Bhopal | Education Desk – सिर्फ भारत नहीं बल्कि दुनिया भर में दीपावली के पहले भारत के लोगों को गिफ्ट और कर्मचारियों को बोनस दिया जा रहा है लेकिन मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री श्री इंदर सिंह परमार ने मध्य प्रदेश के विभिन्न सरकारी कॉलेजों में सेवाएं दे रहे 500 से ज्यादा अतिथि विद्वानों को हटा दिया है।
535 Guest Faculties fallen out before Diwali
दीपावली से ठीक पहले Higher Education Department, Madhya Pradesh ने बड़ा कदम उठाते हुए 535 Guest Faculties (अतिथि विद्वानों) को fallen out कर दिया है। इस फैसले से नाराज Guest Faculty Association ने मुख्यमंत्री Dr. Mohan Yadav से मांग की है कि या तो इस "शोषणकारी नीति" से मुक्ति दिलाई जाए या फिर इच्छा मृत्यु (Euthanasia) की अनुमति दी जाए। संगठन ने यह भी चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगों को अनसुना किया गया, तो वे राज्यव्यापी आंदोलन शुरू करेंगे। अतिथि विद्वानों ने उच्च शिक्षा विभाग के “दमन” के विरोध में President और Prime Minister को भी ज्ञापन भेजा है।
20–25 साल से पढ़ा रहे हैं, अचानक बाहर किया जा रहा है
अतिथि विद्वान नियमतिकरण संघर्ष मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सुरजीत सिंह भदौरिया ने कहा कि “राज्य सरकार लगातार अतिथि विद्वानों के साथ अन्याय कर रही है।” उन्होंने बताया कि 535 Guest Lecturers को इस सत्र में re-deployment के माध्यम से fallen out किया गया है, और जल्द ही PSC (Public Service Commission) की परीक्षा के बाद और लोगों को हटाया जा सकता है।
भदौरिया ने कहा, “हम में से अधिकांश 20–25 साल से सरकारी कॉलेजों में पढ़ा रहे हैं। हम सब PhD, NET, SLET qualified हैं और हमारी उम्र अब 45–55 वर्ष के बीच है। इस उम्र में सेवा से बाहर करना परिवार के लिए आर्थिक संकट जैसा है।”
उन्होंने कहा कि दिवाली के पहले अतिथि विद्वानों को हटाना अमानवीय है, क्योंकि इससे परिवार का भरण-पोषण और त्यौहार मनाना असंभव हो गया है।
री-डिप्लायमेंट सिस्टम से हो रहा नुकसान
जानकारी के अनुसार, इस शिक्षा सत्र में 535 Professors को Re-deployment के आधार पर एक कॉलेज से दूसरे कॉलेज भेजा गया। बाद में उन्हें वहीं regular posting दे दी गई, जिससे guest faculties के पद स्वतः समाप्त हो गए। इस व्यवस्था के कारण अनेक अतिथि विद्वान बेरोजगार हो गए हैं।
भदौरिया ने कहा कि हर चुनाव से पहले नेताओं द्वारा "नियमितीकरण के वादे" किए जाते हैं, लेकिन चुनाव खत्म होते ही सब वादे भुला दिए जाते हैं।
PSC परीक्षा से और हटा दिए जाएंगे
भदौरिया के अनुसार, PSC द्वारा नई नियुक्तियों के चलते और अतिथि विद्वानों को बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा। उन्होंने कहा कि, “1993 से 2017 तक सामान्य वर्ग के लिए सहायक प्राध्यापक की PSC परीक्षा नहीं हुई थी। अब जो अतिथि विद्वान तब से पढ़ा रहे हैं, वे उम्रदराज हो चुके हैं और PSC की तैयारी उनके लिए संभव नहीं।” कल जारी हुई PSC की History subject list के बाद 67 Guest Lecturers और fallen out हो चुके हैं।
CM मोहन यादव की मौजूदगी में हुई थीं घोषणाएं
भदौरिया ने याद दिलाया कि 11 सितंबर 2023 को Guest Faculty Maha Panchayat में तत्कालीन उच्च शिक्षा मंत्री और वर्तमान मुख्यमंत्री Dr. Mohan Yadav की मौजूदगी में कई घोषणाएं हुई थीं —
अतिथि विद्वानों को ₹1500 per working day मानदेय की जगह ₹50,000 fixed salary दी जाएगी।
अतिथि विद्वानों के पद भरे हुए माने जाएंगे और उन्हें fallen out नहीं किया जाएगा।
अतिथि विद्वानों को Government Employees जैसी सुविधाएं दी जाएंगी।
पहले से fallen out विद्वानों को पुनः सेवा में लिया जाएगा।
लेकिन अब ये सभी वादे अधूरे हैं।
हरियाणा सरकार का उदाहरण
भदौरिया ने कहा कि हरियाणा की BJP सरकार ने अपने अतिथि विद्वानों का भविष्य सुरक्षित कर दिया है। वहां उन्हें 65 वर्ष की आयु तक UGC Pay Scale (₹57,700) और स्थायी प्रोफेसर जैसी सुविधाएं दी जा रही हैं।
उच्च शिक्षा मंत्री का बयान
उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने गुरुवार को मंत्रालय में हुई बैठक में कहा कि fallen out guest faculties को अब हर माह दो बार स्थान चयन का मौका मिलेगा और रिक्त पदों की जानकारी पोर्टल पर अपडेट की जाएगी। बैठक में MPPSC recruitments, seniority list, departmental portal updates और rationalization of sanctioned posts जैसे विषयों पर भी चर्चा की गई।
दिवाली से ठीक पहले राज्य के सैकड़ों अतिथि विद्वानों का भविष्य अधर में लटक गया है। एक ओर वे शिक्षा व्यवस्था का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, वहीं दूसरी ओर उन्हें अस्थिरता और बेरोजगारी का सामना करना पड़ रहा है। अब देखना यह है कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव इस संवेदनशील मुद्दे पर क्या कदम उठाते हैं।