भोपाल, 20 दिसंबर 2025: आरक्षण का लाभ लेकर राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी और फर्जीवाड़ा करके भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी बने संतोष वर्मा का प्रमोशन ब्राह्मणों से विवाद के बाद रुक गया है। अनुराग चौधरी को सेक्रेटरी रैंक मिलने की पूरी उम्मीद थी लेकिन उनका लिफाफा भी बंद हो गया। इसके अलावा क्रिमिनल केस और डिपार्मेंटल इंक्वारी के कारण 3 अन्य आईएएस अधिकारियों का प्रमोशन भी रोक दिया गया है।
शुक्रवार को मुख्य सचिव अनुराग जैन, अपर मुख्य सचिव राजेश राजौरा और प्रशासन अकादमी के डीजी सचिन सिन्हा की मीटिंग हुई, जिसमें इन नामों पर विचार किया गया। पिछले हफ्ते की DPC में भी इन सभी के प्रमोशन रोक दिए गए थे। अनुराग चौधरी का केस थोड़ा अलग था, क्योंकि उनकी प्रमोशन की पॉसिबिलिटी बन रही थी, लेकिन आखिरकार कमेटी ने लिफाफा बंद रखने का फैसला लिया।
किस IAS अधिकारी का प्रमोशन किस कारण से रुका
मंत्रालय के सूत्र बता रहे हैं कि ये अफसर प्रमोशन के लिए अभी योग्य नहीं माने गए।
- संतोष वर्मा पर एक क्रिमिनल केस के अलावा दो विभागीय जांच (DE) पेंडिंग हैं।
- तरुण भटनागर और ऋषि गर्ग की भी DE चल रही है। भटनागर का नाम तो पिछली बार भी अटक चुका है।
- पवन जैन का मामला भी कुछ ऐसा ही लगता है। DPC ने साफ कहा कि पेंडिंग जांच के कारण इनको प्रमोशन नहीं दिया जा सकता।
2010 बैच के सीनियर आईएएस अधिकारी अनुराग चौधरी को सचिव रैंक पर प्रमोशन मिलने की उम्मीद थी, लेकिन विभागीय पदोन्नति समिति (DPC) ने उनका लिफाफा बंद कर दिया है। यानी फिलहाल वे सचिव नहीं बन पाएंगे।
इससे संबंधित अन्य जानकारी: हाल ही में दिसंबर 2025 में मध्य प्रदेश सरकार ने 71 से ज्यादा आईएएस अधिकारियों को प्रमोशन देने की तैयारी की थी, जिसमें कई बैच के अफसरों को अपर सचिव या सचिव रैंक मिलने वाली थी। लेकिन विभागीय जांच लंबित होने की वजह से तरुण भटनागर, ऋषि गर्ग और संतोष वर्मा जैसे नामों पर सहमति नहीं बनी। नए साल में बड़े स्तर पर प्रमोशन और तबादलों की संभावना है, लेकिन पेंडिंग केस वाले अफसरों को अभी इंतजार करना पड़ सकता है। अनुराग चौधरी का मामला भी इसी प्रमोशन प्रोसेस से जुड़ा लगता है, जहां सीनियर बैच के कुछ नाम अटके हैं।
