इस प्रकार की कई घटनाएं प्रकाश में आती है जब किसी मामले की जांच के दौरान कोई पुलिस अधिकारी किसी महिला को डराता है और उसे फिजिकल सरेंडर के लिए मजबूर कर देता है। भारतीय न्याय संहिता 2023 में इस तरह के पुलिस अधिकारियों को, सामान्य अपराधी की तुलना में सबसे अधिक कठोर दंड दिए जाने का प्रावधान किया गया है। पढ़िए ताकि जागरूक हों और किसी की तब मदद कर सके जब उसको आपकी मदद की सबसे ज्यादा जरूरत है:-
बलात्कार के आरोपी पुलिस अधिकारी पर कई धाराओं में मामला दर्ज होता है
भारतीय न्याय संहिता 2023 के तहत एक पुलिस अधिकारी द्वारा किए गए इस तरह के गंभीर अपराध के लिए स्पष्ट प्रावधान और कठोर दंड निर्धारित किए गए हैं। यदि कोई पुलिस अधिकारी जांच के दौरान किसी महिला को भयभीत करके उसके घर अथवा किसी अन्य स्थान पर बलात्कार करता है, तो लागू प्रावधान और परिणाम निम्नलिखित हैं:
1. बलात्कार का अपराध (Offence of Rape)
यह कृत्य स्पष्ट रूप से बलात्कार (Rape) के अपराध के अंतर्गत आता है, जैसा कि धारा 63 में परिभाषित किया गया है। बलात्कार के लिए परिभाषित परिस्थितियों में से एक यह है कि यदि पुरुष:
• महिला की सहमति के साथ, जब उसकी सहमति उसे या किसी ऐसे व्यक्ति, जिसमें उसकी रुचि है, को मृत्यु या चोट के भय (fear of death or of hurt) में डालकर प्राप्त की गई हो [49(iii), 389(iii)]।
• सहमति (Consent) वह नहीं मानी जाएगी जो चोट के डर (fear of injury) से दी गई हो, और यदि कार्य करने वाला व्यक्ति यह जानता हो या विश्वास करने का कारण रखता हो कि सहमति ऐसे डर के परिणामस्वरूप दी गई थी [19(a), 355(a)]।
चूंकि पुलिस अधिकारी द्वारा जांच के दौरान महिला को भयभीत करके यह कृत्य किया गया, इसलिए यह बलपूर्वक और सहमति के अभाव में किया गया बलात्कार माना जाएगा।
2. पुलिस अधिकारी होने के कारण दंड की प्रकृति
पुलिस अधिकारी एक लोक सेवक (Public Servant) होता है। जब बलात्कार का अपराध किसी पुलिस अधिकारी द्वारा किया जाता है, तो यह साधारण बलात्कार के बजाय गंभीर (Aggravated) श्रेणी में आता है, और इसके लिए धारा 64(2) के तहत कठोर दंड का प्रावधान है।
पुलिस अधिकारी (Police Officer) को धारा 64(2)(a) के तहत विशेष रूप से सूचीबद्ध किया गया है।
यह अपराध निम्नलिखित परिस्थितियों के तहत भी कवर होगा:
1. नियंत्रण या प्रभुत्व की स्थिति (Position of Control or Dominance): चूँकि पुलिस अधिकारी जाँच के दौरान महिला के घर पर है और उसे भयभीत कर रहा है, वह महिला पर नियंत्रण या प्रभुत्व की स्थिति में है [55(j), 396(j)]। ऐसे स्थिति का दुरुपयोग करके बलात्कार करना धारा 64(2) के तहत दंडनीय है।
2. हिरासत में महिला: यदि महिला पुलिस अधिकारी की हिरासत में है या उसके अधीनस्थ किसी पुलिस अधिकारी की हिरासत में है, तो यह भी धारा 64(2)(a)(iii) के तहत एक गंभीर अपराध है।
3. जाँच के दौरान उल्लंघन: यह कृत्य जाँच के दौरान किया गया है, जो लोक सेवक के रूप में उसके पद का घोर दुरुपयोग है।
3. Prescribed Punishment
धारा 64(2) के तहत (जिसमें पुलिस अधिकारी शामिल है) बलात्कार का दोषी पाए जाने पर, अधिकारी को निम्नलिखित दंड दिया जाएगा:
• कठोर कारावास (Rigorous Imprisonment)।
• अवधि दस वर्ष से कम नहीं होगी।
• यह कारावास आजीवन कारावास तक बढ़ाया जा सकता है, जिसका अर्थ होगा उस व्यक्ति के शेष प्राकृतिक जीवन के लिए कारावास।
• अधिकारी जुर्माने का भी उत्तरदायी होगा।
4. Public Servant Disobeying Law
इसके अतिरिक्त, यदि कोई पुलिस अधिकारी कानून की किसी दिशा का जानबूझकर उल्लंघन करता है जिसके तहत उसे खुद को लोक सेवक के रूप में संचालित करना होता है, और ऐसा करने से किसी व्यक्ति को चोट पहुँचती है, तो उसे धारा 198 के तहत भी दंडित किया जा सकता है।
इसके अलावा, यदि कोई लोक सेवक (जैसे पुलिस अधिकारी) धारा 64, 65, 70, 74, 76, 77, 79, 124, 143 या 144 के तहत दंडनीय संज्ञेय अपराधों के संबंध में उसे दी गई किसी भी जानकारी को रिकॉर्ड करने में विफल रहता है, तो उसे कम से कम छह महीने का, जो दो साल तक बढ़ाया जा सकता है, कठोर कारावास और जुर्माने से दंडित किया जाएगा (धारा 199)।
संक्षेप में, इस कृत्य के लिए पुलिस अधिकारी को कम से कम दस वर्ष और सामान्य तौर पर आजीवन कारावास तक का कठोर दंड दिया जाएगा, क्योंकि यह अपराध एक पुलिस अधिकारी द्वारा नियंत्रण/प्रभुत्व की स्थिति का दुरुपयोग करके किया गया एक गंभीर (Aggravated) बलात्कार है। ✍️लेखक: उपदेश अवस्थी, पत्रकार एवं विधि सलाहकार। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article. डिस्क्लेमर: इस आर्टिकल में उपयोग किए गए फोटो और वीडियो प्रतीकात्मक है और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस grok के माध्यम से जनरेट किए गए हैं।
.webp)
