GenZ Protest, नेपाल से शुरू होकर इंदौर तक पहुंच गया है। मध्य प्रदेश की सबसे बड़ी यूनिवर्सिटी में से एक देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में GenZ Protest की साजिश की जा रही थी। सीसीटीवी कैमरे तोड़ दिए गए और DVR चोरी कर ली गई, लेकिन यूनिवर्सिटी में आग लगाने की साजिश सफल नहीं हो पाई। चौंकाने वाली बात यह है कि इस साजिश में ABVP से जुड़े छात्र नेताओं के नाम सामने आए हैं। यह खुलासा एंटी रैगिंग कमेटी की जांच में हुआ। कुलपति ने एंटी रैगिंग कमेटी की इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट पुलिस को सौंप दी है, अब पुलिस इन्वेस्टिगेशन करेगी।
कुलपति राकेश सिंघई का बयान
कुलपति राकेश सिंघई ने बताया कि बीते दिन हुई रैगिंग के मामले में कुछ सीनियर स्टूडेंट को हॉस्टल से निकाला गया था। कुछ को सेमेस्टर से बाहर किया था जबकि अन्य पर आर्थिक दंड लगाया था। उसका बदला लेने के लिए स्टूडेंट ने ये प्लानिंग की है। इन लोगों ने जूनियर स्टूडेंट्स को रेस्टोरेंट में बुलाकर धमकाया था। इसके बाद कुछ जूनियर या सीनियर स्टूडेंट ने डीवीआर चुराई और सीसीटीवी तोड़ दिए। इनका मकसद क्या है, इसकी जांच की जाएगी। एंटी रैगिंग कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर पुलिस से शिकायत की गई है। अभी नामजद शिकायत नहीं की है। पुलिस जांच के बाद आगे की कार्रवाई करेगी। एंटी रैगिंग कमेटी ने नेपाल में हुए आंदोलन की बात लिखी है, इस बारे में विस्तृत जांच की जाएगी।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का स्पष्टीकरण
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) मालवा प्रांत के सोशल मीडिया संयोजक सार्थक जैन ने बताया कि अमन पटेल डीएवीवी कार्यकारिणी में सह मंत्री रहा है। फिलहाल किसी पद पर नहीं है। नगर अध्यक्ष प्रोफेसर केके धाकड़ ने बताया कि जिस अमन पटेल छात्र का नाम सामने आया है, वह पहले परिषद से जुड़ा हुआ था। व्यवहार अच्छा नहीं होने के कारण उसे हटा दिया गया था। 2 साल से उसकी कोई भूमिका नहीं है और न ही वह परिषद के लिए सक्रिय है। इसके अलावा अन्य छात्र भी रैगिंग के मामले में लिप्त नहीं हैं।
पुलिस का कंफर्मेशन
एडिशनल डीसीपी क्राइम राजेश दंडोतिया ने कहा कि DAVV के आईईटी डिपार्टमेंट के अधिकारी ने कल रात एक आवेदन दिया है। इसमें बताया गया है कि एंटी रैगिंग कमेटी की मीटिंग ली गई थी, जिसमें 5 छात्रों के खिलाफ एफआईआर करने को कहा है। आवेदन को जांच में ले लिया है। जांच में आए तथ्यों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
एंटी रैगिंग कमेटी की इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट
एंटी रैगिंग कमेटी ने अपनी इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट में बताया है कि जिस तरह नेपाल में GenZ प्रोटेस्ट हुआ बिलकुल वैसी ही हिंसा करने की प्लानिंग थी। शिवसागर रेस्टोरेंट में सीनियर स्टूडेंट्स ने जूनियर स्टूडेंट्स को बुलाया था। यहां पर उनको सोशल मीडिया पर फेक अकाउंट बनाने के लिए कहा गया था और मैसेज फॉरवर्ड करने के निर्देश दिए गए थे। की प्लानिंग की गई थी कि स्टूडेंट्स को मैनेजमेंट के खिलाफ भड़काया जाएगा। आंदोलन के दौरान कोई वीडियो रिकॉर्ड ना हो सके इसलिए CCTV कैमरे तोड़ दिए गए थे और DVR चोरी कर ली गई थी। यदि जूनियर स्टूडेंट शिकायत नहीं करते तो कुछ भी हो सकता था।
एंटी रैगिंग कमेटी ने मीटिंग बुलाने वाले और साजिश सोने वाले सीनियर स्टूडेंट्स के नाम भी बताएं हैं, लेकिन कुलपति ने पुलिस को किसी भी स्टूडेंट का नाम नहीं बताया है। कुलपति का कहना है कि पुलिस को अपनी इन्वेस्टिगेशन पूरी करनी चाहिए। पुलिस की निष्पक्ष जांच में सबके नाम सामने आ जाएंगे।