भोपाल। मध्य प्रदेश के सरकारी कॉलेजों में रिक्त पदों के विरुद्ध पिछले दो दशकों से ज्यादा समय से सेवा करने वाले अतिथि विद्वानों की समस्या ख़त्म होने का नाम ही नहीं ले रहीं है। दिनांक 2/9/2025 क़ो जारी की गई समय सारिणी क़ो निरस्त करते हुए फालेन आउट अतिथि विद्वानों के लिए पुनः प्रोसेस की जा रहीं है।जारी पत्र के अनुसार इस प्रक्रिया में फालेन आउट अतिथि विद्वान ही भाग ले सकेंगे। ये प्रक्रिया 27 सितम्बर से 11 अक्टूबर तक चलेगी। इसके साथ ही जिन पदों की प्रक्रिया रोकी गई थी उनको भी चालू कर दिया गया है।
इधर BMS ने अतिथि विद्वानों के स्थाइत्व के लिए मुख्यमंत्री से किया अनुरोध
भारतीय मजदूर संघ के प्रदेश महामंत्री कुलदीप सिंह गुर्जर ने सूबे के मुखिया डॉ मोहन यादव क़ो पत्र लिख़ कर अनुरोध किया है की जैसे हरियाणा की सैनी सरकार ने वहां अतिथि विद्वानों क़ो स्थाइत्व देकर फिक्स मासिक वेतन दे रहीं है ऐसे ही कलम के पुजारियों अतिथि विद्वानों क़ो भी स्थाई किया जाए।साथ ही कुलदीप गुर्जर ने सामान्य मुलाक़ात में ये भी निवेदन किया की एक बेहतरीन कैडर बनाते हुए अनुभव योग्यता क़ो तरजीह देते हुए अतिथि विद्वानों का भविष्य सुरक्षित करें।
महासंघ के पदाधिकारियों के बयान :-
प्रवेश, परीक्षा, प्रबंधन, आध्यापन, मूल्यांकन, नैक, रूसा आदि समस्त कार्य दशकों से अतिथि विद्वान ही करते आ रहें है फ़िर भी भविष्य सुरक्षित नहीं।अनुभव है योग्यता है पता नहीं कृपा रुकी कहाँ है।शासन प्रशासन क़ो एक बेहतरीन नीति बनाते हुए स्थाइत्व देना चाहिए। डॉ आशीष पाण्डेय,मीडिया प्रभारी महासंघ
डॉ अविनाश मिश्रा,उपाध्यक्ष महासंघ
भारतीय मजदूर संघ के आदरणीय महामंत्री ज़ी क़ो सादर धन्यवाद की उन्होंने विद्वानों की पीड़ा क़ो समझा एवं उस पीड़ा से मुख्यमंत्री ज़ी क़ो अवगत करवाया।समय की मांग है पुण्य कार्य होगा वर्षों से शोषण के शिकार अतिथि विद्वानों का स्थाईकरण किया जाए।
डॉ जेपीएस चौहान, महासचिव
हर रोज फालेन आउट अतिथि विद्वानों क़ो किया जाता है ये काफ़ी निराशाजनक है. फालेन आउट शब्द क़ो विलोपित करते हुए जहां विद्वान सेवा कर रहें है उसको भरा हुआ सरकार क़ो मानना चाहिए एवं फिक्स मासिक वेतन देना चाहिए।साथ ही हरियाणा सरकार से बेहतरीन नीति मध्य प्रदेश सरकार क़ो बनानी चाहिए।