The National Assessment and Accreditation Council (NAAC) की प्रतिष्ठा पर भोपाल में सवाल उठाया गया है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद सहित राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय भोपाल के विद्यार्थियों ने NAAC की निष्पक्षता पर प्रश्न उठाते हुए पूछा है कि, जब आरजीपीवी के इतिहास में सबसे ज्यादा विवाद चल रहे हैं, तब उसको A++ ग्रेड किस आधार पर दिया।
सोशल मीडिया नेटवर्क X पर #RGPV_NAAC ट्रेंड हुआ
सोशल मीडिया नेटवर्क X पर #RGPV_NAAC ट्रेंड हुआ। इसके आधार में दैनिक भास्कर की एक खबर को आधार बनाया गया। इसमें RGPV को मिले 'ए++' नैक ग्रेड पर विवाद को उजागर करता है, जिसमें SSR को सार्वजनिक न करना, वित्तीय अनियमितताएँ, और फैकल्टी की कमी जैसे गंभीर नियम उल्लंघन और कमियाँ शामिल हैं। इसमें मुख्य रूप से बताया गया है कि:-
नैक ने चेतावनी दी, फिर भी 'ए++' ग्रेड: नैक (राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद) ने चेतावनी दी थी कि RGPV ने अपनी स्व-अध्ययन रिपोर्ट (SSR) अपनी वेबसाइट पर सार्वजनिक रूप से अपलोड नहीं की, जो कि नियमों का उल्लंघन है, लेकिन इसके बावजूद विश्वविद्यालय को 'ए++' ग्रेड दे दिया गया।
नियमों का उल्लंघन: नैक के नियमों के अनुसार, विश्वविद्यालय के लिए SSR रिपोर्ट को सार्वजनिक डोमेन में रखना अनिवार्य है।
RGPV का पक्ष (पीर टीम के दौरे के दौरान): RGPV ने नैक पीर टीम (Peer Team) के दौरे के दौरान बताया था कि उन्होंने SSR को आंतरिक पोर्टल पर अपलोड किया है और यह सुरक्षित है, लेकिन सार्वजनिक रूप से उपलब्ध नहीं कराया।
कारण और विसंगतियाँ:
अपूर्ण पाठ्यक्रम, सीमित फैकल्टी: विश्वविद्यालय में 19.48 करोड़ रुपये के घोटाले का मामला सामने आया है और 12 सालों से फैकल्टी के 58 अनुपलब्ध पदों पर भर्ती नहीं हुई है।
फैकल्टी की कमी: 280 संविदा फैकल्टी को बिना पात्रता के आधार पर रखा गया है।
कमजोरियाँ छिपानी: नैक का मानना है कि SSR को वेबसाइट पर सार्वजनिक न करना कमज़ोरियों को छिपाने की कोशिश हो सकती है।
विशेषज्ञों की राय: नैक के पूर्व चेयरमैन डॉ. अनिल सहस्त्रबुद्धे ने कहा कि SSR का सार्वजनिक होना पारदर्शिता के लिए आवश्यक है।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता सोशल मीडिया पर पूछ रहे हैं कि जिस यूनिवर्सिटी के खिलाफ ED की कार्रवाई चल रही है, VC को गिरफ्तार किया जा चुका है, कोर्स अपडेट नहीं होते, स्टूडेंट को प्लेसमेंट नहीं मिलता, कल गुरु को प्रेजेंटेशन के लिए भी इंटरनेट नहीं मिलता, हॉस्टल में खुलेआम गुंडागर्दी हो रही है। बाहर का माफिया हॉस्टल में वसूली करता है। इसके बाद भी यूनिवर्सिटी को A++ किस आधार पर दिया जा रहा है।
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