भोपाल, 5 दिसंबर 2025: मध्य प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र की शुक्रवार दिनांक 5 दिसंबर 2025 को हुई कार्यवाही पूर्वाह्न 11:03 बजे अध्यक्ष महोदय (श्री नरेन्द्र सिंह तोमर) का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत कर रहे हैं। हर छोटा बड़ा विषय आपके ध्यान में रहे:-
1. तारांकित प्रश्नों के मौखिक उत्तर
विधानसभा में नगरीय विकास एवं आवास, ऊर्जा (राजस्व) तथा लोक निर्माण विभाग से संबंधित महत्वपूर्ण विषयों पर प्रश्नकाल चला:
• ग्राम पंचायत उज्जनगर का नगर परिषद में उन्नयन: विधायक श्री मुरली भांवरा ने देवास जिले की ग्राम पंचायत उज्जनगर को नगर परिषद बनाने की प्रक्रिया के बारे में पूछा। मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि कार्य कलेक्टर स्तर पर प्रक्रियाधीन है, लेकिन समय-सीमा बताना संभव नहीं है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि नगर परिषद गठन के लिए आवश्यक 20 हजार जनसंख्या उज्जनगर की (3977) नहीं है, और यह क्षेत्र आदिवासी बाहुल्य है, जहाँ नगरीय मापदंड पूरे नहीं होते। मंत्री ने विधायक को क्षेत्र के विकास के लिए व्यक्तिगत रूप से मदद करने का आश्वासन दिया।
• डीजल भुगतान की जांच (धामनोद): विधायक श्री कालु सिंह ठाकुर ने मुख्य नगरपालिका अधिकारी, धामनोद द्वारा किए गए डीजल भुगतान की राशि (₹ 84,48,429.00) और लंबित शिकायतों की जानकारी मांगी। मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि एक शिकायत नस्तीबद्ध हुई है और कोई भी शिकायत लंबित नहीं है। मंत्री ने धामनोद का मास्टर प्लान बनाने और विकास में बाधा बनने पर सीएमओ को हटाने का आश्वासन दिया।
• खरगापुर में विद्युतीकरण: विधायक श्रीमती चंदा सुरेन्द्र सिंह गौर ने विद्युतीकरण कार्य में देरी पर प्रश्न उठाया। ऊर्जा मंत्री ने बताया कि कार्य योजनाओं के दिशानिर्देशों के अंतर्गत नहीं आते, इसलिए उन्हें विभागीय मद से कराना प्रस्तावित नहीं है। विधायक ने बिजली के करंट लगने से हुई मोहन अहिरवार की मृत्यु पर मुआवजे की मांग की, जिस पर जल संसाधन मंत्री (अधिकृत) श्री तुलसीराम सिलावट ने संबंधित लाइनमैन परीक्षक को तत्काल निलंबित करने और आउटसोर्स कर्मचारी को सेवा से बर्खास्त करने की जानकारी दी, तथा जिलाधीश के माध्यम से सहायता दिलाने का आश्वासन दिया।
• ऑडिटोरियम/मोक्षधाम (चाँदामेटा): विधायक श्री सोहनलाल बाल्मीक ने चाँदामेटा नगर में ऑडिटोरियम भवन निर्माण (₹ 5 करोड़) और मोक्षधाम के उन्नयन (₹ 50 लाख) की स्वीकृति के संबंध में पूछा। मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि ऑडिटोरियम के लिए 'गीता भवन' की स्थापना के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि ऑडिटोरियम का संचालन छोटी नगरपालिका के लिए बहुत मुश्किल और खर्चीला है, इसलिए गीता भवन को इस प्रकार से डिजाइन किया जाएगा कि वह ऑडिटोरियम के काम भी आ सके। मोक्षधाम के उन्नयन हेतु राशि देने पर मंत्री ने सहमति जताई।
• उच्च दाब उपभोक्ताओं पर बकाया: डॉ. विक्रांत भूरिया ने बिजली की मांग और खपत के साथ ही प्रदेश में ₹ 1228.55 करोड़ के बिजली बिल बकाया रखने वाले 2409 उच्च दाब उपभोक्ताओं की जानकारी मांगी। विधायक ने स्मार्ट मीटरों से अधिक बिल आने की समस्या भी उठाई, जिस पर मंत्री तुलसीराम सिलावट ने जांच कराकर समाधान करने का आश्वासन दिया।
