Legal advice: गैंगरेप में गैंग का वह व्यक्ति जिसे कुछ नहीं किया उसका क्या होगा, माफी मिलेगी या सजा?

भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 70 एक बेहद कठोर और महत्वपूर्ण प्रावधान है, जो सामूहिक बलात्कार (Gang Rape) के अपराध से संबंधित है। यह धारा यह सुनिश्चित करती है कि जब एक समूह मिलकर इस जघन्य अपराध को अंजाम देता है, तो समूह के प्रत्येक सदस्य को व्यक्तिगत रूप से किए गए अपराध के समान ही, कड़ी से कड़ी सजा मिले। 

BNS धारा 70 की सरल भाषा में व्याख्या

धारा 70 तब लागू होती है जब एक या अधिक व्यक्ति एक समूह बनाते हैं या एक साझा आपराधिक इरादे (common intention) के तहत कार्य करते हुए किसी महिला के साथ बलात्कार करते हैं। इस धारा के तहत, समूह के प्रत्येक सदस्य को यह माना जाता है कि उसने बलात्कार का अपराध किया है, भले ही उसने व्यक्तिगत रूप से शारीरिक रूप से सभी कृत्य (जो धारा 63 में परिभाषित हैं) न किए हों।

1. General Gang Rape - धारा 70(1)

यह उप-धारा उन मामलों से संबंधित है जहाँ एक समूह द्वारा 18 वर्ष या उससे अधिक उम्र की महिला के साथ बलात्कार किया जाता है।
तथ्य एवं प्रावधान
अपराधी: एक से अधिक व्यक्ति जो समूह बनाते हैं या साझा इरादे के तहत काम करते हैं।
पीड़िता: कोई भी महिला।
सजा: कठोर कारावास (Rigorous Imprisonment) जिसकी अवधि बीस वर्ष से कम नहीं होगी। इसे आजीवन कारावास तक बढ़ाया जा सकता है (जिसका अर्थ है व्यक्ति के शेष प्राकृतिक जीवनकाल तक जेल)।
जुर्माना: जुर्माना भी लगाया जाएगा। यह जुर्माना पीड़ित के चिकित्सा खर्चों और पुनर्वास के लिए उचित और न्यायसंगत होना चाहिए, और यह जुर्माना पीड़ित को भुगतान किया जाएगा।

2. Gang Rape on a Minor - धारा 70(2)

यह उप-धारा अपराध की सबसे गंभीर श्रेणी है, जिसे BNS में कड़ा दंड देने के लिए संशोधित किया गया है।
तथ्य एवं प्रावधान
अपराधी: एक समूह या साझा इरादे के तहत कार्य करने वाले एक से अधिक व्यक्ति।
पीड़िता: कोई भी महिला, जिसकी उम्र अठारह वर्ष से कम हो।
सजा: इस अपराध के लिए दोषी व्यक्तियों को आजीवन कारावास (व्यक्ति के शेष प्राकृतिक जीवनकाल तक) और जुर्माना, या मृत्युदंड (Death) से दंडित किया जाएगा।
जुर्माना: जुर्माना पीड़ित के चिकित्सा खर्चों और पुनर्वास के लिए उचित और न्यायसंगत होगा और पीड़ित को भुगतान किया जाएगा।

मुख्य बदलाव (IPC की तुलना में)

BNS की धारा 70(2) में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन किया गया है। पहले (IPC की संबंधित धाराओं में), नाबालिगों पर सामूहिक बलात्कार के लिए आयु सीमा 12 वर्ष या 16 वर्ष थी। BNS की धारा 70(2) में, इस आयु सीमा को बढ़ाकर 18 वर्ष कर दिया गया है। इसका मतलब है कि 18 वर्ष से कम उम्र की किसी भी महिला पर सामूहिक बलात्कार करने वाले को मृत्युदंड तक की सजा दी जा सकती है।

उदाहरण
मान लीजिए, 'A', 'B', 'C', 'D' और 'E' नामक पाँच व्यक्ति मिलकर एक सुनसान जगह पर 17 वर्षीय महिला 'Z' का अपहरण करते हैं। उनके समूह का साझा इरादा (common intention) 'Z' के साथ बलात्कार करना है।
1. 'A' और 'B' शारीरिक रूप से 'Z' के साथ बलात्कार करते हैं, जबकि 'C' और 'D' उसे पकड़कर रखते हैं, और 'E' बाहर पहरा देता है।
2. चूँकि वे एक समूह के रूप में और साझा इरादे को आगे बढ़ाने के लिए कार्य कर रहे थे, धारा 70(2) के तहत समूह के प्रत्येक सदस्य ('A', 'B', 'C', 'D' और 'E') को सामूहिक बलात्कार का दोषी माना जाएगा।
3. चूँकि पीड़िता की आयु 18 वर्ष से कम है, इसलिए सभी दोषी व्यक्तियों को आजीवन कारावास या मृत्युदंड की सजा दी जाएगी।
यह धारा सुनिश्चित करती है कि समूह में शामिल प्रत्येक अपराधी, भले ही उसकी भूमिका सहायक (पहरा देना या रोकना) रही हो, उसे मुख्य अपराधी के समान ही गंभीर दंड मिले।  लेखक: उपदेश अवस्थी (पत्रकार एवं विधि सलाहकार)।
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