भारत में हम स्वयं को रूढ़िवादी और अमेरिका को आधुनिक कहते हैं। जिस समय भारत में रूढ़िवाद और मनुवाद का सबसे तीव्र विरोध हो रहा है, ठीक उसी समय अमेरिका में 31 साल के एक युवक को, अमेरिका में रूढ़िवादी विचारधारा का प्रसार करने के लिए, अमेरिका का सर्वोच्च नागरिक सम्मान " प्रेसीडेंशियल मेडल ऑफ फ्रीडम" दिया गया। इत्तेफाक देखिए कि वह युवक अमेरिका में भारतीयों का सबसे बड़ा विरोधी है।
चार्ली किर्क को यह पुरस्कार क्यों दिया गया?
चार्ली किर्क, जो टर्निंग पॉइंट यूएसए के संस्थापक और एक प्रमुख कंजर्वेटिव कार्यकर्ता थे, को 14 अक्टूबर 2025 को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा मरणोपरांत यह पुरस्कार प्रदान किया गया। यह पुरस्कार उनके 32वें जन्म दिवस पर दिया गया। उनकी पत्नी एरिका किर्क ने इसे स्वीकार किया। किर्क की हत्या एक महीने पहले हुई थी। ट्रंप ने यह पुरस्कार उनके कंजर्वेटिव आंदोलन में योगदान, युवाओं को रूढ़िवादी विचारधारा से जोड़ने और अमेरिकी मूल्यों की रक्षा के लिए दिया। किर्क ट्रंप के मजबूत समर्थक थे और टर्निंग पॉइंट यूएसए के माध्यम से कॉलेज छात्रों को राजनीतिक रूप से सक्रिय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
चार्ली किर्क भारत विरोधी नहीं थे
चार्ली किर्क को भारत विरोधी कहा जाता है परंतु वह भारत विरोधी नहीं थे बल्कि अमेरिका में भारतीय नागरिकों के विरोधी थे। उनके बयान भारतीय प्रवासियों के खिलाफ थे। उन्होंने हाल ही में कहा था कि "अमेरिका को भारत से और वीजा की जरूरत नहीं है" और "अमेरिका भर गया है, भारतीयों के लिए कोई जगह नहीं"। उन्होंने H1B वीजा कार्यक्रम को निशाना बनाते हुए दावा किया था कि भारतीय प्रवासी अमेरिकी श्रमिकों को विस्थापित कर रहे हैं। उनकी मृत्यु के बाद ये बयान फिर से चर्चा में आए, खासकर जब विवेक रामास्वामी ने उन्हें जन्मदिन की बधाई दी। यहां स्पष्ट करना जरूरी है कि स्वर्गीय चार्ली किर्क, भारत विरोधी नहीं थे। रूढ़िवादी थे और प्रत्येक रूढ़िवादी अपने देश में, विदेशी नागरिकों की स्थापना का विरोध करता है। इसलिए वह अमेरिका में रहने वाले नागरिकों का विरोध करते थे। इनमें सबसे शक्तिशाली स्थित भारतीय नागरिकों की है इसलिए अमेरिका में रहने वाले भारतीय नागरिक उनके निशाने पर होते थे। उन्होंने भारत के खिलाफ अथवा भारतीय नागरिकों की योग्यता के खिलाफ कभी कोई विवादास्पद बयान नहीं दिया था।
प्रेसिडेंशियल मेडल ऑफ फ्रीडम क्या है
अमेरिका में प्रेसिडेंशियल मेडल ऑफ फ्रीडम देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है, जो राष्ट्रपति द्वारा विवेकाधीन रूप से प्रदान किया जाता है। यह पुरस्कार 1963 में स्थापित किया गया था और इसका पूर्ववर्ती मेडल ऑफ फ्रीडम (1945) का ही विकसित रूप है। यह पदक उन व्यक्तियों को दिया जाता है जिन्होंने अमेरिका की सुरक्षा, राष्ट्रीय हितों या अन्य महत्वपूर्ण सार्वजनिक/निजी प्रयासों में असाधारण योगदान दिया हो।
यह पुरस्कार क्यों दिया जाता है?
यह पुरस्कार उन लोगों को सम्मानित करने के लिए दिया जाता है जिन्होंने अमेरिका के लिए विशेष रूप से योग्य सेवा की हो, जैसे कि राजनीति, कला, विज्ञान, खेल, नागरिक अधिकारों या सामाजिक कार्यों में। राष्ट्रपति इसे जीवित या मृत व्यक्तियों को भी दे सकता है, और यह सैन्य सम्मानों से अलग नागरिक स्तर का सर्वोच्च पुरस्कार है। उदाहरण के लिए, ओबामा प्रशासन में इसे राष्ट्रीय सुरक्षा या अन्य क्षेत्रों में योगदान के लिए दिया गया।