मध्य प्रदेश में वृद्धावस्‍था की ओर जा रहे अतिथिशिक्षक कब स्‍थायी होंगे - Khula Khat

Bhopal Samachar
आदरणीय मुख्यमंत्री जी
, सादर नमस्‍कार! विगत 18 वर्षों से म.प्र के शासकीय विधालयों मे एवं दूरस्‍थ ग्रामीण विधालयों मे अतिअल्‍प मानदेय पर अतिथि शिक्षक निष्‍ठापूर्वक सेवा दे रहे है। जिन्‍हें म.प्र मे अतिअल्‍प मानदेय दिया जाता है, जबकि हरियाणा, दिल्‍ली, झारखंड, प.बंगाल, उ.प्र जैसे अनेक राज्‍यों मे अस्‍थायी शिक्षकों के स्‍थायीकरण के लिये सकारात्‍मक प्रयास किये गये है व म.प्र की तुलना मे संतोषप्रद जीवन यापन योग्‍य वेतन दिया जा रहा है। 

अतिथि शिक्षकों को दिल्ली, हरियाणा, यूपी, पश्चिम बंगाल, झारखंड में ज्यादा वेतन मिलता है

वहीं शिक्षा मित्र उ.प्र मे 2.5 अंक प्रतिवर्ष स्‍थायी शिक्षक भर्ती मे बोनस पाते है जिससे 10 वर्ष की सेवा उपरांत मिलने वाले ये 25 बोनस अंक उनके स्‍थायीकरण मे परीक्षा के अंको के साथ जुड़कर नियमित होने का कारण बन रहे है जब म.प्र के अतिथि शिक्षक 2500, 3500, 4500 रूपये पा रहे थे तब उ.प्र सरकार शिक्षामित्रों को 10000 रूपये दे रही थी दिल्‍ली, हरियाणा दो बार वर्ष मे वेतनवृद्धी 35000 रूपये से अधिक वेतन कई वर्षों से दे रहे है प.बंगाल, झारखंड पहले से ही अच्‍छा वेतन दे रहे है।

मध्य प्रदेश में वृद्धावस्‍था की ओर जा रहे अतिथि शिक्षक कब स्‍थायी होंगे

म.प्र मे बीएड, डीएड पात्रता परीक्षा पास और वर्ग 2-3 का परिणाम आने के बाद चयन परीक्षा पास हजारों अतिथिशिक्षक होंगे जो अब 40-45 साल के हो चुके है व वर्षों से अल्‍पमानदेय पर सेवा दे रहे है मै खुद 2007 से अतिथिशिक्षक हूं जिसने 2005,08,11,22,24  की वर्ग 3 टीईटी परीक्षा अच्‍छे अंको से पास की है पर पहले अप्रशिक्षित होने व 12 वर्ष तक शिक्षक भर्ती न होने से आज भी अतिथिशिक्षक हूं व वर्ग 2 चयन परीक्षा भी अच्‍छे अंको से उत्‍तीर्ण कर लूंगा लगातार वर्षों से सेवा दे रहा हूं नए नए नियम एवं वर्तमान परसेंटेज अच्‍छे आने से हमारे अधेड़ हो चुके साथी हजारों की संख्‍या मे सेवा से बाहर है या होते रहतें है कई काल के गाल मे समा गए है कई ने आत्‍महत्‍या जैसे जघन्‍य कृत्‍यों से जीवनलीला समाप्‍त कर ली। आज इस अल्‍प मानदेय व अनिश्‍चित भविष्‍य व असुरक्षित आर्थिक दशा वृद्धावस्‍था की ओर जाता जीवन हमें डरा रहा है संपूर्ण योग्‍यता एवं अनुभव को भी प्रदेश सरकार दरकिनार कर रही है।

अतिथि शिक्षक का शिक्षक दिवस, दीवाली हमेशा खाली

जनकल्‍याणकारी राज्‍य मे राज्‍य का दायित्‍व है कि जनता के जीवन स्‍तर को सुधारे प्रदेश मे वर्षों से संस्‍कारवादी सरकार है। जिसे धर्म,गुरू,संस्‍कार का ज्ञान है वर्षों से अतिथि शिक्षक दुर्गम क्षेत्रों मे अतिअल्‍प मानदेय पर शिक्षा का दीपक जला रहें है परंतु सरकार ने उनके जीवन के लिये कुछ न किया आज उनके परिवार बहुत ही विपन्‍नता मे जी रहें है। सरकार अन्‍य सभी कर्मियों की वेतन वृद्धी, जनमानस के कल्‍याण के लिये योजनाये ला रही है परंतु अतिथिशिक्षकों का हर शिक्षक दिवस व दीपावली अनिश्‍चित भविष्‍य व निर्धनता से फीका ही रहता है जिस पर सरकार मौन है इस साल रक्षाबंधन पर तो मानदेय न मिलने से त्‍यौहार फीका रहा।

अतिथि शिक्षकों को वर्षों से मिल रहे कोरे आश्वासन

म.प्र मे अतिथि शिक्षकों ने जब जब प्रदेश के मंत्रियों का स्‍वागत, मुलाकात की है या आंदोलन किये है तब-तब या चुनाव के समय उन्‍हें सुरक्षित भविष्‍य व खुशखबरी के कोरे आश्‍वासन मिले है। जिससे लोगों ने वर्षों इस अस्‍थायी सेवा मे जीवन बर्बाद कर लिया है व अब वृद्धावस्‍था मे विकल्‍प भी नहीं है आज तक सरकार 2 सितंबर 2023 की माननीय पूर्व मुख्‍यमंत्री जी शिवराज की घोषणायें पूरी करने मे विफल है।

वर्तमान मानदेय मे गुजारा मुश्‍किल भविष्‍य का क्‍या होगा

अतिथि शिक्षक को अस्‍थायी रोजगार व अतिअल्‍प मानदेय मिल रहा है अगर दूध,बिजली,सब्‍जी,बच्‍चों की पढ़ाई,स्‍कूल आने जाने का पेट्रोल व अन्‍य खर्च लगा लें तो परिवार पालना मुश्‍किल है तत्‍काल सम्‍मान जनक मानदेय वृद्धी की जानी चाहिये सरकार को चिकित्‍सा व बीमा लाभ भी देना चाहिये।

आशा है मुख्‍यमंत्री मोहन यादव जी गंभीरता से अतिथि शिक्षक वेतनवृद्धी व नियमितिकरण का प्रयास करें जल्‍द ही वे संपूर्ण योग्‍यता रखने वाले अतिथिशिक्षकों का स्‍थायीकरण करें और विभागीय परीक्षा आयोजित कराये व वर्तमान मे निर्धारित स्‍थायी करण संबंधी योग्‍यता मापदंड पूरे न करने वाले अतिथिशिक्षकों के लिये अनुभव वरिष्‍ठता के आधार पर नीति बनाये।इसी आशा व विश्‍वास के साथ सभी को शिक्षक दिवस की शुभकामनायें।
सादर धन्‍यवाद: आशीष कुमार बिलथरिया, उदयपुरा जिला रायसेन म.प्र

अस्वीकरण: खुला खत एक ओपन प्लेटफॉर्म है। यहाँ मध्य प्रदेश के सभी जागरूक नागरिक सरकारी नीतियों की समीक्षा करते हैं, सुझाव देते हैं, और समस्याओं की जानकारी देते हैं। पत्र लेखक के विचार उसके निजी हैं। यदि आपके पास भी कुछ ऐसा है, जो मध्य प्रदेश के हित में हो, तो कृपया लिख भेजें। हमारा ई-मेल पता है: editorbhopalsamachar@gmail.com
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