भोपाल, 12 नवंबर 2025: राहुल गांधी पूरे भारत में वोट चोरी का मामला उठा रहे हैं। उनका कहना है कि संविधान की रक्षा के लिए वोट चोरी को रोकना जरूरी है लेकिन उनकी अपनी कांग्रेस पार्टी में वोट चोरी हो गई। जैसे उनके आरोपी का चुनाव आयोग जवाब नहीं दे रहा है बिल्कुल वैसे ही युवा कांग्रेस के नेताओं के आरोपों का कांग्रेस के चुनाव अधिकारी जवाब नहीं दे रहे। सब कुछ बिल्कुल वैसा ही हो रहा है और प्रमाणित भी हो गया है, लेकिन राहुल गांधी कांग्रेस पार्टी के संविधान की रक्षा नहीं कर रहे हैं। यहां बताना जरूरी है कि इससे पहले संगठन सृजन अभियान में भी गड़बड़ी के आरोप लगे थे। उन आरोपों के विरुद्ध पार्टी की तरफ से कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है और पार्टी के नेता आज भी सवाल उठा रहे हैं।
मध्य प्रदेश युवा कांग्रेस के चुनाव में बिल्कुल वैसा युवा जैसा हरियाणा में हुआ था
मध्य प्रदेश में युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष चुनाव की प्रक्रिया ने अप्रत्याशित मोड़ ले लिया है। वोटों की गिनती में पूर्व मंत्री लखन घनघोरिया के बेटे यश घनघोरिया को सबसे अधिक 3 लाख 13 हजार 730 वोट हासिल हुए, लेकिन चुनावी प्रक्रिया पर उठे सवालों ने पूरी व्यवस्था को कटघरे में खड़ा कर दिया है। यहां कांग्रेस पार्टी के चुनाव में बिल्कुल वैसा ही हुआ है, जैसा राहुल गांधी के अनुसार हरियाणा की विधानसभा चुनाव में हुआ था। युवा नेताओं की ओर से प्रमाण सहित गड़बड़ी के आरोप लगातार सामने आ रहे हैं, लेकिन पार्टी और पार्टी के निर्वाचन अधिकारियों की तरफ से कोई बयान नहीं आ रहा है।
56% मतदाताओं के आवेदन बिना कारण बताए रिजेक्ट कर दिए
18 अप्रैल को शुरू हुए सदस्यता अभियान ने युवाओं में उत्साह जगाया था। ऑनलाइन ऐप के माध्यम से 20 जून से 19 जुलाई तक चले इस ड्राइव में 15 लाख 37 हजार 527 युवाओं ने फॉर्म भरे। हर सदस्य से 50 रुपये का शुल्क लिया गया, लेकिन 63 हजार 153 ने इसे जमा नहीं किया। शुल्क के साथ वैलिड हुए 14 लाख 74 हजार 374 आवेदनों में से कुल 5 लाख 16 हजार फॉर्म ही वोटिंग के लिए योग्य पाए गए, यानी 56 प्रतिशत आवेदन रिजेक्ट हो गए। इनमें से 9 हजार 216 युवाओं ने वोट डालना भी उचित नहीं समझा।
प्रत्याशियों ने दिल्ली जाकर वोट चोरी का घोटाला उजागर किया
6 नवंबर को घोषित वोट गिनती के नतीजों में यश घनघोरिया (3 लाख 13 हजार 730 वोट) शीर्ष पर रहे, उसके बाद भोपाल के अभिषेक परमार को 2 लाख 38 हजार 780 वोट मिले। तीसरे स्थान पर देवेंद्र सिंह दादू। दिल्ली में 9 नवंबर को इन तीनों का इंटरव्यू हुआ, लेकिन अभिषेक, देवेंद्र और कई जिलों के कार्यकर्ताओं ने प्रक्रिया में अनियमितताओं की शिकायतें दर्ज कराईं। राष्ट्रीय प्रभारी मनीष शर्मा को मिली इन शिकायतों ने घोषणा को टाल दिया।
युवा कांग्रेस वोटर लिस्ट घोटाले के सबूत
मध्य प्रदेश के खेल मंत्री विश्वास सारंग ने कांग्रेस पर तीखा प्रहार किया है। उन्होंने दावा किया कि 18-35 वर्ष की उम्र सीमा के बावजूद अशोक नगर जिले के चंदेरी से 44 वर्षीय संतोष सिंह को वोटर सूची में शामिल कर लिया गया। इसी तरह, मतदाता सूची के अनुसार 36 वर्षीय अंजुम खान को भी सदस्यता दी गई। इन तथ्यों ने प्रमाणित कर दिया कि कांग्रेस पार्टी में मतदाता सूची को बनाए जाने के दौरान ही घोटाला किया गया। योग्य युवाओं के नाम काटे गए और अयोग्य लोगों को मतदान का अधिकार दिया गया।
वोट डले 7000 रिजल्ट में मिले 4500
