Bharatiya Nyaya Sanhita, 2023 की धारा 40 में यह बताया गया है कि व्यक्ति की Body की Security का Right कब से प्रारम्भ होता है और यह Right कब End हो जाता है। उसी प्रकार Bharatiya Nyaya Sanhita, 2023 की धारा 43 में हम आपको बतायेंगे की व्यक्ति का Property की Security में Private Defense का Right कब Start होता है एवं कब तक बना रहता है। जानिए:-
Bharatiya Nyaya Sanhita, 2023 की धारा 43 की परिभाषा
जानिए संपत्ति के संबंध में निजी प्रतिरक्षा अधिकार के लिए कब प्रारंभ होगे कब समाप्त
Know when the right of private defence in respect of property starts and ends:-
1. Theft: - अपराधी के संपत्ति सहित पहुँच के बाहर हो जाने तक, संपत्ति वापस प्राप्त हो जाने तक या government सहायता प्राप्त करने तक। (इनके बीच तक संपत्ति के निजी प्रतिरक्षा का अधिकार बना रहता है।)
2. Loot:- हमलावर किसी व्यक्ति पर तुरंत मृत्यु करने के लिए हमला कर रहा है या हमला करने की आशंका है तब तक।
3. Enter the House at Night:- रात्रि गृह भेदन के विरुद्ध निजी सुरक्षा का अधिकार तब तक बना रहता है जब तक तक कि जब तक रात में घर पर अतिचार उत्पन्न होता रहता हैं।
4. Destruction of property for criminal purposes:- यहाँ पर निजी सुरक्षा का अधिकार तब तक बना रहता है जब तक अपराधी संपत्ति को नष्ट कर रहा है या यथास्थिति करता है।
चोरी के अपराध के संबंध में निजी प्रतिरक्षा का अधिकार हाई कोर्ट-सुप्रीम कोर्ट मामला
Right to private defence in relation to the offence of theft High Court-Supreme Court case:
1. Jarha vs Sunitram मामले मे High Court द्वारा decision दिया कि चोर द्वारा छिप जाने या बच निकलकर भाग जाने पर भी property के मालिक का निजी प्रतिरक्षा का अधिकार समाप्त नहीं होता है। अतः यह right कई दिनों तक बना रहता है। अर्थात मालिक चोर के पास कभी भी अपनी घड़ी देख ले तो वह आवश्यक बल का प्रयोग करके अपनी घड़ी वापस ले सकता है।
लेकिन Lahore High Court ने इस decision को पलट दिया और कहा कि चोर सम्पति सहित स्वामी की पहुच के बाहर होते ही स्वामी का निजी प्रतिरक्षा का अधिकार समाप्त हो जाएगा बाद में अगर स्वामी को चुराई गई अपनी संपत्ति वापस लेना है तो उसे legal process तथा public authorities की सहायता लेनी होगी।
Final Decision:-
State of Uttar Pradesh vs. Ramswaroop मामले मे Supreme Court द्वारा अभिनिर्धारित किया गया कि चोरी की घटना के तत्काल बाद ही स्वामी का निजी प्रतिरक्षा का अधिकार प्रारम्भ होता है चोर के पहुच से बाहर होते ही यह अधिकार समाप्त हो जाता है बाद में अगर मालिक चोर के पास अपनी संपत्ति देखता है तो मालिक निजी प्रतिरक्षा के अधिकार का प्रयोग नहीं कर सकता है।
✍️लेखक: बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार, होशंगाबाद)। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article. डिस्क्लेमर - यह जानकारी केवल शिक्षा और जागरूकता के लिए है। कृपया किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से पहले बार एसोसिएशन द्वारा अधिकृत अधिवक्ता से संपर्क करें।