सेकंड स्टॉप अंजलि कॉम्प्लेक्स स्थित कुशवाहा भवन पर कब्जे के लिए पेश किए गए दस्तावेजों में गड़बड़ी सामने आई। हाईकोर्ट के निर्देश पर फर्म एंड सोसायटी ने कछवाहा कुशवाहा क्षत्रिय सभा को निरस्त कर दिया। फर्म एंड सोसायटी ने संस्था द्वारा की गई कथित गड़बड़ी की शिकायत टीटी नगर थाने में की, और आगे की कार्रवाई की जाएगी।
प्रांतीय कुशवाहा समाज समिति ने कानूनी लड़ाई लड़ी
प्रांतीय कुशवाहा समाज मप्र के प्रदेश अध्यक्ष योगेश मानसिंह कुशवाह ने अपनी शिकायत में बताया कि 5 हजार वर्गफीट में बने भवन पर 15 वर्षों से भगत सिंह, राकेश, सीताराम, मोहन कुशवाहा सहित अन्य ने कब्जा कर रखा था। लंबी कानूनी लड़ाई के बाद भवन कब्जे से मुक्त किया गया। यह भवन भोपाल में, सेकंड स्टॉप अंजलि कॉम्प्लेक्स क्षेत्र में कुशवाहा भवन के नाम से जाना जाता है। हाई कोर्ट के आदेश के बाद फर्म एंड सोसायटी ने कछवाहा कुशवाहा क्षत्रिय सभा का पंजीयन निरस्त किया और अब उनके खिलाफ पुलिस कार्रवाई शुरू की जा रही है।
पदाधिकारियों की सूची में फर्जी हस्ताक्षर पाए गए
कुशवाहा समाज मप्र के कोषाध्यक्ष सुनील कुशवाहा ने बताया कि हाईकोर्ट के निर्देश पर फर्म एंड सोसायटी ने कछवाहा कुशवाहा क्षत्रिय सभा को अवैध मानते हुए निरस्त कर दिया। जांच में पाया गया कि अध्यक्ष सीताराम कुशवाहा, राकेश, मोहन, रामनारायण कुशवाहा और अन्य ने रजिस्ट्रार में कूटरचित दस्तावेज पेश किए थे।
वर्ष 2016 की पदाधिकारियों की सूची में पूर्व अध्यक्ष बाबूलाल भानपुर के फर्जी हस्ताक्षर पाए गए, जबकि उनका निधन 23 नवंबर 2026 को हो चुका था। फर्जी दस्तावेजों की शिकायत पर फरवरी 2025 में हाईकोर्ट ने फर्म एंड सोसायटी को 90 दिन में जांच कर अंतिम आदेश पारित करने का निर्देश दिया। 5 जुलाई 2025 को जारी सूचना में सभा द्वारा नियमानुसार दस्तावेज न पेश करने और 45 वर्ष की ऑडिट रिपोर्ट वैधानिक न होने का उल्लेख किया गया।
इसी दौरान टीटी नगर थाने को आवश्यक कार्रवाई के लिए पत्र लिखा गया। 3 सितंबर 2025 को फर्म एंड सोसायटी ने कुशवाहा क्षत्रिय सभा को निरस्त कर दिया। संरक्षक नारायण सिंह ने बताया कि कुशवाहा भवन पर कब्जा करने के लिए मप्र कुशवाहा भवन निर्माण समिति का भी इस्तेमाल हुआ, जिसमें वही पदाधिकारी शामिल थे।
इसे भी फर्म एंड सोसायटी ने निरस्त किया। एडीएम कोर्ट ने समाज को जारी लीज को अवैध बताने वाले आवेदन को रद्द कर दिया।