KISAN की फसल राज्य सरकार नहीं खरीदेगा तो केंद्र सरकार डायरेक्ट खरीदी करेगी: शिवराज सिंह

नई दिल्ली, 5 दिसंबर 2025
: राज्यसभा में आज कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने साफ-साफ कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार का एक ही मकसद है – किसान का पूरा कल्याण। उन्होंने गर्व के साथ बताया कि 2019 में फैसला लिया गया था कि फसल की कुल लागत (A2+FL) पर 50% मुनाफा जोड़कर MSP तय होगी, यानी स्वामीनाथन कमीशन की सबसे बड़ी सिफारिश को पूरी तरह लागू किया जा रहा है।

तुअर, मसूर और उड़द दाल की फसलों को सरकार 100% MSP पर खरीदेगी

सबसे बड़ी घोषणा यह रही कि अब तुअर (अरहर), मसूर और उड़द दाल की फसलों को सरकार 100% MSP पर खरीदेगी। मंत्री जी ने कहा, “अगर कोई राज्य सरकार कम खरीदेगी या खरीद नहीं पाएगी तो केंद्र खुद NAFED और दूसरी एजेंसियों के जरिए सीधे किसानों से पूरी फसल खरीद लेगा। किसान को एक भी दाना मंडी में कम दाम पर नहीं बेचना पड़ेगा।”

आंकड़ों से समझिए फर्क:

2014 से पहले (2004-2014):
- खरीफ फसलें: सिर्फ 46.89 करोड़ मीट्रिक टन खरीदी
- रबी फसलें: 23.02 करोड़ मीट्रिक टन
- दलहन: महज 6 लाख मीट्रिक टन
- तिलहन: 47.75 लाख मीट्रिक टन
- कुल खरीद का मूल्य: करीब 7.41 लाख करोड़ रुपये

मोदी सरकार में (2014 से अब तक):
- खरीफ: 81.86 करोड़ मीट्रिक टन
- रबी: 35.40 करोड़ मीट्रिक टन
- दलहन: 1.89 करोड़ मीट्रिक टन
- तिलहन: 1.28 करोड़ मीट्रिक टन
- कुल खरीद का मूल्य: 24.49 लाख करोड़ रुपये (यानी तीन गुना से ज्यादा)

शिवराज जी ने बताया कि 2013-14 की तुलना में आज हर फसल की MSP लगभग दोगुनी या उससे ज्यादा कर दी गई है। साथ ही PM-AASHA योजना के तहत दलहन-तिलहन की खरीद को और मजबूत किया गया है।

कर्नाटक का उदाहरण देते हुए मंत्री जी ने कहा कि पिछले साल वहां की सरकार ने तुअर की सिर्फ 25% खरीद की मांग की, केंद्र ने तुरंत मंजूरी दी, लेकिन फिर भी उन्होंने अपनी गारंटी से कम खरीद पाए। उन्होंने दोहराया, “हमारा फॉर्मूला एक ही है – किसान को उसकी फसल का पूरा हक दिलाना।”

कृषि मंत्री ने अंत में कहा, “कृषि भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और किसान उसके प्राण हैं। किसानों का कल्याण ही इस सरकार का सर्वोच्च संकल्प है और हम इसे हर हाल में पूरा करेंगे।”

अतिरिक्त जानकारी: इसी हफ्ते सरकार ने 2025-26 खरीफ सीजन की MSP भी मंजूर कर दी है, जिसमें ज्यादातर फसलों पर 50% से ज्यादा मार्जिन दिया गया है। साथ ही e-NAM पोर्टल पर अब तक 1.75 करोड़ से ज्यादा किसान और 2.40 लाख व्यापारी रजिस्टर्ड हो चुके हैं, जिससे पारदर्शी बिक्री बढ़ी है।
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