बालाघाट, 7 दिसंबर 2025: अब से पहले तक नक्सली या तो नेताओं का अपहरण करते थे या फिर हत्याएं कर दिया करते थे लेकिन आज इतिहास में पहली बार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के सामने 2.36 करोड़ के 10 इनामी नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया। सरेंडर करने वाले सभी नक्सली भोरमदेव एरिया कमेटी (सुरेन्द्र उर्फ कबीर की पार्टी) के सदस्य थे। जिसमें सबसे बड़ा नाम है डिवीजन कमांडर कबीर उर्फ महेंद्र। जिनको तीन राज्यों की पुलिस पकड़ नहीं पाई थी। जिसके जिंदा या मुर्दा पकड़े जाने पर 77 लाख रुपए का इनाम घोषित किया गया था।
मध्य प्रदेश के इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ गया
यह आत्मसमर्पण मध्यप्रदेश के इतिहास का अब तक का सबसे बड़ा नक्सली सरेंडर है। इन 10 नक्सलियों में 4 महिलाएं और 6 पुरुष शामिल हैं। सभी नक्सलियों ने 7 दिसंबर को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मौजूदगी में औपचारिक रूप से हथियार सौंपें।
नक्सलियों की आत्मसमर्पण की कहानी
जानकारी के मुताबिक नक्सलियों ने सबसे पहले एक फॉरेस्ट गार्ड के जरिए सरेंडर की इच्छा जताई। इसके बाद हॉक फोर्स की टीम ने करीब 11 बजे रेंज IG के बंगले पर इनकी औपचारिक बातचीत हुई। फिर सभी नक्सलियों को पुलिस लाइन ले जाया गया जहां पर पूछताछ और कागजी कार्रवाई पुरी की गई।
कौन हैं 10 सरेंडर किए नक्सली?
1. कबीर उर्फ सुरेंद्र – KB डिवीजन कमांडर, इनाम 77 लाख (सुकमा, छत्तीसगढ़ मूल)
2. राकेश ओड्डी – एलजीएस कमांडर, इनाम 62 लाख
3. समर उर्फ समारु – प्लाटून पार्टी कमांडर, इनाम 14 लाख
4. सलीता उर्फ सावित्री – इनाम 14 लाख
5. विक्रम उर्फ हिड़मा – इनाम 14 लाख
6. लालसिंह मरावी – सदस्य, इनाम 14 लाख
7. शिल्पा नुप्पी – इनाम 14 लाख
8. जनीता जोगी – इनाम 14 लाख
9. जयशीला उर्फ ललीता – इनाम 14 लाख
10. नवीन नुप्पी – इनाम 14 लाख
बालाघाट में आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों का पूरा परिचय
• सुरेंद्र उर्फ कबीर उर्फ सोमा सोढी पिता उंग्गा सोढी जाति गोंड उम्र 50 निवासी पुलमपाढ थाना गुल्लापल्ली जिला सुकमा छग।
• राकेश ओडी उर्फ मनीष पिता समरत ओडी जाति गोंड उम्र 42 निवासी ग्राम झंडेपार (बोट्टेकसा) थाना कोरची जिला गडचिरौली महाराष्ट्र।
• लालसिंह मरावी उर्फ सींगा उर्फ प्रवीण पिता भीमा माता ऊंगी जाति गोंड उम्र 30 निवासी छोटे गुडरा थाना कटेकल्याण जिला दंतेवाड़ा छग।
• शिल्पा नुप्पो पिता जोगा माता ..बीमे..जाति गोंड उम्र 26 निवासी बुडिया बट्टुम थाना बासीगुडा तहसील हवापल्ली जिला बीजापुर छग।
• सलीता उर्फ सावित्री अलावा पिता लकमु माता चिको जाति गोंड उम्र 26 निवासी सीनागेलोर थाना बासागुडा तहसील हवापल्ली जिला बीजापुर छग।
• नवीन नुप्पो उर्फ हिडमा पिता नंगा माता बीमे जाति गोंड उम्र 30 निवासी बोडकेल तहसील कोंटा (जगरगुंडा) जिला सुकमा छग।
• जयशीला उर्फ ललीता ओयम पिता समलु माता देवे जाति गोंड उम्र 26 निवासी तरैम थाना बासागुडा तहसील हवापल्ली जिला बीजापुर छग।
• विक्रम उर्फ हिडमा वट्टी पिता तकमा माता पीसे जाति गोंड उम्र 30 निवासी मडपे दुल्लोड थाना 4 थाना चिंता गुफा जिला सुकमा छग।
• जरिना उर्फ जोगी मुसाक पिता अंदल माता कोशी जाति गोंड (मुडिया) उम्र निवासी मुरंगा थाना गंगलुर जिला बिजापुर छग।
• समर उर्फ समारू उर्फ राजु अतरम पिता सन्नु माता सुमरी जाति गोंड उम्र 32 निवासी इंड्री तहसील बैरमगढ जिला बीजापुर छग।
मध्य प्रदेश में 35 साल बाद लाल आतंक पर ब्रेक
बालाघाट जिला पिछले 35 साल से नक्सलियों का गढ़ माना जाता था। केंद्र सरकार की मार्च 2026 तक नक्सलवाद खत्म करने की डेडलाइन और सुरक्षा बलों के लगातार ऑपरेशन से इलाका तेजी से नक्सल-मुक्त हो रहा है। इस साल बालाघाट में 2350 से ज्यादा एंटी-नक्सल ऑपरेशन हो चुके हैं, जिसमें 8 नक्सली मारे गए और 25 से ज्यादा ने सरेंडर किया।
पिछले एक महीने में सरेंडर की रफ्तार
नवंबर से सरेंडर का सिलसिला तेज हुआ था। 1 नवंबर को सुनीता ओयाम ने पहला सरेंडर किया था। इसके बाद गोंदिया में GRB डिवीजन के 11 नक्सली, बरकट्टा में एक नक्सली दंपत्ति और अब कबीर ग्रुप के 10 नक्सलियों ने हथियार डाले। एक साल में दो दर्जन से ज्यादा नक्सलियों ने मुख्यधारा में लौटने का फैसला किया है। शनिवार को लांजी क्षेत्र में पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ भी हुई थी, जिसके बाद रात में यह सरेंडर हुआ।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इसे नक्सलवाद के खिलाफ निर्णायक जीत बताया है। बालाघाट पुलिस और हॉक फोर्स की टीम को बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश अब पूरी तरह नक्सल-मुक्त होने की राह पर है। हमारे सूत्रों का कहना है कि सरेंडर करने वाले नक्सलियों की संख्या 12 थी लेकिन दो नक्सली समय पर पहुंच नहीं पाए।
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