• महेश्वर जल विद्युत परियोजना के कर्मचारियों का वेतन: विधायक श्री सचिन सुभाषचंद्र यादव के प्रश्न पर मंत्री ने बताया कि निजी डेवलपर (एस.एम.एच.पी.सी.एल.) द्वारा नियुक्त 94 अधिकारियों/कर्मचारियों को क्रमशः 44, 51 या 47 माह का वेतन बकाया है, और चूँकि परियोजना को NCLT द्वारा दिवालिया घोषित किया गया है, वेतन भुगतान की कार्यवाही न्यायालय के आदेश के अधीन है।
• भोपाल नगर निगम में अनियमित पदस्थापना: विधायक श्री बृजबिहारी पटैरिया ने नगर निगम भोपाल में अन्य विभागों से आए कर्मचारियों/अधिकारियों की नियम विरुद्ध पदस्थापना पर प्रश्न किया। मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय ने आश्वासन दिया कि जो लोग राजनीतिक या प्रशासनिक प्रभाव बनाकर प्रतिनियुक्ति पर आए हैं और जिनकी आवश्यकता नहीं है, उन सभी को उनके मूल विभाग में वापस भेज दिया जाएगा।
• मनोवर बाईपास रिंग रोड: विधायक डॉ. हीरालाल अलावा द्वारा धार जिले के मनावर में बाईपास रिंग रोड की स्वीकृति के संबंध में पूछा गया। लोक निर्माण मंत्री श्री राकेश सिंह ने बताया कि ₹ 67.15 करोड़ के प्रस्ताव को वित्तीय समिति ने अस्वीकृत कर दिया था, क्योंकि बजट में मात्र ₹ 6 करोड़ का प्रावधान था। मंत्री ने बढ़ती दुर्घटनाओं के कारण इस प्रस्ताव की पुनः समीक्षा करने का आश्वासन दिया।
2. स्वागत उल्लेख
अध्यक्ष महोदय ने सदन में उपस्थित नवनियुक्त आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं का स्वागत किया। उन्होंने ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से 19 हजार से अधिक नियुक्तियों की पारदर्शी प्रणाली की सराहना की।
3. ध्यानाकर्षण सूचनाएँ
सदन में चार ध्यानाकर्षण सूचनाओं पर विस्तृत चर्चा हुई:
• राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में वित्तीय अनियमितता: विधायक श्री भगवानदास सबनानी ने RGPV में ₹ 19.48 करोड़ अनाधिकृत रूप से निजी खातों में ट्रांसफर किए जाने और NAAC ग्रेड प्राप्त करने के लिए कूटरचित दस्तावेजों के प्रयोग का मुद्दा उठाया। तकनीकी शिक्षा मंत्री श्री इन्दर सिंह परमार ने एफआईआर दर्ज होने और प्रकरण के विचाराधीन होने की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि फॉरेन्सिक ऑडिट चल रहा है, और NAAC ग्रेडिंग डेटा के भौतिक सत्यापन की कार्यवाही की जाएगी।
• सिंगरौली जिले में वनों की अवैध कटाई: डॉ. विक्रांत भूरिया ने सिंगरौली के धीरौली कोल ब्लॉक में PESA कानून के उल्लंघन और वनों की कटाई का गंभीर आरोप लगाया। वन राज्य मंत्री श्री दिलीप अहिरवार ने कहा कि यह कार्य केंद्र सरकार की अनुमति से नियम और प्रक्रिया के तहत किया जा रहा है और यहाँ PESA एक्ट लागू नहीं होता। विपक्ष ने इस मामले में वर्ष 2023 के बाद पाँचवीं अनुसूची से क्षेत्र को हटाने का कारण पूछा, जिस पर स्पष्ट जवाब न मिलने के विरोध में विपक्ष (इंडियन नेशनल कांग्रेस) ने सदन से बहिर्गमन किया।
• रतलाम नगर के निजी स्कूल में छात्र द्वारा आत्महत्या का प्रयास: डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय ने रतलाम के एक निजी स्कूल में छात्र के आत्महत्या प्रयास और निजी स्कूलों की मनमानी पर चिंता व्यक्त की। स्कूल शिक्षा मंत्री श्री उदय प्रताप सिंह ने संबंधित प्राचार्य को निलंबित करने और एफआईआर दर्ज करने की जानकारी दी। उन्होंने यह भी बताया कि अनावश्यक फीस वृद्धि पर नियंत्रण के लिए कानून को सख्त किया गया है (10% से अधिक वृद्धि के लिए कलेक्टर की अध्यक्षता वाली समिति की निगरानी)।
