इंदौर, 15 दिसंबर 2025: इंदौर जिले के किसान और पशुपालक भाइयों के लिए पशु स्वास्थ्य सेवाएं बहुत जरूरी हैं, लेकिन जब जिम्मेदार अधिकारी ही ड्यूटी में कोताही बरतें तो ये सीधे पशुओं की सेहत और पशुपालकों की आजीविका पर असर डालता है। ऐसा ही कुछ हुआ इंदौर के पशु औषधालय सेण्डल में, जहां सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी श्री माधु रावत को गंभीर लापरवाही के चलते तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया है।
माधु रावत काम ही नहीं कर रहे थे, ऑनलाइन अटेंडेंस में भी गड़बड़ी की
जिला कलेक्टर श्री शिवम वर्मा ने ये कार्रवाई की है। आरोप है कि श्री रावत ने ऑनलाइन अटेंडेंस सार्थक एप पर गलत तरीके से मार्किंग की, भारत पशुधन एप पर आर्टिफिशियल इंसेमिनेशन यानी कृत्रिम गर्भाधान के काम और एंट्रीज पूरी तरह जीरो रखीं। इसके अलावा शासकीय कामों में घोर उदासीनता और नियमों की खुली अवहेलना की गई। ये सब मध्यप्रदेश सिविल सेवा नियम 1966 के नियम 9 के तहत आता है, इसलिए निलंबन का ऑर्डर जारी हुआ।
निलंबन पीरियड में श्री रावत का हेडक्वार्टर कार्यालय संयुक्त संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं, इंदौर संभाग रखा गया है। नियमों के मुताबिक उन्हें जीवन निर्वाह भत्ता मिलेगा, लेकिन ये घटना विभाग में जवाबदेही की कमी को उजागर करती है। पशुपालक अक्सर शिकायत करते हैं कि लोकल लेवल पर ट्रीटमेंट और वैक्सीनेशन में देरी होती है, और ऐसे केस उस दर्द को और बढ़ाते हैं।
कलेक्टर शिवम वर्मा ने हाल ही में राजस्व विभाग में भी कुछ पटवारियों को लापरवाही पर सस्पेंड किया था। इस प्रकार वह मैसेज दे रहे हैं कि उनका प्रशासन जीरो टॉलरेंस की नीति पर चल रहा है। उम्मीद है कि ये एक्शन दूसरे अधिकारियों को भी अलर्ट करेगा।
इंदौर दुग्ध समृद्धि सम्पर्क अभियान के दूसरे चरण की बैठक, कलेक्टर ने दिए निर्देश
इंदौर, 15 दिसम्बर 2025: कलेक्टर श्री शिवम वर्मा की अध्यक्षता में हुई बैठक में दुग्ध समृद्धि सम्पर्क अभियान के द्वितीय चरण (17 दिसम्बर से शुरू) पर चर्चा हुई।
अधिकारियों को निर्देश:
पशुपालकों से घर-घर संपर्क कर नस्ल सुधार, पोषण और स्वास्थ्य पर जागरूक करें। खासकर उन्नत गोवंश बढ़ाने के लिए कृत्रिम गर्भाधान को प्रोत्साहित करें।
दूध उत्पादन 5% से 20% तक बढ़ाने का लक्ष्य।
डॉ. भीमराव अम्बेडकर कामधेनु योजना का प्रचार करें, जो साढ़े तीन एकड़ वाले पशुपालकों को 25 पशुओं की यूनिट पर सब्सिडी देती है।
जिले में 10,941 पशुपालकों (73,047 पशु) से संपर्क, 583 गांवों में 7-15 दिनों का अभियान।
प्रदेश में अभियान तीन चरणों में चल रहा है; कामधेनु योजना को सीएम मोहन यादव डेयरी क्रांति का हिस्सा बता रहे हैं।
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