बीमार बच्चों को दवाई के नाम पर जहरीली कफ सिरप लिखने वाले डॉक्टर प्रवीण सोनी को आज पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले की जांच के लिए SIT का गठन किया गया है। यह टीम कांचीपुरम तमिलनाडु के लिए रवाना होने वाली है, जहां दवा कंपनी का ऑफिस है। उपरोक्त समस्त जानकारी छिंदवाड़ा के पुलिस अधीक्षक श्री अजय पांडे आईपीएस ने दी है।
कोल्ड्रिफ कफ सिरप के कारण अब तक 14 बच्चों की मौत
मध्य प्रदेश में के छिंदवाड़ा में कफ सिरप पीने से 11, जबकि बैतूल में 2 बच्चों की मौत हुई है। इसके अलावा नागपुर में मध्य प्रदेश के एक और बच्चे की मौत हुई है। पहला संदिग्ध मामला 24 अगस्त को सामने आया था। पहली मौत 7 सितंबर को हुई थी। इसके बाद 15 दिन में किडनी फेल होने से एक-एक कर 6 बच्चों की मौत हो गई।
मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ल ने शुरुआत में स्पष्ट रूप से मना कर दिया था कि बच्चों की मौत के पीछे, किसी दवाई का रिएक्शन, कारण नहीं है। जब करने वाले बच्चों की संख्या बढ़ने लगी तो, एमपी स्टेट फूड एंड ड्रग कंट्रोलर दिनेश कुमार मौर्य ने शनिवार को बताया, "कोल्ड्रिफ सिरप में डायएथिलीन ग्लाइकॉल पाया गया, इसकी मात्रा तय मात्रा से ज्यादा थी। इसी कारण यह सिरप विषैला पाया गया।
CM मोहन यादव ने कोल्ड्रिफ कफ सिरप पीने से मरने वाले 11 बच्चों के परिवारों को 4-4 लाख रुपए की मदद देने की घोषणा की, लेकिन जहरीले कफ सीरप बनाने वाली कंपनी के मालिक के खिलाफ ना तो कोई मामला दर्ज किया गया है और ना ही उसे गिरफ्तार किया गया है। उल्टा आज उस डॉक्टर को गिरफ्तार कर लिया गया जैसे मालूम ही नहीं था कि कफ सिरप के अंदर क्या घोटाला हो गया है।