नई दिल्ली, 29 नवंबर 2025: उड़ीसा हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के उस विवादित सर्कुलर को पूरी तरह रद्द कर दिया जिसमें सांसदों (MPs) और विधायकों (MLAs) को शिक्षकों के इंटर-डिस्ट्रिक्ट व इंट्रा-डिस्ट्रिक्ट ट्रांसफर की सिफारिश करने का अधिकार दे दिया गया था। जस्टिस दीक्षित कृष्ण श्रीपद की सिंगल बेंच ने साफ कहा कि शिक्षक और राजनेता के बीच इस तरह की गैर-जरूरी नजदीकी समाज के लिए खतरनाक साबित हो सकती है।
शिक्षकों को राजनीतिक दखलअंदाजी से पूरी तरह दूर रखना जरूरी है: हाई कोर्ट
कोर्ट ने अपने फैसले में कड़े शब्दों में लिखा, “ऐसा लेटर राजनीतिक दलों और शिक्षक समुदाय के बीच आसान सांठ-गांठ का रास्ता खोलता है। इस जहरीली जमीन पर क्या-क्या उग सकता है, इसे समझने के लिए किसी रिसर्च की जरूरत नहीं।” कोर्ट ने जोर देकर कहा कि खासकर कक्षा दसवीं तक पढ़ाने वाले शिक्षक ही आने वाली पीढ़ी को जिम्मेदार नागरिक बनाते हैं, इसलिए उन्हें राजनीतिक दखलअंदाजी से पूरी तरह दूर रखना जरूरी है।
राज्य सरकार ने अवैध आदेश जारी कर दिया था
दरअसल सरकार ने 14 मई 2025 को RTE एक्ट की धारा 19 व 25 के तहत ट्रांसफर गाइडलाइंस जारी की थीं और उसमें ट्रांसफर कमेटी बनाने का प्रावधान थे, लेकिन उससे ठीक एक दिन पहले, 13 मई 2025 को एक अलग लेटर निकालकर MPs-MLAs को शिक्षकों के ट्रांसफर में सिफारिश का एक्स्ट्रा-स्टैच्युटरी पावर दे दिया गया। कई शिक्षकों ने इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार कोई कानूनी आधार नहीं बता पाई कि यह लेटर किस नियम के तहत जारी हुआ।
Ranjan Kumar Tripathy & Ors. v. State of Odisha & Ors.
कोर्ट ने रिप्रेजेंटेशन ऑफ पीपल एक्ट की धारा 159 और RTE की धारा 27 का हवाला देते हुए याद दिलाया कि शिक्षकों को चुनाव ड्यूटी, जनगणना या आपदा राहत को छोड़कर किसी भी गैर-शैक्षणिक काम में नहीं लगाया जा सकता। बेंच ने कहा कि अक्सर MPs-MLAs की “सिफारिश” को अफसर “आदेश” मान लेते हैं और कई ट्रांसफर ऑर्डर में सिर्फ इन्हीं सिफारिशों का जिक्र मिलता है, गाइडलाइंस के पैरामीटर का नहीं।
पॉलिटिकल इंटरफेयर से हुए सभी शिक्षकों के ट्रांसफर निरस्त
नतीजतन हाईकोर्ट ने 13 मई 2025 का पूरा लेटर रद्द कर दिया और उस आधार पर हुए सभी ट्रांसफर ऑर्डर भी खारिज कर दिए। हालांकि स्टूडेंट्स के हित को देखते हुए कोर्ट ने कहा कि वर्तमान शैक्षणिक सत्र 2025-26 खत्म होने तक ट्रांसफर हुए शिक्षकों को उनकी नई पोस्टिंग पर ही रहने दिया जाए, लेकिन सत्र खत्म होने के एक हफ्ते के अंदर सभी याचिकाकर्ताओं को उनकी पुरानी जगह पर बहाल करना होगा, वरना अगली कानूनी कार्रवाई सख्त होगी।
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- बिहार में 1.50 लाख से अधिक नियोजित शिक्षकों की विशेष सर्विस कंडीशन को लेकर हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है, सरकार ने नई कमेटी बनाने का प्रस्ताव रखा।
- उत्तर प्रदेश में जूनियर हाईस्कूल के 1500 से अधिक प्रधानाध्यापकों व सहायक शिक्षकों के तबादले 2025-26 सत्र से लागू होंगे, लिस्ट जारी।
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