भारत वह देश है, जहाँ धरती को भी "माँ" कहा जाता है। चारों ओर सुनाई देता है कि "भारत विश्व गुरु" बनने जा रहा है, और इसी विश्व गुरु वाले देश में गुरुओं का अपमान आए दिन हो रहा है। ऐसा कोई भी व्यक्ति, जिससे हम अपने जीवन में कुछ भी सीखते हैं, वह हमारा गुरु होता है। व्यक्ति ही क्यों, कभी कोई मशीन, कभी कोई जानवर, हो चाहे कोई पेड़-पौधा, हमें कुछ न कुछ सिखा रहे होते हैं, और हम उनका भी सम्मान करते हैं। परंतु इसी देश में साक्षात् गुरुओं के साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है। फिर स्टूडेंट के साथ क्या-क्या होता होगा, यह तो हम कल्पना भी नहीं कर सकते। जब किसी स्टूडेंट का किसी सरकारी नौकरी के लिए सिलेक्शन होता है, तो उसके पूरे परिवार, पूरे घर, पूरे गाँव, पूरे शहर में खुशी की लहर दौड़ पड़ती है। परंतु जब किसी स्टूडेंट का रिजेक्शन होता है, तो उसका साथ देने वाला कोई नहीं होता।
SSC Protest 2025 - देश भर में जितने चयन आयोग, उतने ही स्कैम
राज्य चाहे कोई सा भी हो, चाहे मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, और अब नई चर्चा का विषय बना हुआ है केंद्र सरकार द्वारा संचालित "कर्मचारी चयन आयोग" (SSC)। अब तो ऐसा लगता है कि सभी चयन आयोग एक-दूसरे के साथ कॉम्पिटिशन कर रहे हैं कि कौन कितना बड़ा घोटाला कर सकता है! इसी बात की सबके बीच में होड़ लगी हुई है कि केंद्र सरकार आगे है या राज्य सरकार? कभी केंद्र सरकार आगे निकल जाती है और कभी राज्य सरकार। परंतु नुकसान सिर्फ़ परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों का होता है, "जिनके पैसों से सारे आयोग चल रहे होते हैं"।
SSC Protest Highlights
हाल ही में चल रहे SSC Protest में, जब शिक्षकों और अभ्यर्थियों द्वारा SSC चेयरमैन से सवाल किए गए, तो उन्होंने बताया कि आपकी फीस के पैसे से सड़क बनाई जाती है, जिस पर आप खड़े होकर बात कर रहे हैं।
1. जब परीक्षा के प्रश्नपत्र में सवाल गलत होते हैं (जो कि विभिन्न आयोगों द्वारा बनाए जाते हैं या बनवाए जाते हैं), तो उन गलत क्वेश्चन्स का पैसा भी अभ्यर्थियों से वसूला जाता है, जबकि वह गलत सवाल संबंधित बोर्ड ने नहीं दिए होते हैं। ऑब्जेक्शन लिंक के नाम पर, जिन पर प्रति प्रश्न के हिसाब से अभ्यर्थियों से पैसा वसूला जाता है, जबकि अभ्यर्थी को गलती ढूँढने की शाबाशी देनी चाहिए, न कि सजा!
2. जब अभ्यर्थी परीक्षा देने के लिए जाते हैं, तो ऑनलाइन परीक्षा में कभी उनका सिस्टम सही से काम नहीं करता, कभी उनका माउस सही ढंग से काम नहीं कर रहा होता। ऐसे में अभ्यर्थी को चुपचाप दूसरी सीट पर बिठा दिया जाता है, ताकि कोई बात आगे न बढ़ पाए।
3. हर कदम पर अब स्टूडेंट से ही फीस वसूली जाती है। यहाँ तक कि जब वे एग्ज़ाम देने के लिए किसी दूसरे शहर जाते हैं, तो साधारण-सी बात है कि उनके पास एक बैग तो होता ही है। उस बैग को सुरक्षित स्थान पर रखने के लिए भी एग्ज़ाम सेंटर पर उनसे पैसे लिए जाते हैं।
4. अगर स्टूडेंट कोई डॉक्यूमेंट भूल जाए, तो उसके लिए माफी का प्रावधान नहीं है, परंतु इतना बड़ा आयोग कोई गलती कर दे, तो कोई बड़ी बात नहीं है।
5. सारी ट्रांसपेरेंसी सिर्फ़ एग्ज़ाम कैंडिडेट्स के लिए ही है। वॉटर बॉटल ट्रांसपेरेंट होनी चाहिए, पेन ट्रांसपेरेंट होना चाहिए, एवं सामान कैरी करने के लिए पाउच भी ट्रांसपेरेंट होना चाहिए। परंतु इतने बड़े आयोग के ऊपर कोई ट्रांसपेरेंसी नहीं है!
6. हाल ही में हुए एक SSC एग्ज़ाम में तो कैंडिडेट से यह भी लिखवा लिया गया कि "मेरा एग्ज़ाम बहुत ही अच्छे से संपन्न हुआ", ताकि वह बाहर जाकर एग्ज़ाम हॉल में होने वाली गड़बड़ियों की बात ही न कर सके।
7. कहीं पर भी एग्ज़ाम सेंटर बना दिए जाते हैं, जहाँ पर इंटरनेट कनेक्टिविटी होती ही नहीं है।
इसके अलावा भी अनगिनत कमियाँ, जो कि परीक्षा के दौरान केवल परीक्षा देने वाले अभ्यर्थी ही जानते हैं, जो कभी बाहर नहीं आ पातीं। परंतु सारे निर्देश सिर्फ़ अभ्यर्थियों के लिए होते हैं। जो आयोग परीक्षा ले रहा है, उसके लिए कोई भी निर्देश नहीं होते।
Selection Exam or Rejection Exam
अंत में सिर्फ़ इतना ही कहा जा सकता है कि कोई भी एग्ज़ाम बिना गड़बड़ी के संभव ही नहीं हो पा रहा। आयोग चाहे कोई भी हो, पेपर चाहे किसी भी मोड में हो, ऑनलाइन या ऑफलाइन, सिलेक्शन हो या रिजेक्शन, गड़बड़ होना तो पक्का है। इस गड़बड़ को दूर करना सिर्फ़ सरकार के ही हाथ में है। अतः माननीय सरकार से निवेदन है कि इस तरह अपनी छवि को धूमिल न होने दें! निवेदक - भारत की समस्त चयन परीक्षाओं की तैयारी करने वाले अभ्यर्थी
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