प्रदेश चुनाव अधिकारी मुकुल गुप्ता और राष्ट्रीय प्रभारी मनीष शर्मा से आरोपों पर स्पष्टीकरण मांगने के प्रयास विफल रहे, दोनों ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। इस बीच, राजगढ़ के शिव दांगी ने अपनी पीड़ा साझा की। उन्होंने बताया कि 17 हजार 490 युवाओं की सदस्यता के लिए 10 लाख रुपये का पेमेंट किया, कुल खर्च 20-22 लाख तक पहुंचा। गाइडलाइंस के तहत कुछ रिजेक्ट हुए, लेकिन जिले में 10 हजार वैलिड वोट बचे। दांगी को अनुमानित 7 हजार वोट मिलने थे, लेकिन करेक्शन के बाद भी अंतिम रिजल्ट में मात्र 4 हजार 500 वोट ही हासिल हुए। उन्होंने मनीष शर्मा, ZRO और अन्य नेताओं को ईमेल शिकायत भेजी है। "अगर संतोषजनक जवाब न मिला, तो आगे की कार्रवाई के लिए हम स्वतंत्र हैं," उन्होंने कहा।
राहुल गांधी जब पार्टी नहीं चला पा रहे तो देश क्या चलाएंगे
यह विवाद न केवल युवा कांग्रेस की आंतरिक लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर सवाल उठाता है, बल्कि पूरे संगठन को एक नई शुरुआत की चुनौती देता है। इस मामले ने एक सवाल लाउड एंड क्लियर कर दिया है। राहुल गांधी जब अपनी पार्टी ही नहीं चला पा रहे हैं तो फिर वह देश के चलाएंगे।
कांग्रेस पार्टी में वोट चोरी के तरीके और गड़बड़ी
उम्र सीमा का उल्लंघन: चुनाव में 18-35 वर्ष की निर्धारित आयु सीमा का पालन नहीं किया गया। उदाहरणस्वरूप, अशोकनगर जिले के चंदेरी विधानसभा क्षेत्र के 44 वर्षीय संतोष सिंह को मतदान के लिए पात्र ठहराया गया, जबकि मतदाता सूची के अनुसार 36 वर्षीय अंजुम खान को भी सदस्यता प्रदान की गई।
वोटों का असंगत गणना और रिजेक्शन: कुल 15.37 लाख सदस्यता फॉर्म भरने के बावजूद केवल 5.16 लाख (लगभग 56%) वोट वैलिड पाए गए, यानी 6.78 लाख फॉर्म रिजेक्ट हो गए। इसके अलावा, 8.3 से 8.5 लाख वोट होल्ड या रद्द किए गए, जिसमें 4.5 लाख वोट निरस्त हुए।
सदस्यता शुल्क संबंधी अनियमितताएं: 63,153 युवाओं ने 50 रुपये का सदस्यता शुल्क जमा नहीं किया, जिसके कारण उनकी सदस्यता अमान्य हो गई। कुल 14.74 लाख वैलिड सदस्यता के बावजूद प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी रही।
विशिष्ट उम्मीदवारों के वोटों में विसंगति: राजगढ़ जिले के शिव दांगी ने 17,490 युवाओं की सदस्यता के लिए 20-22 लाख रुपये खर्च किए, जिससे अपेक्षित 13,000 वोट मिलने थे, लेकिन अंततः केवल 4,500 वोट ही प्राप्त हुए। करेक्शन के बाद भी 13,000 होल्ड वोटों से केवल 3,300 वैलिड हुए।
वोट चोरी और धांधली के आरोप: युवा कांग्रेस के सदस्यों ने राष्ट्रीय प्रभारी मनीष शर्मा को प्रक्रिया में फ्रॉड, वोट चोरी और हेराफेरी की शिकायतें कीं। भाजपा ने कांग्रेस पर ही यूथ चुनाव में वोट चोरी का आरोप लगाया, जिसमें बेंगलुरु-आधारित एजेंसी पर संदेह जताया गया।
वित्तीय अनियमितताएं: चुनाव प्रक्रिया में मध्य प्रदेश के युवाओं से पंजीकरण और चुनाव लड़ने के नाम पर लगभग 8.50 करोड़ रुपये एकत्र किए गए, जिनमें फ्रॉड के आरोप लगे।
मतदाता सूची में दोहराव: भोपाल में हजारों मतदाताओं के नाम दो या तीन वार्डों में दर्ज पाए गए, जिसमें पिता/पति का नाम और फोटो भी समान थे, जो फर्जी मतदाताओं का संकेत देता है।
जवाबदेही की कमी: प्रदेश चुनाव अधिकारी मुकुल गुप्ता और राष्ट्रीय प्रभारी मनीष शर्मा ने शिकायतों पर कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया। इंटरव्यू के बाद घोषणा होल्ड कर दी गई।
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