एक तरफ सारी दुनिया संवेदनशील मोड पर खड़ी हुई है वहीं दूसरी तरफ चिंता को बढ़ाने वाली खबर आ रही है। व्हाट्सएप और एप्पल की तरफ से अपडेट दिया गया है कि उन्होंने एक ऐसे साइबर हमले को असफल कर दिया है जो व्हाट्सएप के जारी है एप्पल के आईफोन को हैक करने की क्षमता रखता था। दोनों कंपनियों की ओर से प्रभावित हुए यूजर्स की जानकारी नहीं दी गई है परंतु Amnesty International की चिंता है कि विशिष्ट व्यक्तियों को निशाना बनाया गया है।
हैकर कौन है और उसने क्या फायदा उठाया, पता नहीं चल पाया
दोनों कंपनियों की ओर से जो स्टेटमेंट जारी किए गए हैं उसके बाद यह स्पष्ट हो जाता है कि, कम से कम 90 दिन पहले हैकर्स ने जासूसी शुरू की थी। उन्होंने व्हाट्सएप और एप्पल आईफोन की तकनीकी गड़बड़ी का फायदा उठाया और आईफोन यूजर्स के डेटाबेस में घुसने में सफल हो गए। हैकर्स ने फोन कॉल रिकॉर्ड किया, फोटो वीडियो चुरा लिए, या फिर व्हाट्सएप पर चैटिंग और कॉलिंग को रिकॉर्ड किया, किसी को कुछ नहीं पता। बस इतना पता है कि हमला बेहद गंभीर था। यूजर्स को पता भी नहीं चला क्योंकि व्हाट्सएप के माध्यम से आईफोन में जासूसी सॉफ्टवेयर पहुंच गया और अपना काम करने लगा।
VIPs को पता ही नहीं चला और उनका आईफोन कंप्रोमाइज हो गया
दोनों कंपनियों के स्टेटमेंट से यह भी स्पष्ट होता है कि दोनों के सिक्योरिटी सिस्टम में गड़बड़ी थी, जिसका फायदा उठाया गया। यूज़र ने किसी भी लिंक को क्लिक नहीं किया, किसी को कोई ओटीपी नहीं दिया, यूजर को तो कुछ पता ही नहीं चला और उसका आईफोन कंप्रोमाइज हो गया। इस मामले में सबसे बड़ी चिंता का विषय यह है कि जो विशिष्ट लोग इस हमले का शिकार हुए, वह वीआईपी कौन थे। हालांकि व्हाट्सएप ने अमेरिका में 200 विशिष्ट लोगों को मैसेज भेज कर सूचित किया है कि उन्हें अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तत्काल अपने आईफोन को फैक्ट्री सेटिंग पर रिसेट कर लेना चाहिए और व्हाट्सएप को अपडेट करना चाहिए।
head of the Security Lab at Amnesty International का कहना है कि यह एक "zero-click" हमला था। यूजर की डिवाइस में कोई डिस्टरबेंस नहीं हुआ। उनकी चिंता है कि इस प्रकार की स्थिति के कारण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काम करने वाले पत्रकार और मानवाधिकार कार्यकर्ता खतरे में है। Amnesty International इस मामले की जांच कर रही है और पता लगाने की कोशिश कर रही है कि, हैकर कौन था और उसने किस प्रकार की जानकारी हासिल कर ली है। रिपोर्ट: ललित भारद्वाज, सोर्स: एप्पल और व्हाट्सएप के स्टेटमेंट एवं अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट्स।