• एकीकृत रेफरल ट्रांसपोर्ट योजना (108 एम्बुलेंस): नेता प्रतिपक्ष श्री उमंग सिंघार ने 108 आपातकालीन वाहनों की समय पर उपलब्धता न होने और योजना में बड़े घोटाले होने का आरोप लगाया। उन्होंने ठेका कंपनी पर फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र लगाने का भी आरोप लगाया। उप मुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल ने बताया कि रिस्पांस टाइम को कम किया गया है (शहर में 20 मिनट से 18 मिनट, ग्रामीण में 30 मिनट से 25 मिनट)। उन्होंने कहा कि परफॉर्मेंस इंडीकेटर्स में विफल होने पर ₹ 100 करोड़ तक की कटौती (पेनाल्टी) की गई है, और विधायक द्वारा दिए गए दस्तावेजों के आधार पर जाँच कराई जाएगी।
4. वित्तीय विधायी कार्य
• सदन में भोजनावकाश नहीं रखा गया।
• द्वितीय अनुपूरक अनुमान 2025-2026 की मांगों पर चर्चा हुई। उप मुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री श्री जगदीश देवड़ा ने चर्चा का उत्तर दिया। उन्होंने बताया कि द्वितीय अनुपूरक अनुमान ₹ 13,477 करोड़ का प्रस्तुत किया गया है।
◦ इसमें प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के लिए ₹ 4,000 करोड़।
◦ मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना के लिए ₹ 1,794 करोड़।
◦ उपाजर्न संस्थाओं को ऋण देने हेतु ₹ 2,000 करोड़ का प्रावधान किया गया।
◦ मंत्री ने विपक्ष के ऋण संबंधी आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि सरकार द्वारा लिया गया ऋण पूंजीगत व्यय (विकास कार्य) में खर्च हो रहा है, न कि राजस्व मद में।
• मध्यप्रदेश विनियोग (क्रमांक 4) विधेयक 2025 और मध्यप्रदेश विनियोग (क्रमांक 5) विधेयक 2025 (जो वर्ष 2011-2012 के आधिक्य व्यय से संबंधित था) सदन द्वारा पारित किए गए।
5. अशासकीय संकल्प
चार अशासकीय संकल्प प्रस्तुत हुए, जिनमें से तीन पारित किए गए:
• राजधानी सुपर फास्ट ट्रेन का स्टॉपेज (सागर): नरयावली विधानसभा क्षेत्र के विधायक इंजीनियर प्रदीप लारिया ने नरयावली एवं जरुवाखेड़ा स्टेशन पर राज्य रानी सुपर फास्ट ट्रेन के स्टॉपेज की मांग की। संकल्प स्वीकृत हुआ और केंद्र सरकार को भेजने का निर्णय लिया गया।
• मंडला स्टेशन का नाम परिवर्तन और नई ट्रेन: विधायक श्री नारायण सिंह पट्टा ने मंडला फोर्ट रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर वीरांगना रानी दुर्गावती स्टेशन मंडला करने और जबलपुर को जोड़ने वाली नवीन ट्रेन चलाने की मांग की। संकल्प स्वीकृत हुआ।
• देवरी का नाम परिवर्तन: विधायक श्री बृजबिहारी पटैरिया ने सागर जिले की देवरी का नाम बदलकर देओपुरी करने का संकल्प प्रस्तुत किया। राजस्व मंत्री श्री करण सिंह वर्मा ने बताया कि राज्य शासन द्वारा प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा जा चुका है, लेकिन अनापत्ति प्राप्त नहीं हुई है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के अनुरोध पर विधायक ने संकल्प वापस लिया।
• सेमरिया में नई जनपद पंचायत: विधायक श्री अभय मिश्रा ने रीवा जिले के सेमरिया मुख्यालय में नवीन जनपद पंचायत खोलने का संकल्प प्रस्तुत किया। मंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने बताया कि राज्य सरकार ने प्रशासनिक इकाई पुनर्गठन आयोग का गठन किया है और आयोग के समक्ष यह विषय रखा जाएगा। संकल्प स्वीकृत हुआ।
6. सत्र का समापन
अध्यक्ष महोदय ने सदन को सूचित किया कि शीतकालीन सत्र में 4 बैठकें हुईं, जो लगभग 23 घंटे चलीं। इस दौरान 1497 प्रश्न प्राप्त हुए और 37 ध्यानाकर्षण सूचनाएं ग्राह्य की गईं। उन्होंने सदन की कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया।
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