीटर जियो-फेंसिंग सिस्टम लागू करना डिजिटल ट्रांसपेरेंसी की मिसाल बना हुआ है।
CM डॉ मोहन यादव ने अगले 3 साल के टारगेट दिए
सीएम ने तीन साल की फ्यूचर प्लानिंग पर जोर देते हुए 2026 से शहरी आंगनवाड़ियों में सेंट्रल किचन से गर्म भोजन शुरू करने का ऐलान किया। 2047 विजन के तहत प्री-स्कूल एजुकेशन में बड़ा इन्वेस्टमेंट होगा और निपुण भारत बेस्ड डेवलपमेंट कार्ड से क्वालिटी इम्प्रूवमेंट होगा। लाड़ली लक्ष्मी योजना का और विस्तार होगा, जिसमें 34 लाख बालिकाओं को स्कॉलरशिप मिलेगी। अगले तीन साल में 9,000 नए आंगनवाड़ी भवन बनेंगे।
लाड़ली बहना योजना के तहत जनवरी 2024 से नवंबर 2025 तक 36,778 करोड़ रुपये महिलाओं के खाते में ट्रांसफर हुए। PMMVY से 9.70 लाख गर्भवती महिलाओं को 512 करोड़ से ज्यादा की मदद मिली। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के तहत 1.89 लाख पौधे लगे, 6,520 लड़कियों को ड्राइविंग लाइसेंस और 8,637 को कॉम्पिटिटिव एग्जाम कोचिंग दी गई। 12,670 आंगनवाड़ी केंद्रों को ‘सक्षम आंगनवाड़ी’ घोषित किया जा चुका है।
लाड़ली लक्ष्मी योजना के प्रदर्शन पर मुख्यमंत्री नाराज
मीटिंग में सीएम ने लाड़ली लक्ष्मी योजना की बेटियों के ड्रॉपआउट पर सख्त नाराजगी जताई और अधिकारियों से पूरी डिटेल ली। ड्रॉपआउट रोकने के लिए स्ट्रिक्ट मॉनिटरिंग के निर्देश दिए। साथ ही सप्लाई और मटेरियल टेंडर में पारदर्शिता लाने को कहा, चेतावनी दी कि अगर कोई गड़बड़ हुई तो सीनियर ऑफिसर खुद जिम्मेदार होंगे।
महिला एवं बाल विकास विभाग के लिए मुख्यमंत्री के निर्देश
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने महिला एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को कुल निम्नलिखित प्रमुख निर्देश दिए हैं:
1. लाड़ली लक्ष्मी योजना की बेटियों के स्कूल ड्रॉपआउट पर सख्त निगरानी रखें, हर जिले से डिटेल रिपोर्ट लें और ड्रॉपआउट को पूरी तरह रोकने के लिए ठोस कदम उठाएं।
2. कुपोषण को अगले तीन साल में पूरी तरह खत्म करने के लिए फुल-प्रूफ एक्शन प्लान तैयार करें, हर स्तर पर मॉनिटरिंग हो।
3. ब्रेस्ट फीडिंग को बढ़ावा देने के लिए बड़े स्तर पर जागरूकता अभियान चलाएं, आंगनवाड़ी वर्कर्स और ASHAs को खास ट्रेनिंग दें।
4. सप्लाई और मटेरियल टेंडर प्रक्रिया को पूरी तरह पारदर्शी बनाएं, अगर कहीं गड़बड़ी मिली तो संबंधित वरिष्ठ अधिकारी व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार होंगे।
5. 2026 से शहरी आंगनवाड़ियों में सेंट्रल किचन से गर्म भोजन की व्यवस्था शुरू करने की पूरी तैयारी अभी से करें।
6. अगले तीन साल में 9,000 नए आंगनवाड़ी भवन बनाने का मेगा प्लान समयबद्ध तरीके से पूरा करें।
7. आंगनवाड़ी भर्ती की बची हुई प्रक्रिया को जल्द पूरा करें और पारदर्शिता का यह मॉडल पूरे देश में हाइलाइट हो, इसके लिए डॉक्यूमेंटेशन मजबूत करें।
सीएम ने साफ कहा कि महिला एवं बाल विकास विभाग अब सिर्फ स्कीम चलाने का नहीं, बल्कि समाज में रियल चेंज लाने का विभाग है। कुपोषण और ड्रॉपआउट जैसे मुद्दों पर जीरो टॉलरेंस रहेगा। बैठक में मौजूद सभी बड़े अधिकारी इन निर्देशों को तुरंत अमल में लाने के लिए कमर कस चुके हैं।
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