भोपाल की मछली, जिसके कारण पूरे शहर का माहौल खराब हो गया है। एक बार फिर फायदे में जाने वाली है। 20 करोड़ की कोठी टूटी थी, अब सरकारी योजना के माध्यम से 20 करोड़ से ज्यादा का फायदा होने वाला है। कोठी का मामला हाई कोर्ट में है। मछली का विश्वास पावरफुल है, इसलिए हाईकोर्ट से भी मुआवजा का आदेश मिल ही जाएगा।
मछली के साथ 40 अतिक्रमणकारियों को भी लाभ दिया जाएगा
यह मामला अनंतपुरा कोकता स्थित पशुपालन विभाग की 6 एकड़ से ज्यादा जमीन का है। जिस पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया गया। कब्जेदारों को बेदखल करने गोविंदपुरा तहसीलदार सौरभ वर्मा की कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई है। इसमें रहवासियों और कब्जेदारों ने मालिकाना हक के दस्तावेज भी पेश किए हैं। प्रशासनिक सूत्रों का कहना है कि कब्जेदारों को धारणाधिकार योजना के तहत नियमित किया जा सकता है। कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने इस सरकारी जमीन पर कब्जा करने वाले लोगों को राहत देते हुए धारणाधिकार का फायदा देने की बात कही है। यदि इस योजना पर अमला होता है तो अतिक्रमणकारियों की लिस्ट में शामिल मछली परिवार को भी लाभ मिलेगा। या फिर ऐसा भी कह सकते हैं की मछली परिवार को लाभ देने के लिए, अन्य 40 अतिक्रमणकारियों को भी लाभ दिया जाएगा।
सरकारी जमीन पर कैसा अतिक्रमण मिला है
नगर निगम की 50 दुकानें, एसटीपी प्लांट, एचपी पेट्रोल पंप, कोर्टयार्ड प्राइम का गेट, पहुंच मार्ग और पार्क, डायमंड सिटी कॉलोनी का पहुंच मार्ग और बीस मकान, द ग्रीन स्केप मेंशन शादी हाल रिसोर्ट, बीपीएस स्कूल, राजधानी परिसर पहुंच मार्ग, कोकता मुख्य बायपास 400 फीट, फर्शी पत्थर की दुकान, चार एकड़ 30 डेसीमल जमीन पर खेती, शंकराचार्य फार्म का पहुंच मार्ग और एक एकड़ पर फार्म हाउस और पक्का निर्माण सामने आया है।
धारणाधिकार योजना क्या है
यह पूर्व मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की चुनावी योजना है। शिवराज सिंह ने बेघर निर्धन नागरिकों के कच्चे मकान तोड़े जाने की कार्रवाई के खिलाफ धारणाधिकार योजना का ऐलान किया था। इस योजना के तहत 31 दिसंबर 2014 के पहले जो भी व्यक्ति सरकारी जमीन पर काबिज हो। उसे मालिकाना हग दिया जाता है। इसके लिए एक तय प्रीमियम की राशि तहसीलों में जमा करना होती है। उसके लिए जरूरी प्रक्रिया और दस्तावेजों को पेश करना होता है। उसकी जांच के बाद इस योजना का फायदा आम लोगों को दिया जाता है।
योजना के ड्राफ्ट में घोटाला
योजना के ड्राफ्ट में बड़ी चतुराई के साथ एक घोटाला किया गया। यह निर्धारित कर दिया गया कि सरकारी जमीन पर रहने के लिए घर बना हो या दुकान, या फिर किसी भी प्रकार का निर्माण हो। उसकी योजना का लाभ दिया जाएगा। जबकि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा मंच पर की गई घोषणा के अनुसार, इस योजना का उद्देश्य केवल गरीब लोगों को लाभान्वित करना था। हाल ही में सरकार ने इस योजना में बदलाव कर कट ऑफ डेट 2014 से जिसे बदलकर अब 31 दिसंबर 2020 कर दिया गया है। यानी इस डेट तक बसे हुए लोगों को इस योजना का लाभ दिया जा सकता है। रिपोर्ट: शैलेंद्र पटेल।