कांग्रेस पार्टी के नेता श्री राहुल गांधी द्वारा बेंगलुरु के एक विधानसभा क्षेत्र में, वोटर लिस्ट में गड़बड़ी के दावे के बाद उत्पन्न हुए विवाद के दौरान आज मध्य प्रदेश के रीवा में में कांग्रेस पार्टी ने "न्याय सत्याग्रह" के नाम से विरोध प्रदर्शन किया। यह विरोध दिल्ली में श्री राहुल गांधी को पुलिस द्वारा हिरासत में लिए जाने के विरोध में किया गया।
रीवा न्याय सत्याग्रह में उपस्थित कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की लिस्ट
कार्यक्रम में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष श्री जीतू पटवारी, नेता प्रतिपक्ष श्री उमंग सिंघार, पूर्व नेता प्रतिपक्ष श्री अजय सिंह ‘राहुल भैया’, कांग्रेस कार्यसमिति सदस्य श्री कमलेश्वर पटेल, पूर्व राज्यसभा सांसद श्री राजमणि पटेल, पूर्व मंत्री एवं विधायक श्री सचिन यादव, श्री ओमकार मरकाम, श्री सुखदेव पांसे, श्री लखन घनघोरिया, विधायक श्री राजेन्द्र सिंह, श्री अभय मिश्रा, श्री सिद्धार्थ कुशवाहा, श्री नारायण पट्टा, श्री फून्देलाल मार्को, श्री कैलाश कुशवाहा, श्री चैन सिंह बरकड़े, श्री दिनेश गुर्जर, श्री हरीबाबू राय, जिला कांग्रेस अध्यक्ष श्री राजेन्द्र शर्मा, महापौर श्री अजय मिश्रा, पूर्व विधायक श्रीमति नीलम अभय मिश्रा, श्री नीरज दीक्षित, श्री लक्ष्मण तिवारी, श्री पज्जन चाचा, महिला कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष श्रीमति विभा पटेल, प्रदेश महासचिव श्रीमति कविता पांडे सहित अनेक वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
जीतू पटवारी ने मध्य प्रदेश में बिजली के स्मार्ट मीटर को हानिकारक बताया
रीवा में सत्याग्रह को संबोधित करते हुए कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष श्री जीतू पटवारी ने सबसे पहले मध्य प्रदेश सरकार को टारगेट करते हुए बिजली कंपनी द्वारा लगाई जा रहे स्मार्ट मीटर का विरोध किया। उन्होंने कहा कि जिन लोगों के बिजली बिल पहले ₹250 आते थे अब ₹8000 तक आ रहे हैं। इसके बाद श्री जीतू पटवारी न्याय सत्याग्रह के मूल विषय पर आए और उन्होंने कहा कि "आज राहुल गांधी देश की संस्थाओं को बचाने के लिए लड़ रहे हैं। उनकी लड़ाई सिर्फ कांग्रेस की नहीं, पूरे भारत के लोकतंत्र की है।”
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष श्री उमंग सिंघार ने कहा, यह आंदोलन जनता की आवाज़ को बुलंद करने, लोकतंत्र की रक्षा और न्याय दिलाने का संकल्प है। भाजपा की तानाशाही और अन्यायपूर्ण नीतियों के खिलाफ हमारी लड़ाई तब तक जारी रहेगी, जब तक प्रदेश की जनता को पूरा इंसाफ नहीं मिलता और सच्चाई की जीत सुनिश्चित नहीं होती।”