The VIKAS DIVYAKIRTI, जिनको भारत का एकमात्र आदर्श शिक्षक प्रदर्शित किया जाता है। उनके कोचिंग सेंटर Drishti IAS को भारत का Best coaching institute & online study webportal for UPSC IAS Test कहा जाता है, असल में पढ़ाई के दम पर नहीं बल्कि झूठे विज्ञापन दिखाकर स्टूडेंट को लुभाने का काम करती है। Central Consumer Protection Authority (CCPA) ने अपराध साबित हो जाने के बाद 5 लाख का जुर्माना लगाया है।
Drishti IAS false advertising
सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी (CCPA) ने UPSC की तैयारी कराने वाले मशहूर कोचिंग इंस्टिट्यूट Drishti IAS (VDK Eduventures Pvt. Ltd.) पर 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। Drishti IAS ने UPSC CSE 2022 के रिजल्ट को लेकर भ्रामक विज्ञापन चलाया था, जिसमें दावा किया गया था कि उनके यहां से 216+ विद्यार्थी चयनित हुए हैं, लेकिन जांच में खुलासा हुआ कि यह दावा अधूरा और गुमराह करने वाला था, क्योंकि जिन छात्रों के नाम और तस्वीरें विज्ञापन में दिखाई गईं, उनमें से 162 छात्रों (करीब 75%) ने सिर्फ इंटरव्यू गाइडेंस प्रोग्राम (IGP) लिया था, जबकि वे पहले ही प्रीलिम्स और मेंस क्लियर कर चुके थे। वास्तव में केवल 54 छात्रों ने IGP के अलावा कोचिंग के अन्य कोर्स किए थे।
झूठे दावों से गुमराह हुए छात्र और अभिभावक
CCPA ने कहा कि Drishti IAS ने विज्ञापन में यह महत्वपूर्ण जानकारी छिपाई कि अधिकतर छात्रों ने सिर्फ मुफ्त इंटरव्यू गाइडेंस प्रोग्राम किया था। इससे स्टूडेंट्स और पैरेंट्स को यह गलतफहमी हुई कि संस्थान ने इन उम्मीदवारों की पूरी तैयारी और सफलता में योगदान दिया। इसे उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 की धारा 2(28) के तहत भ्रामक विज्ञापन माना गया है।
Drishti IAS ने पहले भी ऐसा ही झूठा दावा किया था
सितंबर 2024 में भी CCPA ने इस संस्थान पर 3 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। उस समय Drishti IAS ने UPSC 2021 के लिए “150+ चयन” का दावा किया था। जांच में पता चला कि 161 छात्रों की लिस्ट दी गई थी, लेकिन उनमें से 148 छात्रों ने सिर्फ IGP किया था और बाकी भी अलग-अलग शॉर्ट-टर्म कोर्स में थे। तब भी CCPA ने आदेश दिया था कि misleading ads तुरंत बंद किए जाएं। लेकिन संस्थान ने चेतावनी के बावजूद दोबारा वही गलती की और UPSC 2022 के रिजल्ट में दावा बढ़ाकर “216+ चयन” कर दिया, जिससे CCPA ने कड़ी कार्रवाई की। रिपोर्ट: सेंट्रल न्यूज डेस्क।