नई दिल्ली/जबलपुर, 27/09/2025: भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने मध्य प्रदेश शासन के अंतर्गत दो विभागों में भर्ती परीक्षा, ओबीसी आरक्षण से संबंधित विवाद का निपटारा करने के लिए, पूरा मामला फिर से हाईकोर्ट में भेज दिया है। इससे पहले हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करने से इनकार कर दिया था।
न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा ने सुनवाई से इनकार कर दिया था
अधिवक्ता श्री रामेश्वर सिंह ठाकुर ने बताया कि, याचिकाओं की प्रथम सुनवाई पर महाधिवक्ता कार्यालय द्वारा हाईकोर्ट को भ्रमित करते हुए सुप्रीम कोर्ट के एक ट्रांसफर केस में दिनांक 21/03/2025 को पारित अंतरिम आदेश का हवाला देकर कोर्ट को बताया गया था कि उक्त याचिकाकर्ताओं को 13% पदों के विरुद्ध होल्ड किया गया है, जबकि उक्त याचिकाकर्ता 87% पदों के विरुद्ध चयनित थे। लेकिन परीक्षा एजेंसी (पीईबी) द्वारा उक्त याचिकाकर्ताओं के रिजल्ट विथहेल्ड किए गए थे। महाधिवक्ता कार्यालय के उक्त स्टेटमेंट को सही मानकर न्यायमूर्ति श्री संजीव सचदेवा की डिविजन बेंच ने याचिका क्रमांक डब्ल्यूपी/20051/2025 एवं याचिका क्रमांक डब्ल्यूपी/19946/2025 की सुनवाई करने से इनकार कर दिया था।
अधिवक्ता श्री ठाकुर ने बताया कि, हाईकोर्ट के उक्त आदेश दिनांक 20/06/2025 के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी क्रमांक 27360/2025 दाखिल की गई। सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिनांक 22/09/2025 को डिस्पोज ऑफ करते हुए आदेशित किया गया कि याचिकाकर्ता हाईकोर्ट के समक्ष आवेदन दाखिल करके प्रकरण की वस्तुस्थिति से अवगत कराएं। तथा हाईकोर्ट याचिका में उठाए गए मुद्दों को गुण-दोषों के आधार पर सुनवाई करके निराकृत करे। अधिवक्ता श्री ठाकुर के साथ सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ताओं की ओर से पैरवी विनायक प्रसाद शाह तथा एओआर संदीप सेन ने पक्ष रखा। रिपोर्ट: आनंद उपाध्याय।