भोपाल, 14 दिसंबर 2025: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, भोपाल जहां एक और गंभीर बीमारियों के इलाज और रिसर्च के लिए फेमस है वहीं दूसरी ओर अस्पताल के अंदर सीनियर डॉक्टर की तानाशाही शुरू हो गई है। डॉ. मोहम्मद यूनुस की प्रताड़ना से त्रस्त एक महिला डॉक्टर ने आत्महत्या करने की कोशिश की है। अभी भी उसकी हालत गंभीर है। यह महिला डॉक्टर एक तरफ योग्य और अनुभवी है वहीं दूसरी तरफ संवेदनशील भी है। गरीब मरीजों के इलाज के लिए अपनी सैलरी खर्च कर देती है।
यह मामला एम्स भोपाल के ट्रॉमा और इमरजेंसी मेडिसिन विभाग में काम करने वाली असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. रश्मि वर्मा का है। ड्यूटी खत्म करके घर लौटीं डॉ. रश्मि ने जहरीला इंजेक्शन लगाकर suicide attempt किया, और आज भी वो वेंटिलेटर सपोर्ट पर अपनी जिंदगी से लड़ रही हैं। ये खबर सुनकर हर कोई सोच में पड़ गया है कि आखिर एक dedicated डॉक्टर, जो गरीबों का इलाज करने में जी-जान लगा देती हैं, उनके मन में इतना poison कैसे भर गया?
AIIMS BHOPAL में departmental rivalry का काला खेल
शाम करीब 5 बजे डॉ. रश्मि को "सीरियस मिसकंडक्ट" टाइटल वाला नोटिस थमाया गया। ये नोटिस पढ़ते ही उनका मन टूट गया, मानो कोई ने उनकी dignity को चूर-चूर कर दिया हो। नोटिस और उसके attachments सामने आने के बाद बहस छिड़ गई है। क्या ये सिर्फ administrative action था, या इसके पीछे departmental rivalry का काला खेल खेला जा रहा था? डॉ. रश्मि ने अपने written reply में साफ कहा कि ये language painful, humiliating और mentally shattering थी। उन्होंने जोर देकर बताया कि उन्होंने कभी intentionally rules तोड़े नहीं, लेकिन इस नोटिस ने उन्हें deep stress में धकेल दिया। एक डॉक्टर जो patient की जान बचाने के लिए रात-दिन मेहनत करती हैं, उसी को institution से ऐसा झटका, ये fairness कहां है?
HOT के द्वारा pressure build-up किया जा रहा था
डॉ. रश्मि ने 25 से 27 सितंबर तक की academic leave को लेकर भी अपनी side रखी। उन्होंने clarify किया कि 25 अगस्त को ही faculty group में conference के लिए inform कर दिया था, जैसा departmental guidelines में है। उनका दावा है कि HOD ने ये message देखा था, और इसके proof में faculty group के screenshots attach किए। लेकिन फिर भी, नोटिस आया। ये देखकर लगता है कि छोटी-छोटी बातों को तूल देकर pressure build-up किया जा रहा था।
डॉ. मोहम्मद यूनुस: विभाग का अध्यक्ष है या तानाशाह
इसी बीच विभाग से एक और notice जारी हुआ, जिसमें डॉ. भूपेश्वरी पटेल और डॉ. बाबूलाल को छोड़कर बाकी सभी faculty को HOD डॉ. मोहम्मद यूनुस से मिलने के लिए prior appointment लेना compulsory कर दिया गया। Appointment के लिए DEO नितेश कुमार पांडेय से contact करना होगा, उनका mobile number और email ID भी notice में दिया गया। यहां सवाल तो बनता है की फैकल्टी को अपने ही विभाग के अध्यक्ष से मिलने के लिए अपॉइंटमेंट क्यों लेना पड़ेगा। दो डॉक्टरों ने ऐसी कौन सी मेरिट हासिल कर ली है जो उनको अपॉइंटमेंट नहीं लेना पड़ेगा। दरअसल, मोहम्मद यूनुस, फैकल्टी को प्रताड़ित करना चाहते हैं और यह तभी हो सकता है जब फैकल्टी की समस्याओं की सुनवाई बंद कर दी जाए।
यदि फैकल्टी को अपार्टमेंट लेकर ही मिलना है तो फिर हेड ऑफ द डिपार्टमेंट की क्या जरूरत है, डीन काफी है।
डॉ रश्मि वर्मा: MRI report ने बढ़ाई चिंता
डॉ. रश्मि की condition अभी भी critical बनी हुई है। बुधवार को suicide attempt के बाद उन्हें AIIMS में admit किया गया। शनिवार सुबह थोड़ा improvement लगा, लेकिन शाम को फिर ventilator support चालू करना पड़ा। Treating doctors के according, शनिवार शाम की MRI report disappointing है।
अंत में, इससे जुड़ी ताजा अपडेट्स और संबंधित खबरें
इस घटना पर मीडिया कवरेज तेज हो गया है, और recent reports से पता चलता है कि डॉ. रश्मि की हालत अभी भी नाजुक है, लेकिन वो slowly recover कर रही हैं। एक जांच चल रही है anaesthetic overdose पर, और internal politics के आरोपों पर सवाल उठ रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी #AIIMSBhopal और #DrRashmiVerma ट्रेंड कर रहा है, जहां लोग women safety और workplace harassment पर बात कर रहे हैं।
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