मध्य प्रदेश में OBC आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चल रहे केसों की सुनवाई फिर एक बार लटकती नजर आ रही है। senior advocate श्री रामेश्वर सिंह ठाकुर ने आज इसकी गंभीर जानकारी दी।
उनके अनुसार, कुल 65 केसों में से अभी तक सिर्फ 29 केस ही सुप्रीम कोर्ट की लिस्ट में शामिल हो पाए हैं। कोर्ट के स्पष्ट निर्देश होने के बावजूद मध्य प्रदेश सरकार ने रजिस्ट्री को सभी केसों की पूरी लिस्ट ही उपलब्ध नहीं कराई, जिसकी वजह से बाकी केसों की सुनवाई आगे नहीं बढ़ पा रही।
वर्तमान में मुख्य केस सीरियल नंबर 117 पर लिस्टेड है, लेकिन लिस्ट पूरी न होने से फाइनल हियरिंग नहीं हो पा रही।
आज OBC अभ्यर्थियों की तरफ से पेश वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट में निवेदन किया कि मध्य प्रदेश के केसों को छत्तीसगढ़ के केसों से अलग करके जल्द सुनवाई की जाए, लेकिन सरकार की ओर से मौजूद additional advocate general श्री धीरेंद्र सिंह परमार ने इस पर कोई खास दिलचस्पी नहीं दिखाई।
ओबीसी पक्ष का कहना है कि, 13% बैकलॉग वाली उन सीटों पर चयनित अभ्यर्थी, जिन्हें सरकार ने नियुक्ति का आश्वासन दिया था, आज भी appointment letter का इंतजार कर रहे हैं। अभ्यर्थी परेशान हैं क्योंकि सरकार सुप्रीम कोर्ट में तेजी से सुनवाई कराने के लिए कोई ठोस प्रयास करती नहीं दिख रही। OBC समाज अब इस देरी से काफी निराश है और जल्द सुनवाई की मांग कर रहा है।
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