भोपाल। आज मंत्रालय स्थित प्रतिकक्ष में उच्च शिक्षा मंत्री द्वारा आयोजित समीक्षा बैठक में विभागीय गतिविधियों एवं कार्यों की विस्तृत समीक्षा की गई। बैठक में विशेष रूप से फॉलन आउट अतिथि विद्वानों के प्रकरणों पर विचार किया गया। जिन अतिथि विद्वानों को मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित सहायक प्राध्यापकों की पदस्थापना अथवा स्थानांतरण से प्रभावित होना पड़ा है, उन्हें पृथक से चॉइस फिलिंग का अंतिम अवसर प्रदान करने के निर्देश दिए गए। अतिथि विद्वान महासंघ ने सरकार की इस पहल का स्वागत किया परंतु इसको समस्या का आंशिक समाधान बताया।
मध्य प्रदेश उच्च शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक
इस बैठक की जानकारी देते हुए उच्च शिक्षा मंत्री श्री इंदर सिंह परमार ने X पर लिखा कि, आज मंत्रालय स्थित प्रतिकक्ष में, उच्च शिक्षा विभाग की बैठक लेकर विविध विभागीय गतिविधियों एवं कार्यों के क्रियान्वयन की विस्तृत समीक्षा की। बैठक में फॉलन आउट अतिथि विद्वानों को, जो मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित सहायक प्राध्यापकों की पदस्थापना से या स्थानांतरण से प्रभावित हुये है, ऐसे अतिथि विद्वानों के प्रकरणों में विचार करते हुये पृथक से विकल्प भरने का अंतिम अवसर प्रदान करने के निर्देश दिये। सार्थक पोर्टल पर अनाधिकृत रूप से उपस्थिति दर्ज करने वाले अतिथि विद्वानों के प्रकरणों में विचार करते हुये, संबंधित द्वारा इस प्रकार की पुनरावृत्ति न होने की प्रतिबद्धता के साथ, शीघ्र निराकृत करने को कहा।
मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित सहायक प्राध्यापकों की नियुक्ति प्रक्रिया शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए। विभिन्न महाविद्यालयों में एकल संकाय से बहुसंकाय एवं स्नातक से स्नातकोत्तर किए जाने को लेकर भी विस्तृत चर्चा कर, आवश्यक निर्देश दिए। विद्यार्थियों की उपस्थिति को लेकर, "स्टूडेंट परफॉमेंस इंडेक्स" तैयार करने की कार्ययोजना पर क्रियान्वयन करने को कहा। नकल पर नकेल कसने, परीक्षा पद्धति को पारदर्शी बनाने के लिए डिजिटल मूल्यांकन प्रणाली एवं विधि महाविद्यालय से जुड़े विविध विषयों सहित अन्य बिंदुओं पर व्यापक चर्चा कर, आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
बैठक में अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा श्री अनुपम राजन एवं आयुक्त उच्च शिक्षा श्री प्रबल सिपाहा सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
अतिथि विद्वान महासंघ की प्रतिक्रिया
अतिथि विद्वान महासंघ ने फॉलन आउट अतिथि विद्वानों को पृथक से चॉइस फिलिंग कराने और सार्थक पोर्टल में हुई तकनीकी त्रुटियों के निराकरण के निर्णय का स्वागत किया है। किंतु महासंघ का मानना है कि यह कदम आंशिक समाधान है।
डॉ आशीष पाण्डेय,मीडिया प्रभारी महासंघ
जब तक पूर्व से कार्यरत अतिथि विद्वानों का अलग कैडर नहीं बनाया जाता, तब तक उनकी समस्याओं का स्थायी समाधान संभव नहीं है। स्थाइत्व/समायोजन से ही विद्वानों का भविष्य सुरक्षित होगा।
डॉ जेपीएस चौहान, महासचिव महासंघ
शीघ्र ही लोक सेवा आयोग से चयनित सहायक प्राध्यापकों की नियुक्तियां होंगी, जिससे पुनः बड़ी संख्या में अतिथि विद्वान सेवा से बाहर हो जाएंगे।फालेन आउट सिस्टम बंद करना चाहिए। स्थाइत्व दे सरकार।
डॉ अविनाश मिश्र, उपाध्यक्ष महासंघ
यह स्थिति वर्षों से कार्यरत अनुभवी अतिथि विद्वानों के साथ अन्यायपूर्ण है,क्योंकि उन्हें नए अभ्यर्थियों के साथ प्रतिस्पर्धा करनी पड़ रही है।अतिथि विद्वानों की नई भर्ती होने से पहले कार्यरत विद्वानों क़ो उन्ही पदों में समायोजन कर फिक्स मासिक वेतन दें तब बात बने।
इस मामले में आपके क्या विचार है, कृपया अपनी प्रतिक्रिया इस समाचार के साथ सोशल मीडिया पर शेयर कीजिए एवं X पर उच्च शिक्षा मंत्री @Indersinghsjp को Tag कीजिए। ताकि उनको पता चल सके कि संगठन क्या चाहता है और अतिथि विद्वान इस बैठक की किस प्रकार से समीक्षा कर रहे हैं।