मध्य प्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लगातार दावा कर रही है कि उपभोक्ताओं की सहमति के बाद ही स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं लेकिन कांग्रेस पार्टी के विरोध प्रदर्शन के दौरान बिजली कंपनी का एक अधिकारी स्मार्ट मीटर के लिए इंकार करने वाले उपभोक्ताओं को नोटिस देने की धमकी देता हुआ दिखाई दिया। यह वीडियो मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा वायरल किया गया है। 
स्मार्ट मीटर के बाद बिजली का खर्चा 300 से 3000 हो गया
  
  कांग्रेस पार्टी की ओर से बताया गया है कि, भोपाल में जनता के विरोध के बावजूद स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं। जिन घरों का बिजली बिल पहले लगभग 300 रुपए आता था, वहां अब 3000 रुपए तक के बिल आ रहे हैं! आर्थिक रूप से कमजोर परिवार जब इतना अधिक बिल जमा नहीं कर पा रहे हैं, तो बिजली कंपनी उन्हें “बिजली चोरी” का दोषी ठहराकर कनेक्शन काट रही है! नरेला विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस नेता मनोज शुक्ला के नेतृत्व में रहवासियों ने बिजली कंपनी की इस मनमानी के विरुद्ध विरोध प्रदर्शन किया। 
AI ANSWER: क्या कांग्रेस के अलावा भी कोई स्मार्ट मीटर की शिकायत कर रहा है
हां, मध्य प्रदेश में स्मार्ट मीटर को लेकर पिछले 7 दिनों (25 अक्टूबर से 31 अक्टूबर 2025) में शिकायतें दर्ज हो रही हैं। मुख्य रूप से बिलिंग में वृद्धि, मीटर की सटीकता पर सवाल, और बिजली कनेक्शन काटने जैसी समस्याओं पर उपभोक्ताओं का विरोध देखा गया है। बिजली विभाग द्वारा कुछ शिकायतों का समाधान भी किया गया है, लेकिन कुल मिलाकर असंतोष बना हुआ है। 
मीटर हटाने की मुहिम: 
30 अक्टूबर को न्यूज18 की रिपोर्ट के अनुसार, मध्य प्रदेश से छत्तीसगढ़ तक स्मार्ट मीटर के खिलाफ उपभोक्ता सक्रिय हो गए हैं। विभाग मीटर लगाने का अभियान चला रहा है, जबकि लोग इन्हें हटाने की मांग कर रहे हैं। बिलिंग में पारदर्शिता की कमी और अतिरिक्त वसूली की शिकायतें प्रमुख हैं। 
28 अक्टूबर को एक उपभोक्ता ने शिकायत की कि स्मार्ट मीटर से रिवाइज्ड बिल में अधिकतम डिमांड (MD) 0.5 किलोवाट के बजाय 8 किलोवाट दिखाई गई, जिससे बिल बढ़ गया। 
26 अक्टूबर को छिंदवाड़ा के एक उपभोक्ता ने बताया कि स्मार्ट मीटर लगने के बाद बिल नहीं आ रहा या पुराने मीटर पर आधारित गलत बिल भेजे जा रहे हैं। 
28 अक्टूबर को एक अन्य शिकायत में कई बार बताने के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हुई। 
विभाग की प्रतिक्रिया: 
27-28 अक्टूबर को मध्य प्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी (MPEZ) ने 1912 हेल्पलाइन पर दर्ज शिकायतों का समाधान किया, जिसमें कुछ मामलों में मीटर बदल दिए गए। उदाहरण के लिए, एक शिकायत (C-13101176) में लाइनमैन द्वारा मीटर बदलकर समस्या हल की गई। 
29 अक्टूबर को ऊर्जा विभाग ने बताया कि भोपाल में 1.62 लाख से अधिक स्मार्ट मीटर लग चुके हैं, जो सटीक बिलिंग और ऊर्जा दक्षता बढ़ाने में मददगार हैं। कुछ उपभोक्ताओं (जैसे छिंदवाड़ा के हर्षल सिंह) ने सकारात्मक फीडबैक भी दिया। 
समग्र स्थिति: 
पिछले 7 दिनों में शिकायतों की संख्या स्पष्ट रूप से बढ़ी है, खासकर भोपाल और आसपास के क्षेत्रों में। विरोध प्रदर्शन और सोशल मीडिया पर चर्चा से पता चलता है कि उपभोक्ता मीटर हटाने या जांच की मांग कर रहे हैं। हालांकि, विभाग निराकरण का दावा कर रहा है। यदि आपकी कोई व्यक्तिगत शिकायत है, तो 1912 हेल्पलाइन या स्थानीय विद्युत केंद्र से संपर्क करें। यदि बिजली कंपनी सुनवाई नहीं करती तो सीएम हेल्पलाइन में शिकायत करें और इसके बारे में पत्रकारों को बताएं।
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