मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों में सेवाएं दे रहे अतिथि शिक्षकों ने, स्कूल शिक्षा मंत्री से सवाल किया है। उनका कहना है कि, आपके निर्देशानुसार अतिथि शिक्षकों ने ई-अटेंडेंस लगना शुरू किया। आपने कहा था कि यह व्यवस्था 3 महीने के ट्रायल पर है। तो फिर लोक शिक्षण संचालनालय, भोपाल के अधिकारी ई-अटेंडेंस से प्राप्त डाटा के आधार पर वेतन निर्धारण क्यों कर रहे हैं।
स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहा था, सिस्टम 3 महीने के ट्रायल पर है
अतिथि शिक्षक अभय गुप्ता का कहना है कि, ई-अटेंडेंस सिस्टम में कई प्रकार की समस्याएं हैं। निर्धारित समय पर स्कूल में उपस्थित हो जाने के बाद भी ई-अटेंडेंस नहीं लग पाई। अतिथि शिक्षकों ने इस बात पर आपत्ति नहीं उठाई क्योंकि स्कूल शिक्षा मंत्री श्री उदय प्रताप सिंह ने कहा था कि यह सिस्टम 3 महीने के ट्रायल पर है। नियमित शिक्षकों ने उनकी अपील को नहीं माना परंतु अतिथि शिक्षकों ने स्कूल शिक्षा मंत्री का सम्मान रखा। इसके बावजूद लोक शिक्षण संचालनालय के अधिकारी ई-अटेंडेंस सिस्टम से प्राप्त उपस्थिति पत्रक के आधार पर अतिथि शिक्षकों के वेतन का निर्धारण कर रहे हैं। यह अन्याय पूर्ण है, क्योंकि सिस्टम में गड़बड़ी है, 100% उपस्थिति दर्ज नहीं हुई है।
अतिथि शिक्षक सुमित अग्रवाल का कहना है कि, जब नियमित शिक्षकों का वेतन मैन्युअल रजिस्टर के आधार पर जनरेट किया जा रहा है, तो फिर सिस्टम की मदद करने वाले अतिथि शिक्षकों का वेतन ई-अटेंडेंस सिस्टम के आधार पर क्यों जनरेट किया जा रहा है। सुमित ने कहा कि डिपार्टमेंट को पहले अपना सिस्टम ठीक करना चाहिए। हमको ई-अटेंडेंस से कोई परेशानी नहीं है परंतु हमने अटेंडेंस लगाई और वह दर्ज नहीं हुई, तो इसके लिए हम वेतन कटवाने को तैयार नहीं है।
सुमित ने कहा कि यदि स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय, हमारी मांग पर ध्यान नहीं देंगे तो हम हर कार्यक्रम में उनसे सवाल करेंगे। हम वैसे भी एक मजदूर से कम वेतन पर कम करते हैं। इतना अत्याचार सहन नहीं कर सकते। रिपोर्ट: शैलेंद्र पटेल।
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