भोपाल, 10 दिसंबर 2025: करवा चौथ का आयोजन करने वाले कांग्रेस पार्टी के विधायक श्री आरिफ मसूद आज सोशल मीडिया की सुर्खियों में है। लोकसभा में गृहमंत्री श्री अमित शाह ने अपने वक्तव्य के दौरान श्री आरिफ मसूद का जिक्र किया और बताया कि, श्री आरिफ मसूद शरीयत को भारतीय समाज और संविधान से अधिक महत्व देते हैं, इसलिए वंदे मातरम नहीं बोलते।
आरिफ मसूद ने कहा था: मैं शरण के साथ समझौता नहीं कर सकता
दरअसल, 6 साल पहले सीहोर में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान पूर्व विधायक श्री रमेश सक्सेना ने मंच से वंदे मातरम का नारा लगाया था। जब श्री आरिफ मसूद के भाषण की बारी आई तो उन्होंने कहा कि, यह हमारी बुनियादी लड़ाई है। मैं शरण के साथ समझौता नहीं कर सकता और इसलिए वंदे मातरम नहीं बोलूंगा। भोपाल के प्रख्यात पत्रकार श्री रवीश पाल सिंह ने इस बयान को रिकॉर्ड किया था और आज तक न्यूज़ चैनल पर यह समाचार प्रसारित किया गया था। यह न्यूज़ भारत सरकार के गृह मंत्रालय के रिकॉर्ड में आज भी है। श्री अमित शाह ने उसी रिकॉर्ड के आधार पर आज लोकसभा में अपने वक्तव्य के दौरान ऐसे जनप्रतिनिधियों का जिक्र किया जो "वंदे मातरम" बोलने से इनकार करते हैं।
आरिफ मसूद ने फिर से कहा: मैं वंदे मातरम नहीं गाऊंगा
हालांकि पिछले कुछ सालों में अन्य संप्रदाय और समाज के मतदाताओं को लुभाने के लिए श्री आरिफ मसूद मंदिर जाते हैं, हिंदुओं के धार्मिक त्योहारों में शामिल होते हैं और करवा चौथ जैसा धार्मिक आयोजन स्वयं आयोजित करते हैं। ऐसी स्थिति में एक बार फिर प्रश्न पूछा जा रहा है कि, क्या चुनाव जीतने के लिए बदल गए श्री आरिफ मसूद वंदे मातरम बोलेंगे?
जब मीडिया ने यह प्रश्न किया तो उन्होंने कहा कि मैं वंदे मातरम नहीं गाऊंगा। इसका कोई सवाल ही नहीं है।
मजेदार बात यह है कि इसी साल में के महीने में इंडियन आर्मी के सम्मान में श्री आरिफ मसूद ने अपने ऑफिस में वंदे मातरम गान का आयोजन किया। स्वयं शामिल भी हुए। पूरा वंदे मातरम सुना और सैल्यूट भी दिया। कान में पड़ा है तो स्वभावी के मन में दोहराया भी होगा। बस लिप्सिंग नहीं की।
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