Neha Marvya IAS का रिकॉर्ड बरकरार, डिंडोरी में भी 1 साल पूरा नहीं किया

Bhopal Samachar
भारतीय प्रशासनिक सेवा 2011 बैच की महिला अधिकारी नेहा मारव्या हमेशा सुर्खियों में रहती है। इस बार जब मुख्यमंत्री ने 12 जिलों के कलेक्टरों के तबादले किए तो उसमें एक नाम नेहा मारव्या का भी था। उन्हें डिंडोरी कलेक्टर के पद से हटा दिया गया। 14 साल में पहली बार कलेक्टर बनाया गया था और सिर्फ 8 महीने में हटाना पड़ा। इस बार शहपुरा से बीजेपी विधायक और पूर्व मंत्री ओमप्रकाश धुर्वे ने उनकी कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए थे। वैसे यह पहली बार नहीं है जब उनके कार्य प्रणाली पर सवाल उठाए जा रहे हैं। उनके विवादों का एक लंबा चौड़ा रिकॉर्ड है। चलिए एक नजर डाल लेते हैं:- 

नेहा मारव्या के विवादों की लिस्ट - List of controversies of Neha Marvya IAS

  • नेहा मारव्या IAS की पहली फील्ड पोस्टिंग मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत जबलपुर के पद पर थी। तब उन्होंने जिला पंचायत अध्यक्ष मनोरमा पटेल से कुछ इस प्रकार का विवाद किया कि, मनोरमा पटेल जबलपुर से सीधे भोपाल सीएम हाउस आकर बैठ गई थी। 
  • एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट में ड्राइवरो से पंगा हो गया था। उन्होंने अपनी गाड़ी के लिए 1-2 नहीं पूरे 11 ड्राइवर बदले थे। हर ड्राइवर को अपमानित करके हटाया था। 
  • डीजल के लिए कृषि उपज मंडी के अधिकारी से विवाद कर बैठी थी। 
  • एप्पल का लैपटॉप नहीं मिला तो बड़ी नाराज हो गई थी।
  • जिला पंचायत दतिया एवं राज्य शिक्षा केंद्र भोपाल दोनों पदों पर विवाद हुआ और कार्यकाल पूरा नहीं किया। 
  • फिर नेहा मारव्या IAS को शिवपुरी जिला पंचायत का मुख्य कार्यपालन अधिकारी बनाया गया। यहां के कलेक्टर 45 दिन की विदेश दौरे पर गए थे। नेहा मारव्या IAS को कलेक्टर पद का प्रभार दिया गया था। यहां भी उन्होंने खूब तमाशा किया। 
  • 26 जनवरी 2017 को गणतंत्र दिवस के अवसर पर पुलिस कर्मचारियों को मिलने वाले विशेष सम्मान के प्रमाण पत्रों पर भी नेहा मारव्या (प्रभारी कलेक्टर) ने हस्ताक्षर करने से इंकार कर दिए थे। 
  • नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने विधानसभा के भीतर नेहा मारव्या IAS को निरंकुश अधिकारी कहा था। 
  • मध्य प्रदेश सरकार की तत्कालीन कैबिनेट मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया के पूर्व घोषित सरकारी कार्यक्रम की अनुमति निरस्त कर दी थी। 
  • उद्यानिकी विभाग और मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव अशोक बर्णवाल की अनुपस्थिति में जब उन्हें विभाग का चार्ज मिला तो उन्होंने पीएस की फाइलों पर भी पेच लगा दिए। जीएडी की पीएस रश्मि अरुण शमी और कृषि विभाग के पीएस उन्हें बिठाकर समझाया तो वे नहीं मानी। नेहा मारव्या IAS का कहना था कि हमारे काम करने का तो यही पैटर्न है। 
  • नेहा मारव्या IAS से तो मध्य प्रदेश के सबसे दबंग आईएएस ऑफिसर राधेश्याम जुलानिया भी डरते थे। जब नेहा को पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में जुलानिया के अधीन पदस्थ किया गया तो जुलानिया ने दो महीने में ही नेहा को अपने डिपार्टमेंट से बाहर करवा दिया था। 
  • शिवपुरी में बेचारे किसान ने अपने आवेदन में इच्छा मृत्यु मांग ली थी। नेहा मारव्या IAS ने उसके आवेदन पर पुलिस अधीक्षक को आवेशित किया कि IPC/CRPC के तहत किसान के खिलाफ मामला दर्ज करके उसे जेल में डाल दो। 
  • जब फील्ड पोस्ट में लगातार विवादों के कारण उन्हें मंत्रालय में अटैच कर दिया गया तो उन्होंने खुद को मंत्रालय का कैदी बता दिया था। 
  • डिंडोरी में कलेक्टर बनते ही बवाल मचाना शुरू कर दिया। एक पत्रकार ने भ्रष्टाचार की शिकायत कर दी तो सभी पत्रकारों पर प्रतिबंध लगा दिया। यदि किसी पत्रकार को कलेक्टर से कोई सवाल पूछना है तो उसे एसडीएम से अनुमति लेनी होगी। 
भोपाल समाचार से जुड़िए
कृपया गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें यहां क्लिक करें
टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें
व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए  यहां क्लिक करें
X-ट्विटर पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
Facebook पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
समाचार भेजें editorbhopalsamachar@gmail.com
जिलों में ब्यूरो/संवाददाता के लिए व्हाट्सएप करें 91652 24289

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!