भोपाल, 20 दिसंबर 2025: मध्य प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों और दुकानदारों के लिए गुड न्यूज़ है। मध्य प्रदेश में अब शनिवार की परमानेंट सरकारी छुट्टी रहेगी। इसमें कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। यह छुट्टी कोरोनावायरस के संक्रमण को रोकने के लिए अस्थाई तौर पर घोषित की गई थी, लेकिन 1 जनवरी 2026 से यह साप्ताहिक स्थाई अवकाश हो जाएगा। आम जनता को इसके कारण भले ही कुछ परेशानी हो लेकिन दुकानदारों को फायदा होगा। कोरोना से पहले मार्केट केवल संडे को चलता था। अब शनिवार को भी चलता है और चलता रहेगा।
मुख्यमंत्री ने छुट्टियों की समीक्षा करने की आदेश दिए थे
मध्य प्रदेश में वर्ष 2020 से पहले दूसरे और तीसरे शनिवार को कार्यालय खुले रहते थे। पहले और चौथे शनिवार को अवकाश रहता था। कोरोना महामारी के समय संक्रमण को नियंत्रित रखने के लिए सप्ताह में पांच कार्य दिवस की व्यवस्था बनाई गई थी। लॉकडाउन खोल दिया, संक्रमण को रोकने के लिए जितने भी इंतजाम किए गए थे सब बंद कर दिए गए परंतु शनिवार की छुट्टी आज तक जारी है। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के निर्देश पर छुट्टियों पर पुनर्विचार के लिए सामान्य प्रशासन, वित्त, गृह और राजस्व विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की समिति बनाई गई। इसका उद्देश्य स्वैच्छिक सहित कर्मचारियों को प्रति वर्ष मिलने वाले अन्य अवकाश पर पुनर्विचार करना है।
मुख्यमंत्री का अपमान नहीं हुआ लेकिन आदेश का पालन भी नहीं हुआ
उधर, वर्ष 2026 के लिए अवकाश घोषित करने की प्रक्रिया पूरी हो गई है। इसमें कोई विशेष परिवर्तन नहीं हुआ है। समय-समय पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने दिन विशेष पर ऐच्छिक अवकाश की जो घोषणा की है, उन्हें शामिल करते हुए अंतिम रूप दे दिया गया है। सूत्रों का कहना है कि इसमें पांच के स्थान पर छह कार्य दिवस की व्यवस्था बहाली शामिल नहीं है।
बदलाव के पक्ष में नहीं कर्मचारी
कर्मचारी इसके पक्ष में नहीं हैं। सभी का कहना है कि अब जो व्यवस्था बन गई है, उसमें कर्मचारी रच-बस गए हैं इसलिए परिवर्तन का अधिक औचित्य भी नहीं है। भोपाल में दशहरा के एक दिन पहले अवकाश के प्रस्ताव को जिला प्रशासन का प्रस्ताव सामान्य प्रशासन विभाग ने आगे बढ़ाया था लेकिन मुख्य सचिव की हरी झंडी नहीं मिली। दरअसल, अक्टूबर में अवकाश अधिक थे। शासकीय कार्य प्रभावित न हो, इसलिए प्रस्ताव लौटा दिया गया।
अवकाश नियमों में संशोधन किया गया है
राज्य में मध्य प्रदेश सिविल सेवा (अवकाश) नियम 1977 लागू था। इसमें वर्तमान स्थितियों को देखते हुए परिवर्तन किए गए हैं, जो एक जनवरी 2026 से लागू होंगे। संतान पालन अवकाश (चाइल्ड केयर लीव) प्रथम 365 दिन पूर्ण वेतन के साथ मिलेगी, जबकि दूसरी बार में 80 प्रतिशत वेतन का भुगतान होगा।
शिक्षकों के लिए 10 अर्जित अवकाश
18 वर्ष तक के बच्चे के लिए अवकाश स्वीकृत किया जा सकेगा। अभी तक दो साल का अवकाश लेने तक वेतन कटौती का प्रावधान नहीं था, लेकिन संशोधित नियम में रखा गया है। एक वर्ष में तीन बार से अधिक अवकाश स्वीकृत नहीं किया जाएगा। एकल महिला को एक कैलेंडर वर्ष (एक जनवरी से 31 दिसंबर) में छह बार अवकाश की पात्रता रहेगी। साढ़े चार लाख से अधिक शिक्षकों को वर्ष में दस दिन के अर्जित अवकाश की पात्रता होगी।
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